पुलिस एवं कारागार की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित, जेल सुधार में राजस्थान देश में नंबर वन - संसदीय कार्य मंत्री
- कामयाब रहा ऑपरेशन फ्लशआउट, दो साल में ट्रेप के 622 प्रकरण, गरीब परिवादियों की मदद के लिए एक करोड़ रूपये का रिवॉल्विंग फंड प्रस्तावित
जयपुर, 8 मार्च। संसदीय कार्य मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि राज्य सरकार का प्रमुख ध्येय पारदर्शी, जवाबदेह व स्वच्छ प्रशासन देना है। इसके लिए प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण स्थापित करने एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने अपने नीतिगत दस्तावेज में इसे शामिल किया हैं। प्रदेश में भय, भूख व भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के लिए जीरो डिस्क्रेशन, जीरो करप्शन और जीरो हैरसमेंट की नीति पर आधारित संकल्प आमजन को सुशासन देने में सदैव तत्पर है।
संसदीय कार्य मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल सोमवार को विधानसभा में मांग संख्या-16 पुलिस एवं मांग संख्या-17 कारागार की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने पुलिस की 74 अरब 33 करोड़ 32 लाख 35 हजार रुपये एवं कारागार की 2 अरब 19 करोड़ 18 लाख 98 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।
जेल सुधार में राजस्थान देश में नंबर वन
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के दो साल के कार्यकाल में जेल विभाग ने सरकार की नीतियों के अनुरूप अच्छा कार्य किया है। कई सुधारात्मक कदम उठाये गये है, जिससे जेल व्यवस्था में सुधार हुआ है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में नवाचारों के जरिये सुधार लाने की नई पहल की शुरूआत की गयी है।
चलाया गया ऑपरेशन फ्लशआउट
उन्होंने बताया कि जेल में मोबाइल एवं निषिद्ध वस्तुओं के प्रवेश तथा बंदियों के द्वारा जेलों में आपराधिक गतिविधियों के संचालन पर अंकुश लगाने के लिए महानिदेशक कारागार द्वारा 21 नवंबर 2020 से ऑपरेशन फ्लशआउट चलाया गया। इसमें जेल, पुलिस एवं एसओजी के द्वारा विभिन्न जेलों में अभियान चलाकर 9141 से अधिक सघन तलाशियां ली गई। अभियान के दौरान समस्त जेलों में आपराधिक कृत्यों, भ्रष्टाचार एवं मिलीभगत में लिप्त स्टॉफ को चिन्हि््त कर अनुशासनात्मक कार्यवाही, जेलों में आंतक का पर्याय बने हुए हार्डकोर बंदियों को कम्फर्ट जोन से अन्यत्र जेलों में स्थानांतरण करने तथा जेलों में बंदियों को उपलब्ध कराई जा रही अनाधिकृत सुविधाओं पर रोक लगाई गई।
अभियान में 150 जेल कार्मिकों को किया गया पुरस्कृत
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि तलाशी में मोबाइल फोन, सिमकार्ड, चार्जर, मादक पदार्थ अन्य निषिद्ध सामग्री बरामद की गई। साथ ही 69 हार्ड कोर बंदियों को दूरस्थ कारागृहों में भेजा गया। आपराधिक वृतियों में लिप्त 128 से अधिक जेल कार्मिकों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की गई। इसमें अच्छे काम करने वाले 150 जेल कार्मिकों को पुरस्कृत किया गया।
प्रदेश की 95 जेलों में ई-पेशी का विस्तार
श्री धारीवाल ने बताया कि कोरोना काल में नियमित न्यायालय पेशी बंद रहने के दौरान 25 जेलों में वीसी से मई, 2020 से जनवरी, 2021 तक 12 हजार 422 बंदियों की पेशी करवाई गई। इस व्यवस्था के तहत 95 जेलों तक ई-पेशी के विस्तार का प्रयास किया जा रहा है। कोरोनाकाल में बंदियों की परिजनों से ई-मुलाकात की नई व्यवस्था शुरू की गयी। इसके तहत 81 हजार 936 ई-मुलाकात करवाई जा चुकी है। साथ ही प्रिजन इन्मेट कॉलिंग सिस्टम से जून, 2018 के बाद 47 हजार 109 बंदियों को परिजनों से एसटीडी पर बात कराई गयी। इन सभी कार्यो के तहत केंद्र सरकार के एनआईसी द्वारा विकसित पोर्टल ई-प्रिजन पर कार्य में राजस्थान देश में अग्रणी रहा है।
जेल कार्मिकों को कोरोना वॉरियर्स का दर्जा
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने जेल विभाग के कार्मिकों को कोरोना वारियर्स का दर्जा दिया। इसमें कर्मियों की कोरोना ड्यूटी करते हुए कोरोना से मृत्यु होने पर 50 लाख रूपए देने की घोषणा की गयी है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में विभाग के 2855 स्टॉफ व बंदी पॉजिटिव हुए थे। वर्तमान में कोविड संक्रमित स्टॉफ व बंदियों की संख्या शून्य है।
जेल बंदियों की मजदूरी में 20 प्रतिशत वृद्धि
उन्होंने बताया कि जेल श्रम में नियोजित बंदियों को पूरी मजदूरी मिले, इसके लिए नियोजित बंदियों की मजदूरी में लगभग 20 प्रतिशत वृद्धि की गयी। इसे सामान्य श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी के समान कर दिया गया है।
जेलों में हटाया जातीय बंधन
राज्य सरकार ने 2 फरवरी 2021 को ऎतिहासिक निर्णय लेकर राजस्थान कारागार नियम में संशोधन कर कारागार नियमों में कई शब्द व प्रावधान को हटा दिया है। इससे जातिगत आधार पर बंदियों को काम के बंटवारे में असमानता एवं भेदभाव खत्म हो गया है।
12वीं रैंक से आये नंबर 1
श्री धारीवाल ने बताया कि जेल विभाग जेलों में सुधारों की दृष्टि से देश में अग्रणी राज्य रहा है। प्रतिष्ठित टाटा ट्रस्ट की इंडिया जस्टिस रिपोर्ट वर्ष 2020 में जेल सुधारों के दृष्टि से राजस्थान को पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। गत वर्ष यह रैंक 12वीं थी।
नई जेलों के लिए मिलेगी सस्ती जमीन
उन्होंने बताया कि जहां-जहां जेल घनी आबादी के बीच में आ गयी, वहां जेल प्रशासन को स्थानीय निकायों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर सस्ती दर पर जमीन आवंटित की जायेगी। जेल मैनुअल का नया प्रारूप तैयार हो चुका है। जल्द ही स्वीकृत मिल सकती है। जेलों की अतिरिक्त भूमि पर इनकम बढ़ाने के प्रयास किये जायेंगे।
बजट में हुई कई घोषणायें
श्री धारीवाल ने बताया कि जेलों में सुधार की दृष्टि से कैंदियों के रहने की बैरक, भोजन शाला एवं शौचालयों इत्यादि की मरम्मत-सुदृढ़ीकरण, 40 खुले बंदी शिविरों में 240 आवासों का निर्माण, 26 जिला कारागृहों में एम्बुलेन्स एवं सुरक्षा उपकरण जैसे एन.एल.जे.डी. इत्यादि उपलब्ध कराने तथा उच्च सुरक्षा कारागृह, अजमेर के सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण संबंधी कार्य करवाये जाने प्रस्तावित है। इन पर लगभग 31 करोड़, 50 लाख रूपए की लागत आएगी।
दो साल में ट्रेप के 622 प्रकरण
उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2019 और 2020 में ट्रेप के 622 प्रकरण, पद दुरूपयोग के 122 प्रकरण और आय से अधिक संपत्ति के 43 प्रकरणों दर्ज कर कार्यवाही की गयी। उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार के वर्ष 2017 और 2018 में यह संख्या क्रमशः 539, 210 और 27 ही थी। यानी वर्तमान सरकार ने गुणवत्ता रूप से बेहतर कार्य करते हुए अधिक कार्यवाही की। इनमें 204 राजपत्रित अधिकारी व केंद्र सरकार के अधिकारी भी शामिल हैं। गत दो माह में भी ब्यूरो द्वारा 57 टे्रप प्रकरण की कार्यवाही की गई है। उन्होंने बताया कि संजय जैन और गजेंद्र सिंह शेखावत के मामले में एसीबी को तेजी से जांच करने के निर्देश दिये गये है।
टोल फ्री नंबर 1064 पर 3072 कॉल हुए प्राप्त
उन्होंने बताया कि भ्रष्ट लोक सेवकों के विरूद्ध सुलभ ओर सक्षम रूप से सूचना देने के लिए एक टोल फ्री नम्बर 1064 की सेवा 24 जून, 2020 को शुरू की गई। इस पर 3572 कॉल में 900 शिकायतें रिश्वत मांगने संबंधित थी, जिनमें 10 मामले ट्रेप किये गये। वहीं, व्हाट्सएप नंबर 9413502834 पर 6124 संदेशों में से ट्रेप की 28 कार्यवाही की गयी। इस व्यवस्था की मॉनिटरिंग प्रमुख शासन सचिव, गृह विभाग की अध्यक्षता में की जा रही है।
केस ऑफिसर स्कीम को और प्रभावी करने की तैयारी
उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के प्रकरणों के लिये राज्य में 17 विशिष्ठ न्यायालय कार्यरत हैं। अभियोजन अधिकारियों एवं ब्यूरो के अधिकारियों के बीच प्रभावी सामंजस्य स्थापित कर इस वर्ष केस ऑफिसर स्कीम को और प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया जाएगा, जिससे दोषियों को शीघ्र सजा मिल सके।
सजायाबी 52.83 प्रतिशत रहा
उन्होंने बताया कि गत वर्ष कुल 56 प्रकरणों में विभिन्न न्यायालयों द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत कुल 71 आरोपीगणों को सजा सुनाई गई, जिनमें 61 लोक सेवक एवं 10 निजी व्यक्ति हैं। लोक सेवकों में से 6 राजपत्रित अधिकारी एवं 55 अपराजपत्रित कर्मचारी हैं। कुल सजायाबी प्रतिशत 52.83 रहा है।
एक करोड़ रूपये का रिवॉल्विंग फंड प्रस्तावित
उन्होंने बताया कि भ्रष्ट लोकसेवकों को ट्रेप कराने के लिए गरीब परिवादियों की मदद के लिए एक करोड़ रूपये का रिवॉल्विंग फंड प्रस्तावित है। इसके तहत अत्यन्त गरीब परिवादियों को सत्यापन के बाद टे्रप के लिए राशि उपलब्ध करवाई जाकर न्यायालय से राशि छूटने के बाद इसी फंड में वापस जमा कराई जाएगी।
तकनीकी उपकरणों से लैस होंगी इकाईयां श्री धारीवाल ने बताया कि ब्यूरो की विभिन्न 59 इकाइयों को नये तकनीकी उपकरण व संसाधन उपलब्ध कराने के लिए 59 लाख रूपये और मुख्यालय को 10 लाख रूपये का विशेष बजट उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है।
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