सड़कें एवं पुल की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित : प्रति विधानसभा 5 करोड़ रूपये के निर्माण कार्य होंगे शुरू - संसदीय कार्यमंत्री
- बांसवाड़ा व डूंगरपुर जिलों को जोड़ने वाली नदी पर बनेगा पुल
- सड़क निर्माण में 1 हजार 176 टन प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग
- पीएमजीएसवाई में 8663 कि.मी सड़कों का अपग्रेडेशन होगा
जयपुर, 17 मार्च। संसदीय कार्यमंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि आर्थिक विकास के मापदंडों में सड़क एक ऐसी आधारभूत संरचना है। यह अन्य आधारभूत संरचनाओं के विकास का भी आधार है। किसी भी क्षेत्र की विकास प्रक्रिया एवं आधारभूत ढांचे के सुदृढ़ीकरण में सड़क तंत्र को मजबूत बनाना राज्य सरकार का प्राथमिक कार्य है।
उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र का आधारभूत विकास सड़कों के बिना संभव नहीं है। राज्य का सार्वजनिक निर्माण विभाग सड़क तंत्र को सुदृढ़ करने व विस्तारित करने एवं इनके उचित रख-रखाव के लिए उत्तरदायी है।
श्री धारीवाल विधानसभा में मांग संख्या 21 (सड़कें एवं पुल) की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने सड़कें एवं पुल की 77 अरब 83 करोड़ 47 लाख 69 हजार रूपये की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी।
दो साल में 26 हजार 530 कि.मी सड़कों का विकास कार्य
श्री धारीवाल ने बताया कि पिछले 2 वर्ष 2 माह में 26,530 कि.मी लंबाई में सड़कों के विकास कार्य पूर्ण किये गये है। इनमें से 4480 कि.मी लंबाई की नयी ग्रामीण सड़कों का निर्माण कर 243 गांवों को लाभांवित किया है। साथ ही 3286 कि.मी लंबाई में राज्य राजमार्गो व जिला सड़कों व 1828 किलोमीटर लंबाई में ग्रामीण सड़कों के विकास कार्य करवाये गये है। इन पर 11,864 करोड़ रूपये का कुल व्यय किया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा स्वीकृत कार्यो को करवाने के साथ 6096 करोड़ रूपये लागत के 4248 नवीन कार्य स्वीकृत कर शुरू किये गये है। इनसे 17,786 कि.मी लंबाई में सड़कों का निर्माण होगा। इनमें 15 नवीन पुलों व आरओबी का निर्माण कार्य भी शामिल है।
5900 से अधिक सड़क कार्य प्रगति पर
उन्होंने बताया कि वर्तमान में 10 हजार करोड़ रूपये से भी अधिक लागत के 5900 से अधिक सड़क कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कोविड-19 से वित्तीय संसाधनों में कमी आई है। इसके बावजूद लंबित बिलों का भुगतान करने के लिए उचित बजट का प्रावधान कर संवेदकों को भुगतान का प्रयास किया जा रहा है।
प्रति विधानसभा 5 करोड़ रूपये के निर्माण कार्य होंगे शुरू
उन्होंने बताया कि 2011 की जनसंख्या को आधार पर प्रथम चरण में 500 व अधिक आबादी के 330 गांवों तक सड़क सुविधा पहुंचाने के लिये 1314 कि.मी लंबाई में डामर की सड़कों का निर्माण व 183 ग्राम पंचायतों पर विकास पथों का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि नोन-पेचेबल सड़कों का सुदृढ़ीकरण व नवीनीकरण या मिंसिंग लिंक सड़कों के प्रति विधानसभा 5 करोड़ रूपये के निर्माण कार्य स्वीकृत कर शुरू कराये जायेंगे।
मरम्मत योग्य सड़कों की मरम्मत लगभग पूर्ण
उन्होंने बताया कि गत वर्षाकाल में अधिक वर्षा से सड़कें अधिक क्षतिग्रस्त होने के बाद इस वित्तीय वर्ष में वर्षा पष्चात सडकों की मरम्मत अभियान के रूप में की गयी। अभियान से पूर्व 48,656 कि.मी लंबाई में सड़कें मरम्मत योग्य थी, जिनका कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। राज्य के 15 जिलों में विभाग की 3374 सड़कों की मरम्मत के लिए आपदा राहत कोष के जरिये 83 करोड़ 67 लाख रूपये लागत के कार्य प्रगति पर है।
आगामी बजट में 8 आरओबी का निर्माण होगा शुरू
श्री धारीवाल ने बताया कि राज्य के 6 रेलवे फाटकों पर आरओबी निर्माण का कार्य इस वित्तीय वर्ष में पूरा किया गया और 34 आरओबी का कार्य प्रगति पर है। अगले बजट में कुल 8 आरओबी का निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा। इसके अलावा 8 नये स्थानों पर आरओबी निर्माण कार्य की डीपीआर तैयार करायी जायेगी। राज्य में 19 रेलवे क्रॉसिंग स्थानों पर आरयूबी का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। अभी 13 स्थानों पर आरयूबी का निर्माण प्रगति पर है। साथ ही 24 नवीन आरयूबी निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। फतेहपुर में एलसी 32 पर आरयूबी का निर्माण कार्य भी शुरू करवाया जायेगा।
बांसवाड़ा व डूंगरपुर जिलों को जोड़ने वाली नदी पर बनेगा पुल
उन्होंने बताया कि बेणेष्वर धाम में बांसवाड़ा व डूंगरपुर जिलों को जोड़ने वाली नदी पर, खातोली-सवाई माधोपुर सड़क पर जरेल के पास चंबल नदी पर व बांसवाड़ा जिले में गलियाकोट-बड़िया सड़क पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कार्य आगामी वर्ष में शुरू होगा। राज्य के 9 स्थानों पर उच्च स्तरीय पुलों का निर्माण, चंबल नदी पर सोने का गुर्जा सहित कार्य शुरू होगा। राज्य राजमार्ग संख्या 120 पर स्थित गोठड़ा कलां, जिला कोटा में चंबल नदी पर उच्च स्तरीय पुल के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार करायी जायेगी।
पीएमजीएसवाई में 8663 कि.मी सड़कों का अपग्रेडेशन होगा
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के फेज तृतीय में मार्च 2025 तक प्रदेश की 8663 कि.मी लंबाई की कृषि विपणन केंद्रों, माध्यमिक विद्यालयों व अस्पतालों को जोड़ने वाली ग्रामीण सड़कों का अपग्रेडेशन लगभग 4245 करोड़ रूपये की लागत से किया जायेगा। इसके प्रथम चरण में 5821 कि.मी लंबाई की 611 ग्रामीण सड़कों के अपग्रेडेशन कार्य 3122 करोड़ रूपये की लागत से शुरू किये गये है। इनमें 6 पुलों का कार्य भी शामिल है। इनको आगामी वर्ष तक पूरा कर लिया जायेगा।
अच्छे कार्य के लिए मिले 307 करोड़ रूपये
श्री धारीवाल ने बताया कि पीएमजीएसवाई में राज्य को अच्छा कार्य करने के लिए 307 करोड़ का वित्तीय प्रोत्साहन भी मिला है। जिसकी स्वीकृति सड़कों के मरम्मत एवं सुधार आदि के लिए जारी कर दी गई है।
राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में अग्रणी बन रहा राजस्थान
संसदीय कार्यमंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने बताया कि राज्य सरकार के सतत प्रयासों के चलते राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के क्षेत्र में राजस्थान राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बन गया है। वर्तमान में राज्य में 10,618 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। इनमें 2 हजार 314 करोड रूपये की लागत से 444 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों को विकसित किया गया है। साथ ही, 250 किलोमीटर लंबाई में नवीनीकरण करवाया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 817 किलोमीटर के 37 कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग के माध्यम से प्रगतिरत हैं। इनकी लागत 4 हजार 218 करोड रूपये है।
श्री धारीवाल ने बताया कि भारतमाला योजना अंतर्गत दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे के लिए 4,174 हेक्टेयर और अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस-वे के लिए 5,032 हेक्टेयर भूमि अवाप्त कर हस्तांतरित कर दी गई है। केंद्रीय सडक आधारभूत निधि योजना के अन्तर्गत 290 करोड रुपये का व्यय कर 1 आर.ओ.बी., 1 पुल और 297 किलोमीटर लंबी राज्य सडकों को विकसित किया गया है। वर्तमान में 361 करोड रूपये लागत के 78 किलोमीटर लंबे 8 कार्य प्रगतिरत हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार से वर्ष 2020-21 में 723 करोड रूपये लागत के 32 कार्यों की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
33 जिलों में स्टेट हाइवे का काम जोरों पर
संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि आगामी वर्ष में 1,565 करोड रुपये की लागत से 619 किलोमीटर लंबाई के 10 राज्य राजमार्गों का काम शुरू किया जाएगा। इन स्टेट हाइवे से 10 जिले लाभान्वित होंगे। इसके अलावा, आगामी वर्षों में 2,315 करोड रुपये की अनुमानित लागत से 972 किलोमीटर लंबाई के 17 राज्य राजमार्गों और मुख्य जिला सडकों को भी विकसित किया जाएगा। इन सडकों से 16 जिले लाभान्वित होंगे।
नवाचार से पर्यावरण को कर रहे संरक्षित
श्री धारीवाल ने बताया कि राज्य में डामर सडकों के निर्माण में प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग किया जा रहा है। इससे न केवल पर्यावरण का संरक्षण होगा बल्कि सड़कें भी ज्यादा टिकाऊ बनेंगी। वर्तमान में पीएमजीएसवाई, आरआईडीएफ और एनएच के तहत 2,091 किलोमीटर के डामरीकरण कार्य में 1,176 टन प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग किया गया है।
उन्होंने बताया कि दिसंबर, 2020 से संवेदकों का ई-पंजीयन शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में जीडब्ल्यूएमएस के माध्यम से ऑनलाईन स्वीकृतियां भी जारी की जा रही है। सडकों के सुधार और रख-रखाव के लिए ’नेटवर्क सर्वे व्हीकल’ से सडक नेटवर्क की जानकारी एकत्रित की जा रही है। उन्होंने बताया कि 2 हजार किलोमीटर का पायलट डेटा इकट्ठा कर लिया गया है और जून, 2021 के आखिर तक इसे तैयार कर लिया जाएगा।
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