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29,009 करोड़ रुपये लागत की 11 एनएच परियोजनाओं के प्रकरणों की समीक्षा : एनएच परियोजनाओं के ऊर्जा विभाग में लम्बित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए निगरानी समिति का गठन होगा


जयपुर, 3 मार्च। सार्वजनिक निर्माण विभाग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के ऊर्जा विभाग में लम्बित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया जाएगा। बुधवार को विद्युत भवन में पीडब्ल्यूडी के प्रमुख शासन सचिव श्री राजेश यादव तथा ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री दिनेश कुमार की एक संयुक्त समीक्षा बैठक में इस समिति के गठन का निर्णय लिया गया।

श्री यादव ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के माध्यम से प्रदेश में चल रही एनएच परियोजनाओं के ऊर्जा विभाग में लम्बित प्रकरणों को प्राथमिकता से निस्तारित किया जा सके, इसके लिए निगरानी समिति का गठन किया जा रहा है।

श्री यादव तथा श्री कुमार ने कहा कि प्रदेश से गुजरने वाले दिल्ली-मुम्बई एवं अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस वे कॉरिडोर सहित सभी एनएच परियोजनाओं के लम्बित मुद्दों का समय पर निस्तारण किया जाए।

श्री यादव ने कहा कि अमृतसर-जामनगर तथा दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे कॉरिडोर प्रदेश से कुल एक हजार 11 किलोमीटर लम्बाई में गुजरने वाली राष्ट्रीय महत्व की दो महत्वपूर्ण परियोजनाएं हैं। पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई, ऊर्जा विभाग तथा वन एवं पर्यावरण विभाग आपसी समन्वय और शीघ्रता से कार्य कर इन्हें समयबद्ध रूप से पूर्ण करने का प्रयास करेंगे।

बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग एवं पीपीपी परियोजना के अंतर्गत जोधपुर-सोजत सेक्शन, कनवास-खानपुरा राज्य परियोजना, कवई बाइपास, छीपाबड़ौद बाइपास, अकलेरा बाइपास, नागौर बाइपास तथा एनएच-113 के जुड़े विभिन्न प्रकरणों की विस्तार से समीक्षा की गई।

श्री यादव तथा श्री कुमार ने लगभग 29 हजार 9 करोड़ रूपये लागत की कुल 11 परियोजनाओं के लम्बित प्रकरणों की प्रगति की समीक्षा की तथा विभिन्न लम्बित प्रकरणों का निस्तारण किया। 

इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारी, पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता, एनएच, श्री डी.आर.मेघवाल, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुख्य अभियंता एवं क्षेत्रीय अधिकारी श्री आलोक दीपांकर भी उपस्थित थे।

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