अवैध खनन पर रोक के लिए खनन योग्य भूमि पर खानों के आवंटन में तेजी लाएं - मुख्य सचिव
जयपुर, 11 फरवरी। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने राज्य में सस्टेनेबल खनन पर जोर देते हुए कहा है कि खनन योग्य भूमि पर खानों के आवंटन कार्य में तेजी लाएं ताकि प्रदेश में अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाई जा सके। उन्होंने बजरी के अवैध खनन पर कारगर रोक लगाने के लिए संबंधित विभागों द्वारा संयुक्त कार्यवाही करने को कहा।
मुख्य सचिव श्री आर्य ने यह निर्देश गुरुवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय स्पेशल टास्क फोर्स की वर्चुअल बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकना सरकार के प्राथमिकता है। अवैध खनन के कारण संगठित अपराध बढ़ने के साथ ही राज्य सरकार को राजस्व की हानि भी हो रही है। उन्होंने खान आवंटन की कार्यवाही में आ रही बाधाओं को दूर करने की निर्देश देते हुए संबंधित विभागों में परस्पर समन्वय बनाकर कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि जिला स्तर व उपखण्ड स्तर पर गठित एसआईटी की बैठकें भी नियमित आयोजित की जाएं।
मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने बताया कि राज्य में बजरी, मेरनरी स्टोन और सेण्ड स्टोन के ही अवैध खनन के अधिक प्रकरण सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बजरी आदि के अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाने के लिए खान, पुलिस व परिवहन विभाग परस्पर सहयोग से संयुक्त कार्यवाही करें। उन्होंने बताया कि बजरी पर रोक के आदेश 16 नवंबर, 2017 के बाद से अब तक बजरी के अवैध खनन व परिवहन के 34 हजार 72 प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा 207 करोड़ रुपयें की पेनल्टी वसूल की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन से निगरानी करने, संयुक्त अभियान चलाने और सतर्कता विंग को मजबूत बनाया जाए।
प्रमुख सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम श्री अजिताभ शर्मा ने कहा कि वैध खनन पट््टों के आवंटन में प्रशासनिक स्तर पर होने वाली कठिनाइयों खासतोर से नगरीय क्षेत्र, वन पुष्टि एवं ईसी से अनुमति की कठिनाइयों को दूर करते हुए तय समय सीमा में संबंधित विभागों द्वारा कार्यवाही की जाए। उन्होंने बताया कि अवैध परिवहन पर रोक के लिए जीपीएस युक्त वाहनों का उपयोग अनिवार्य करने पर भी गंभीरता से विचार करना होगा।
प्रमुख सचिव श्री शर्मा ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 9 फरवरी, 12 की बैठक में दिए गए निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि भूमि के स्वामित्व के आधार पर अवैध खनन की रोकथाम की विभागवार जिम्मेदारी तय है। उन्होंने बताया कि वन भूमि पर अवैध खनन पर वन विभाग, खातेदारी एवं चरागाह पर राजस्व विभाग व राजकीय भूमि पर खान विभाग को अवैघ खनन की रोकथाम की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों द्वारा भी कार्यवाही की जाती है तो अवैध खनन पर प्रभावी कार्यवाही हो सकेगी।
श्री शर्मा ने बताया कि खान विभाग अवैध खनन को रोकने और खनन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कार्ययोजना भी तैयार कर रहा है।
बैठक में प्रमुख सचिव गृह श्री अभय कुमार, प्रमुख सचिव वन व पर्यावरण श्रीमती श्रेया गुहा, प्रमुख सचिव विधि श्री विनोद भारवानी, अतिरिक्त डीजी पुलिस श्री सौरभ श्रीवास्तव, डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा, निदेशक माइंस श्री कुंज बिहारी पण्ड्या व एसएमई विजिलेंस श्री एनएस शक्तावत ने हिस्सा लिया।
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