साइबर अपराध की रोकथाम के लिए राजस्थान विधिक सेवा प्राधिकरण ने उठाए प्रभावी कदम
जयपुर, 12 फरवरी। इन्टरनेट के बढते प्रयोग से साइबर अपराध घटनाओं में हो रही वद्धि की रोकथाम के लिए राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सभी जिला मुख्यालयों पर वकालात कर रहे अधिवक्ताओं के लिए शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में राजस्थान उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश एवं रालसा के कार्यकारी अध्यक्ष श्री संगीत लोढा ने बताया कि भारत में पिछले 5 वर्षाे में साइबर अपराध में 450 प्रतिशत से अधिक वृद्धि देखी गई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ो के अनुसार वर्ष 2016 में 12317 वर्ष 2017 में 21796 वर्ष 2018 में 27248 व वर्ष 2019 में 44546 साइबर अपराध के मामले दर्ज हुए है। समय की आवश्यकता है कि एक अधिवक्ता को तकनीकी-कानूनों व कम्प्यूटर, नेटवर्क संचार उपकरणों के तकनीकी पहलुओं से अच्छी तरह से अवगत हो ताकि ई-कॉमर्स ई-कॉन्ट्रैक्ट और डिजिटल हस्ताक्षर, बौद्धिक संपदा अधिकार साइबर अपराधों से निपटने में अपने पक्षकारों का योग्य प्रतिनिधित्व प्रदान कर सके।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के माध्यम से प्राप्त नवीन जानकारी न केवल दैनिक जीवन के लिए उपयोगी होगी, अपितु आपके व्यावसायिक क्षेत्र के लिए भी अत्यंत लाभप्रद होगी। इस अवसर पर न्यायाधीपति श्री संगीत लोढा ने साइबर अपराध व साइबर सुरक्षा पर रालसा द्वारा प्रकाशित पुस्तक व पैम्फलेट सोशल मीडिया का विमोचन भी किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री निक्षित दीक्षित द्वारा साइबर क्राइम व साइबर लॉज विषय पर साइबर अपराधों से बचने की आवश्यक जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में डॉ. सी.बी. शर्मा सेवानिवृत आई.पी.एस व डॉ. नीतु नुवाल प्रोफेसर करियर प्वॉइन्ट युनिवर्सिटी कोटा द्वारा इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी के सुरक्षित उपयोग व महिलाओं के विरूद्ध साइबर अपराधों के संबंध में व्याख्यान देकर प्रशिक्षणार्थी अधिवक्ताओं का ज्ञानवर्धन किया।
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