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लाभार्थी को सहायता देने में कहीं भी कोई कौताही नहीं बरती - श्रम राज्य मंत्री


जयपुर, 15 फरवरी। श्रम राज्य मंत्री श्री टीकाराम जूली ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि श्रमिक कल्याण के लिए राज्य सरकार ने पिछले दो वर्षों में 1518 आवेदन स्वीकृत कर सहायता दी है। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा जुलाई 2009 से वर्ष 2018 तक के 396 आवेदनों से कई गुना अधिक है। कोविड-19 में जरूर आवेदनों की संख्या बढ़ी, लेकिन काम करने में कही भी कौताही नहीं बरती गई है।

श्री जूली ने प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गये पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि लंबित आवेदनों को भी जल्द से जल्द स्वीकृत कर सहायता पहुंचाई जाएगी। रामगंज मंडी में पिछले 2 वर्षों 1770 लाभार्थियों को सहायता दी गयी है। इसके लिए 1 करोड़ 70 लाख रुपये का भुगतान किया। जबकि जुलाई 2009 से वर्ष 2018 तक के 396 आवेदनों में तो सिर्फ 54 लाख रुपये का ही भुगतान हुआ था।

श्रम राज्यमंत्री ने कहा कि आवेदनों में कमी होने पर आवेदक को नियमानुसार 30 दिन का समय दिया जाता है, लेकिन हमनें मानवता दिखाते हुए उन्हें 60 दिन का समय दिया। आवेदकों को सहायता देने के लिए पूरी छूट दी, वे 60 दिन बाद भी आवेदन पर अपील कर सके। अब आवेदक के मोबाइल पर भी संदेश दिया जायेगा। ताकि आवेदन पूरा कर सके। हम एक माह में सभी योजनाओं के लंबित आवेदनों को पूरा कर सहायता प्रदान करेंगे।

इससे पहले विधायक श्री मदन दिलावर के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्रम राज्य मंत्री ने बताया कि भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक (नियोजन एवं सेवा शर्तो का विनियमन) अधिनियम, 1996 की धारा-12 के अन्तर्गत भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्यो में नियोजित श्रमिकों का पंजीयन किये जाने का प्रावधान है। मंडल द्वारा पंजीत निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए 13 कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जाता है।

श्रम राज्य मंत्री ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र रामगंज मंडी में विगत 5 वर्ष में कुल 2211 हिताधिकारियों को मंडल द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से लाभ दिया गया। योजनाओं में प्राप्त कुल 4173 योजनाओं के आवेदनों में से 2211 आवेदन स्वीत, 926 अस्वीत, 284 आवेदन हिताधिकारी के स्तर पर और 752 आवेदन विभागीय स्तर पर लंबित है। इनमें भी ज्यादातर छातर््वृति से संबंधित और अपूर्ण आवेदन प्रस्तुत करने, कांट-छांट किये दस्तावेज अपलोड करने, अस्पष्ट दस्तावेज प्रस्तुत करने, वांछित दस्तावेजों को अनलान पोर्टल पर अपलोड नहलृ करने एवं उपयुक्त समय में हिताधिकारी द्वारा आक्षेपपूत नहलृ किए जाने के कारण आवेदन लंबित है। वह भी जल्द स्वीकृत होंगे। 

श्री जूली ने ने बताया कि संवेदनशीलता के आधार पर लंबित आवेदनों के शीघ्र निस्तारण का हर संभव प्रयास विभाग कर रहा है। लंबित आवेदनों का निस्तारण वरीयता के आधार पर ’पहले आओ पहले पाओ’ से कर रहे है। सिलिकोसिस सहायता, मृत्यु सहायता, प्रसूति सहायता, शिक्षा सहायता एवं टूलकिट सहायता के आवदनों को वरीयता देकर निस्तारित किया जा रहा है।

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