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यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी का प्रथम दीक्षांत समारोह : विद्यार्थी और बुद्धिजीवी आधुनिक भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएं - पूर्व राष्ट्रपति


सफलता के लिए देश और समाज में स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार करे - जलदाय मंत्री

जयपुर, 20 फरवरी। पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने विद्यार्थियों व बुद्धिजीवियां का आह्वान किया है कि वे देश् के विकास के साथ ही आधुनिक भारत के निर्माण में अपनी अहम् भूमिका निभाएं, उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ सामाजिक दायित्व निभाना भी हमारा कर्तव्य है। श्रीमती पाटिल शनिवार को जयपुर में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, वाटिका के प्रथम दीक्षांत समारोह को वर्चुअल माध्यम से मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थी।

श्रीमती पाटिल ने विद्यार्थियों को देश का भविष्य बताते हुए कहा कि संस्थान उनको अच्छे संस्कार और मानवीय मूल्यों से परिपूर्ण शैक्षणिक माहौल दें ताकि वे इनको आत्मसात कर अपने कॅरियर में ऊंचाईयां तय करते हुए देश की साख बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकारें महत्वपूर्ण कदम उठा रही हैं। निजी विश्वविद्यालय भी इस दिशा में अपना बड़ा योगदान दे रहे है। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्रों द्वारा कई क्षेत्रों में अर्जित विशेष उपलब्धियों की भी सराहना की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि विद्यार्थी शिक्षा संस्थानों में अर्जित ज्ञान का उपयोग देश और समाज में स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार करने में करे, यह उनके सफल और सुखद भविष्य के लिए मददगार होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्थानों में विद्यार्थी विविध सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक पृष्ठभूमि से आते हैं, यहां उनको अपने वैचारिक दृष्टिकोण के विकास के साथ-साथ उदारता, सहिष्णुता और भाईचारे के भावों को ग्रहण करने का अवसर मिलता है। यह बहु सांस्कृतिक पृष्ठभूमि उनके जीवन को समृद्ध, मजबूत और सामाजिकता से परिपूर्ण आधारशिला प्रदान करती है।

जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों का शैक्षणिक माहौल और शिक्षकों का मार्गदर्शन उनको पूरी ऊर्जा के साथ चुनौतियों का सामना करने के लिए परिपक्व बनाता है, लेकिन यह बहुत कुछ विद्यार्थियों पर निर्भर करता है कि वे अपनी आकांक्षाओं को आकार देने में कितनी गम्भीता और ईमानदारी से जुटते हैं। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थी जीवन का ऎसा महत्वपूर्ण मोड़ होते हैं, जहां से वे नई उम्मीदों के साथ आगे कदम बढ़ाने के सपने संजोते हैं। उन्होंने समारोह में उपाधियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से कहा कि वे हमेशा अपने जीवन मे इस ध्येय और सोच के साथ आगे बढ़े कि ‘मुझे देश के लिए क्या करना चाहिए‘ तथा सदैव अपने ज्ञान व अध्ययन का उपयोग पीड़ित मानवता की सेवा, मानव कल्याण और देश के उत्थान में करे।

कार्यक्रम में डॉ. कल्ला ने पूर्व राज्यपाल पद्म श्री डॉ. डी. वाई. पाटिल एवं डॉ. एच.सी. गणेशीया को डीलिट् तथा डॉ. अरविन्द को पैरामेडिकल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पीएचडी की उपाधि प्रदान की। इसके अलावा समारोह में शोद्यार्थियों एवं विद्यार्थियों को पीएचडी, पोस्ट ग्रेज्यूशन, स्नातक व डिप्लोमा प्रमाण पत्र भी कोविड महामारी के लिए जारी राज्य सरकार के दिशा निर्देशों की पालना करते हुए प्रदान किए गए। 

कार्यक्रम से वर्चुअल माध्यम से जुड़े सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने दीपशिखा कला संस्थान और यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्नोलॉजी द्वारा शिक्षा व समाज सेवा में दिये जा रहे योगदान की सराहना करते हुए विद्यार्थियों के उज्त्वल भविष्य की कामना की। समारोह को पूर्व राज्यपाल व शिक्षाविद् डॉ. डी. वाई. पाटिल, कैट के चेयरमैन जस्टिस प्रमोद कोहली, विश्व हिन्दी परिषद् के चेयरमैन डा. एच. सी. गणेशिया और नाईजीरिया के हाई कमिश्नर डा. क्रिस नवारो ने भी संबोधित किया। चेयरमैन श्री प्रेम सुराणा ने विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अब तक के सफर और महत्वपूर्ण उपलब्धि्यों पर प्रकाश डाला। इस मौके पर वाईस चेयरमैन अंशु सुराणा, प्रोफेसर वी.एन. प्रधान, श्री अंकित गांधी सहित शिक्षाविद्, विद्यार्थी, अभिभावक और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

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