विधानसभा में शोकाभिव्यक्ति
जयपुर, 10 फरवरी। पंद्रहवी राज्य विधान सभा के षष्ठम् सत्र के पहले दिन बुधवार को विधानसभा में उत्तरप्रदेश के पूर्व राज्यपाल श्री मोतीलाल वोरा, बिहार के पूर्व राज्यपाल श्री बूटा सिंह , गोवा की पूर्व राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा, असम के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अरूण गोगोई, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री श्री माधवसिंह सोलंकी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री सतीश प्रसाद सिंह, पूर्व सांसद श्रीमती किरण माहेश्वरी, श्री शिवचरण सिंह, श्री महावीर भगोरा एवं श्री पृथ्वीराज तथा राज्य विधानसभा के सदस्य मास्टर भंवरलाल मेघवाल एवं श्री गजेन्द्र सिंह शक्तावत, राज्य विधानसभा के पूर्व सदस्य श्री मानिकचंद सुराना, श्री हीरालाल, श्री महावीर जीनगर, श्री ललित भाटी, श्री हेमन्त कुमार, श्री भाणजी, श्री रावतराम एवं श्री जगमोहन सिंह के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुये श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं के प्रति शांति और उनके परिजनों को बिछोह सहन करने के लिए शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने शोक प्रस्ताव रखते हुए दिवंगत व्यक्तियों द्वारा राजनीतिक, सामाजिक एवं अन्य क्षेत्रों में दी गई सेवाओं की सराहना की। श्री जोशी ने उत्तरप्रदेश के पूर्व राज्यपाल श्री मोतीलाल वोरा द्वारा निभाई गई जिम्मेदारियों का उल्लेख करते हुए कहा कि वे छः बार मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे तथा दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। कुशल प्रशासक श्री वोरा राज्यसभा तथा बारहवीं लोकसभा में सांसद भी रहे। इस दौरान वे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मंत्री रहे। वे वर्ष 1993 से 1996 तक उत्तरप्रदेश के राज्यपाल के पद पर आसीन रहे। उनका निधन 21 दिसम्बर,2020 को हो गया।
डॉ. जोशी ने बिहार के पूर्व राज्यपाल श्री बूटा सिंह के व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए कहा कि श्री सिंह तीसरी, चौथी, पांचवी, सातवीं, आठवीं, दसवीं , बारहवीं तथा तेरहवीं लोकसभा में सांसद रहे। उन्होंने आठवीं, दसवीं , बारहवीं तथा तेरहवीं लोकसभा में जालौर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे संसद की विभिन्न समितियों के सदस्य रहें तथा केन्द्र सरकार में उपमंत्री, राज्यमंत्री तथा कैबिनेट मंत्री भी रहे। वे वर्ष 2004 से 2006 तक बिहार के राज्यपाल भी रहे। श्री सिंह का निधन 2 जनवरी, 2021 को हो गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने गोवा की पूर्व राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे अगस्त 2014 से नवम्बर 2020 तक गोवा के राज्यपाल के पद पर आसीन रही। सुविख्यात हिन्दी लेखिका रही श्रीमती सिन्हा को साहित्य में उनके उल्लेखनीय कार्यो के लिए पद्मश्री सहित अनेक पुरस्कार प्राप्त हुए। उनका निधन 18 नवम्बर, 2020 को हो गया।
डॉ. जोशी ने असम के पूर्व मुख्यमंत्री श्री तरूण गोगोई के राजनीतिक जीवन की चर्चा करते हुये कहा कि श्री गोगोई पांचवीं, छठी, सातवीं, दसवीं, बारहवीं तथा तेरहवीं लोकसभा के सदस्य रहे। वे छः बार असम विधानसभा के सदस्य रहे। कुशल प्रशासक एवं अनुभवी संसदविद् रहे श्री गोगोई तीन बार असम के मुख्यमंत्री रहे। उन्हें विशिष्ट सेवाओं के लिए पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया। उनका निधन 23 नवम्बर, 2020 को हो गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री श्री माधव सिंह सोलंकी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे मुम्बई तथा गुजरात विधानसभा के सदस्य रहे तथा गुजरात के मुख्यमंत्री भी रहे। कुशल राजनितिज्ञ श्री सोलंकी दो बार राज्यसभा के सदस्य भी रहे। वे केन्द्र सरकार में विदेश मामलात एवं आयोजना मंत्रालय के मंत्री भी रहे। श्री सोलंकी का निधन 9 जनवरी, 2021 को हो गया।
डॉ. जोशी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री सतीश प्रसाद सिंह के राजनीतिक जीवन की चर्चा करते हुये कहा कि वे वर्ष 1967 से 1969 तक बिहार विधानसभा के सदस्य रहे। वे बिहार के मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ सातवीं लोकसभा मे सदस्य भी रहे। उनका निधन 2 नवम्बर, 2020 को हो गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व सांसद , पूर्व मंत्री तथा सदन की सदस्य रहीं श्रीमती किरण माहेश्वरी के व्यक्तित्व के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि वे राज्य सरकार में भूजल एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग तथा उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा तथा विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विभाग की मंत्री रहीं। वे चौदहवीं लोकसभा की विभिन्न समितियों में सदस्य भी रहीं। समाज सेवा में अग्रणी रही श्रीमती माहेश्वरी ने विभिन्न सामाजिक संगठनों में सक्रिय भागीदारी निभाई। उनका निधन 30 नवम्बर, 2020 को हो गया।
डॉ. जोशी ने सासंद, पूर्व मंत्री तथा पूर्व विधायक श्री शिवचरण सिंह के राजनीतिक जीवन पर चर्चा करते हुये कहा कि वे चौथी, छठी एवं आठवीं राज्य विधानसभा मे विधायक रहे। वे राज्य सरकार में यातायात विभाग के मंत्री तथा राज्यसभा में सांसद भी रहे। श्री सिंह का निधन 11 जनवरी, 2021 को हो गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व सांसद श्री कमल मोररका के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे राज्यसभा में सांसद रहने के साथ ही विभिन्न संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे। श्री मोररका ने जैविक उत्पादों के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया उनका निधन 15 जनवरी, 2021 को हो गया।
डॉ. जोशी ने पूर्व सांसद श्री पृथ्वीराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे तीसरी लोकसभा में दौसा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रहे। उनका निधन 2 दिसम्बर, 2020 को हो गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने राज्य विधानसभा सदस्य मास्टर भंवरलाल मेघवाल के राजनैतिक जीवन पर चर्चा करते हुए कहा कि वे सातवीं, नौवीं, ग्यारहवीं, तेरहवीं तथा वर्तमान पन्दहवीं राज्यविधानसभा में सुजानगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए। श्री मेघवाल वर्ष 1998 से 2003 तक राज्य सरकार में युवा एवं खेलकूद, कारागार, सिंचित क्षेत्र विकास विभाग के राज्यमंत्री रहे। वे वर्ष 2008 से 2011 तक प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग तथा श्रम एवं नियोजन विभाग के मंत्री भी रहे। श्री मेघवाल वर्तमान सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के मंत्री थे। पिछड़े वर्गों के कल्याण के प्रति समर्पित श्री मेघवाल को अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उनका निधन 16 नवम्बर, 2020 को हो गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सदन के सदस्य श्री गजेन्द्र सिंह शक्तावत तेरहवीं तथा वर्तमान पन्द्रहवीं राजस्थान विधान सभा में वल्लभनगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे। विधान सभा के कार्यकाल के दौरान वे प्राक्कलन समिति ख, जन लेखा समिति, विशेषाधिकार समिति, गृह समिति तथा प्रश्न एवं संदर्भ समिति के सदस्य रहे। श्री गजेन्द्र सिंह शक्तावत का 20 जनवरी, 2021 को निधन हो गया।
डॉ.जोशी ने बताया कि पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक श्री मानिक चन्द सुराना तीसरी, छठी, आठवीं, ग्यारहवीं तथा चौदहवीं राजस्थान विधान सभा के सदस्य रहे। वित्तीय मामलों के जानकार रहे श्री सुराना नवम्बर, 1978 से फरवरी, 1980 तक राज्य सरकार में वित्त, योजना एवं यातायात विभाग के मंत्री रहे। श्री सुराना खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड एवं राजस्थान राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष भी रहे। छात्र एवं मजदूर वर्ग के कल्याण के लिए प्रयत्नशील रहे श्री सुराना का 25 नवम्बर 2020 को निधन हो गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व विधायक श्री हीरालाल के राजनैतिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे बारहवीं एवं चौदहवीं राजस्थान विधान सभा में निवाई से विधायक रहे। विधानसभा के कार्यकाल के दौरान वे प्रश्न एवं संदर्भ समिति, गृह समिति, स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं सम्बन्धी समिति के सदस्य रहे। श्री हीरालाल का 19 दिसम्बर, 2020 को निधन हो गया।
डॉ.जोशी ने पूर्व सदस्य श्री महावीर प्रसाद जीनगर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री जीनगर तेरहवीं राजस्थान विधानसभा में शाहपुरा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे। वे विधानसभा के कार्यकाल के दौरान पुस्तकालय समिति के भी सदस्य रहे। श्री जीनगर का 7 दिसम्बर, 2020 को निधन हो गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व उप मंत्री एवं पूर्व विधायक श्री ललित भाटी के बारे में बताया कि श्री भाटी आठवीं तथा ग्यारहवीं राजस्थान विधान सभा में विधायक रहे। वे राज्य सरकार में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग, स्वायत्त शासन विभाग, नगरीय विकास विभाग, आवासन विभाग एवं नगर आयोजना विभाग के उप मंत्री रहे। श्री भाटी का दिनांक 4 नवम्बर, 2020 को निधन हो गया।
डॉ.जोशी ने पूर्व सदस्य श्री हेमन्त कुमार के राजनैतिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री कुमार ग्यारहवीं राजस्थान विधान सभा में दीगोद निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे। वे कृषकों के जीवन स्तर में सुधार के लिए सदैव प्रयत्नशील रहे। उनका निधन 26 नवम्बर, 2020 को हो गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि पूर्व विधायक श्री भाणजी ग्यारहवीं राजस्थान विधानसभा में दानपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे। आदिवासी क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रयत्नशील रहे श्री भाणजी का 15 सितम्बर, 2020 को निधन हो गया।
डॉ.जोशी ने पूर्व विधायक श्री रावतराम के राजनैतिक जीवन के बारे में बताया कि वे दूसरी, तीसरी, चौथी, पाँचवीं एवं छठी राजस्थान विधानसभा में सदस्य रहे। श्री रावतराम का 25 नवम्बर, 2020 को निधन हो गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि पूर्व विधायक श्री जगमोहन सिंह पाँचवीं राजस्थान विधानसभा में छबड़ा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे। सहकारिता के क्षेत्र में कार्यरत रहे श्री सिंह का 29 नवम्बर, 2020 को निधन हो गया।
डॉ. जोशी ने 27 नवम्बर, 2020 को जयपुर दिल्ली नेशनल हाईवे पर अचरोल के पास यात्री बस के हाइटेंशन लाइन छू जाने के कारण मारे गये तीन यात्रियों तथा 16 जनवरी, 2021 को जालौर के महेशपुरा ग्राम के पास बिजली का तार छू जाने से करंट के कारण हुई सात श्रद्धालुओं की मृत्यु पर भी शोक प्रकट किया। उन्होंने 19 जनवरी, 2021 को सूरत में हुए सड़क हादसे में फुटपाथ पर सो रहे श्रमिकों के डम्पर से कुचल जाने के कारण बांसवाड़ा जिले के 13 श्रमिकों सहित 15 श्रमिकों की मौत तथा 7 फरवरी, 2021 को उत्तराखण्ड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के कारण आई प्राकृतिक आपदा में मारे गये लोगों के प्रति भी शोक प्रकट किया।
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