चित्तौड़गढ़ की सीमेन्ट फैक्ट्रियों के सीएसआर क्रियान्वयन में राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं - उद्योग मंत्री
जयपुर, 13 फरवरी। उद्योग मंत्री श्री परसादी लाल मीना ने शनिवार को विधानसभा में स्पष्ट किया कि चित्तौड़गढ़ में संचालित विभिन्न सीमेन्ट फैक्टि्रयों एवं हिन्दुस्तान जिंक के सीएसआर के क्रियान्वयन, स्वीकृति एवं मॉनिटरिंग में राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि यह भारत सरकार के अधीन है।
इससे पहले विधायक श्री चन्द्रभान सिंह आक्या के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्री मीना ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र चित्तौडगढ में संचालित विभिन्न सीमेंट फैक्ट्रियों एवं हिन्दुस्तान जिंक द्वारा सीएसआर मद से विकास कार्य करवाये जाते हैं। उन्होंने विगत 3 वर्षों में सीएसआर के तहत किये गये व्यय एवं कार्यों का विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने बताया कि उल्लेखनीय है कि सीएसआर के दायरें में आने वाली कम्पनियों को उनके विगत 3 वर्षो में अर्जित शुद्ध लाभ के औसत का 2 प्रतिशत विभिन्न कॉरपोरेट सामाजिक दायित्वों में कम्पनी की सीएसआर कमेटी द्वारा निर्धारित नीति अनुसार शेडयूल-टप्प् में सम्मिलित सीएसआर गतिविधियों पर ही व्यय किये जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि सीएसआर व्यय की सूचना सीएसआर कम्पनियों द्वारा कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार को ही प्रेषित की जाती हैं तथा भारत सरकार द्वारा जारी दिशा- निर्देशों के अनुसार सीएसआर फण्ड की मॉनिटरिंग हेतु राज्य सरकार को कोई अधिकार प्राप्त नहीं है।
उद्योग मंत्री ने बताया कि कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी सामान्य परिपत्र संख्या 01/2016 दिनांक 12 जनवरी 2016 के बिन्दु संख्या 18 में यह स्पष्ट उल्लेखित है कि कंपनियों द्वारा सीएसआर के कार्यान्वयन की निगरानी में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। राज्य सरकार विकास कार्य करने हेतु इन फैक्ट्रियों को मात्र प्रोत्साहित कर सकती है।
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