बजट प्रदेश के विकास को गति देने वाला, नई जनकल्याणकारी योजनाओं की घोषणा कुशल वित्तीय प्रबंधन का नायाब उदाहरण - जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री
जयपुर, 24 फरवरी। जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा बुधवार को राज्य विधानसभा में प्रस्तुत राज्य के वर्ष 2021-2022 के बजट को राजस्थान के विकास को गति देने वाला बताया है। डॉ. कल्ला ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि बजट में सभी वर्ग एवं क्षेत्रों के लिए सौगातें हैं, साथ में सबकी तरक्की और खुशहाली के लिए राज्य सरकार की सकारात्मक सोच का संदेश हर जगह मौजूद है। उन्होंने कहा कि कोरोनोकाल के कारण उत्पन्न विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य की जनता पर किसी प्रकार का नया कर आरोपित नही करते हुए आमजन के लिए नई जनकल्याणकारी योजनाओं की घोषणा कुशल वित्तीय प्रबंधन का नायाब उदाहरण है।
जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विवादास्पद केन्द्रीय कृषि कानूनों से देशभर में लम्बे समय से आंदोलन को मजबूर किसान भाईयों की केन्द्र सरकार द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है। इसके विपरीत राज्य के बजट में कृषि विद्युत वितरण कम्पनी बनाने, 50 हजार किसानों को सोलर पम्प और 50 हजार किसानों को नए कृषि कनैक्शन देने तथा मीटरिंग से बिल वाले ग्रामीण कृषि उपभोक्ताओं को प्रति माह एक हजार तक की राशि देने की घोषणा कर, मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने काश्तकारों के कल्याण के लिए सरकार की संवेदनशीलता को फिर रेखांकित किया है। कृषि विद्युत वितरण कम्पनी के गठन से प्रदेश में कृषि बिजली आपूर्ति के लिए डेडिकेटेड फीडर बनाने के कार्य में और गति आएगी, साथ ही खेती के लिए दिन में बिजली देने के कार्य को 15 जिलों से आगे बढ़ाकर पूरे प्रदेश में लागू करने में तेजी आएगी।
डॉ.कल्ला ने कहा कि केन्द्र सरकार जल जीवन मिशन में केन्द्रीय भागीदारी को बढ़ाने और पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की जीवनदायिनी ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की राज्य की मांग की भी लगातार अनसुनवाई कर रही है। बावजूद इसके राज्य के बजट में ईआरसीपी प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के साथ ही जल जीवन मिशन में नई परियोजनाओं से आगामी वर्ष में लाखों परिवारों को ‘घर-घर नल कनैक्शन देने की घोषणाएं, हमारी सरकार के लिए ‘जनकल्याण ही प्राथमिकता और जनकल्याण ही प्रतिबद्धता‘ के सच को बखूबी उजागर करती हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण विपरीत हालातों का सामना कर रहे प्रदेश के लोक कलाकारों के सम्बल देने के लिए 15 करोड़ की राशि से ‘कलाकार कल्याण कोष‘ बनाने, फिल्म प्रोत्साहन नीति बनाने, राजस्थानी फिल्मों के के लिए 25 लाख का सहयोग और जीएसटी से मुक्ति और फिल्म सिटी के निर्माण के लिए ‘वायबिलिटी गैप फंडिंग‘ योजना लाने जैसे अनेक बजटीय प्रावधान हर वर्ग के लिए राहत का पैगाम लिए हुए हैं।
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