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सामान्य प्रशासन (सम्पदा) की बैठक : नजूल सम्पत्तियों का पर्यटन की दृष्टि से सदुपयोग हो - मुख्य सचिव


जयपुर, 10 फरवरी। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने प्रदेश में अथवा प्रदेश के बाहर विभिन्न स्थानों पर स्थित नजूल सम्पत्तियाें का पर्यटन की दृष्टि से सदुपयोग करने के निर्देश दिये हैं। श्री आर्य बुधवार को शासन सचिवालय में सामान्य प्रशासन (सम्पदा) की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में से ऎसे अनेक अनदेखे और अनछुए स्थान हैं, जिनका पर्यटन की दृष्टि से विस्तार कर राजस्व आय में बढ़ातरी की जा सकती है।

मुख्य सचिव ने राज्य में एवं राज्य से बाहर सभी नजूल सम्पदाओं, कास्टोडियन एवं शत्रु सम्पदाओं की इन्वेन्ट्री लिस्ट तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि यह देखा जाये कि उनका उपयोग किस प्रकार से किया जा सकता है। इसके लिए नजूल सम्पत्तियों को पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में विभाजित कर सम्पत्तियों का समुचित उपयोग किया जाये। श्री आर्य ने निर्देश दिये कि पर्यटन विभाग उन सरकारी विभागों कि उपयोग में ना जाने आने वाली ऎसी इमारतों का भी सर्वें करे जो हैरिटेज हो और पर्यटन की दृष्टि से उनका विकास हो सके।

मुख्य सचिव ने बारां जिले के शाहबाद, भीलवाड़ा के बदनौर,अजमेर के सरवाड़ तथा भरतपुर जिले के फूलमहल जैसी पर्यटन की विपुल सम्भावनाओं वाली नजूल सम्पत्तियों पर विशेष ध्यान देने की बात कही।

मंत्री मण्डलीय उपसमिति के समक्ष तैयारी के साथ जाएं

मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने निर्देश दिए कि नजूल सम्पत्तियों के लिए स्वायत्त शासन मंत्री श्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में गठित मंत्री मण्डलीय उपसमिति में वर्गीकृत नजूल सम्पत्तियों की लिस्ट, प्रोपटी का नक्शा और विस्तृत कार्य योजना बना कर प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

बैठक में पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री आलोक गुप्ता एवं सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव श्री दिनेश यादव उपस्थित थे। विभिन्न विभागों के प्रमुख शासन सचिवों एवं शासन सचिवों ने भी वेबिनार के माध्यम से हिस्सा लिया।

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