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मुख्य सचिव ने सिविल सोसायटी व स्वंय सेवी संगठनों के साथ बैठक में आश्वस्त किया, सामाजिक सरोकार के मुद्दों का रचनात्मक सोच के साथ निवारण किया जायेगा


जयपुर, 1 फरवरी। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने सोमवार को राज्य में सक्रिय सिविल सोसायटी व स्वंय सेवी संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक वीडियो कान्फ्रेंस में आश्वस्त किया कि राज्य सरकार के सभी विभागों से सम्बधित आम जन के कल्याण से जुड़े सभी लम्बित मुद्दों का रचनात्मक व सकारात्मक सोच के साथ निवारण किया जायेगा ताकि प्रदेश के हर जरूरतमंद को राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके व उनका जीवन खुशहाली व समृद्वि से परिपूर्ण बन सके।

श्री आर्य ने सिविल सोसायटी व स्वंय सेवी संगठनों के विभिन्न विभागों से जुड़े मुद्दों को विस्तार से सुना व विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों से ही इनके निराकरण के उपाय पूछे।

मुख्य सचिव श्री आर्य ने प्रमुख सचिव गृह को निर्देश दिये कि महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर त्रैमासिक नियमित बैठकें करें, पुलिस थानों के महिला सहायता अधिकारियों का प्रशिक्षण करवायें, धरेलू हिंसा अधिनियम के तहत संरक्षण अधिकारियों की तैनाती में वृद्वि के बारे में आवश्यक कदम उठायें।

वन अधिकार पट्टेधारियों को प्रशिक्षण, गांव सभा के कैलेण्डर तैयार करने, जिला एवं उपखण्ड स्तर की वन अधिकारी कमेटियों के पुर्नगठन आदि के मुद्दें पर राजस्व, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, खान व स्वंयसेवी संगठनों की संयुक्त बैठक कर हर हल निकालने के निर्देश दिये साथ ही रालेगांव सिद्वी गांव में इस संबध में किये गये नवाचारों के अनुभव के परीक्षण के निर्देश दिये।

स्ट्रीट वैण्डर्स के लिये सभी शहरों में हॉकर्स का सर्वे, टीवीसी का पुर्नगठन और प्रशिक्षण, सभी शहरों में वैन्डिगं जोन निर्धारित कर बाजारों का विकास करने, उनके प्रशिक्षण व वैन्डर्स की बैदखली के मुद्दों पर अधिकारियों ने श्री आर्य व स्वंय सेवी संगठनों को बताया कि राज्य में 2 लाख 41 हजार स्ट्रीट वैण्डर्स हैं व 25 हजार स्ट्रीट वैण्डर्स को 10 हजार रुपये का ऋण उपलब्ध करवाया गया है व 73 हजार 915 स्ट्रीट वैण्डर्स को पहचान पत्र भी जारी किये गये हैं।

श्री आर्य ने अधिकारियों को वैण्डिग जोन निर्धारित करने हेतु आवश्यक समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।

अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति वर्ग के लोगों के उत्थान हेतु श्री आर्य ने अधिकारियों को संबल योजना में बजट आंवटन की कार्यवाही करवाने के निर्देश दिये।

राज्य में सिलकोसिस बीमारी से पीड़ित जनों की सहायता के लम्बित ऑफलाइन प्रकरणों, अपंजीकृत खदानों, कारखानों व ईकाईयों को पंजीकृत करने, प्रभावित 19 जिलों में बचाव व रेगुलेशन के लिये अभियान चलाने व इनकी सहायता व पुर्नवास के लिए एक अलग फण्ड की व्यवस्था करने के सवाल पर श्री आर्य ने कहा कि उक्त सभी समस्याओं के निवारण के लिये आवश्यक कदम उठाये जायेगेंं व इसकी वे स्वंय के स्तर पर भी मॉनिटरिगं करेगें।

बेघर लोगों के पंजीकरण, सामुदायिक रसोई, पानी और स्वच्छता, स्वास्थ्य व्यवस्था, बेधर व्यक्ति व परिवार को विशेष पहचान कार्ड और उस आधार पर राशन कार्ड आदि के मुद्दें पर श्री आर्य ने अधिकारियों को इनकी पहचान, राशन कार्ड, धर आदि के होलीस्टिक अप्रोच अपनाते हुए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये।

उन्होंने बेघर लोगों के लिये एक पॉलिसी बना कर मुख्य मंत्री के समक्ष अनुमोदन हेतु प्रस्तुत करने के निर्देश दिये साथ ही बेघरों को बसाने हेतु जमीन आवंटन हेतु जिला कलक्टर्स के माध्यम से आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये।

स्कूल शिक्षा व नागरिक शिक्षा नीति की समीक्षा व स्थानान्तरण नीति व ब्लॉक स्तर पर बालिका शिक्षा हेतु महाविधालय की मांग आदि पर श्री आर्य ने कहा कि ये नीतिगत निर्णय है व इनके बारे में प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जायेगा।

राज्य में महात्मा गांधी नरेगा के तहत 100 दिन का रोजगार पा चुके श्रमिकों को 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार प्रदान करने के मुद्दे पर श्री आर्य ने कहा कि इस संबध में सहमति लेने हेतु भारत सरकार को पत्र भेजा जायेगा।

मुख्य सचिव श्री आर्य ने विकलागों की सभी समस्याओं के निवारण हेतु वन स्टॉप सोल्यूशन, चारागाहों के समुचित विकास हेतु आवश्यक कदम उठाने व राजस्‍थान सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आरटीआई को ऑनलाईन दर्ज करने, ट्रेक करने व जवाब प्राप्त करने संबधी आवश्यक कदम उठाने हेतु वीसी में मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिये। 

वीडियेा कॉन्‍फ्रेंस में प्रमुख शासन सचिव, गृह श्री अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग श्री शिखर अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता श्रीमती गायत्री राठौड़, शासन सचिव, प्रमुख शासन सचिव, शिक्षा श्रीमती अर्पणा अरोड़ा,शासन सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग श्री के.के. पाठक, शासन सचिव, उच्च शिक्षा श्रीमती शुचि शर्मा,ग्रामीण विकास एवं आयुक्त मनरेगा श्री पी.सी. किशन, श्रम एवं कारखाना आयुक्त श्री नीरज के पवन, निदेशक स्वायत्त शासन, श्री दीपक नन्दी, सामाजिक कार्यकर्ता श्री निखिल डे, रेणुका पामेचा, राखी सहित लगभग 40 सिविल सोसायटी व स्वंय सेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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