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सभी आंगनबाड़ी केन्द्र आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित हों, प्रत्येक लाभार्थी को निर्धारित मात्रा में वितरित हो पोषाहार - संभागीय आयुक्त


जयपुर, 24 फरवरी। संभागीय आयुक्त डॉ.समित शर्मा द्वारा समेकित बाल विकास सेवाओं द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में जयपुर संभाग के समस्त जिलों के उप निदेशक, बाल विकास परियोजना अधिकारी, महिला पर्यवेक्षक एवं पूर्व प्राथमिक शिक्षकों के साथ वीडियो कॉन्‍फ्रेन्‍स के माध्यम से विस्तृत चर्चा की।

उन्होंने उपलब्ध सेवाओं की सूची का प्रदर्शन, पूरक पोषाहार व्यवस्था, शाला पूर्व शिक्षा, शिक्षण सामग्री, वृद्धि निगरानी, पोषण वाटिका, प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना, पर्यवेक्षण दायित्व आदि पर संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ विस्तृत चर्चा की।

डॉ. शर्मा ने वीडियो कॉन्‍फ्रेन्‍स के माध्यम से विभागीय गतिविधियों की समीक्षा कर संबंधित को दिशा-निर्देश प्रदान किए।

उन्होंने जयपुर संभाग के समस्त जिलों में समेकित बाल विकास सेवाओं के अंतर्गत संचालित आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से राजकीय योजनाओं को पूर्ण पारदर्शिता के साथ धरातल पर उतारने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विभाग द्वारा लाभार्थियों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं को बोर्ड लगाकर प्रदर्शित किया जाये तथा कार्मिकों की सूची व केन्द्र के संचालन का समय भी प्रदर्शित किया जाये। इसके साथ ही सभी मानदेय कर्मी ड्यूटी समय पर निर्धारित गणवेश तथा आई़डी कार्ड पहनना सुनिश्चित करें। 

उन्होंने निर्देशित किया कि प्रत्येक लाभार्थी तक निर्धारित मात्रा में पोषाहार वितरण सुनिश्चित किया जाये। आंगनबाड़ी केन्द्र पर पंजीकृत 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए विभाग एवं यूनीसेफ द्वारा तैयार ई- लर्निंग सामग्री प्रत्येक बच्चे तक पहुंचाई जाये। इसके लिए आंगनबाडी वार अभिभावकों के व्हाट्सअप ग्रुप बनाये जाएं। आंगनबाड़़ी कार्यकर्ता द्वारा 5 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे की प्रतिमाह आंगनबाडी केन्द्र पर एम.सी.एच.एन दिवस अथवा गृहसम्पर्क के दौरान सही वजन करके उसके पोषण स्तर का पता किया जाये तथा वास्तविक रूप से अति कुपोषित बच्चों को चिह्नित करें। साथ ही समस्त बच्चों का ग्रोथ मॉनिटरिंग चार्ट संधारित करें। सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनबाडी केन्द्र के रूप में विकसित करवायें। प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के अंतर्गत शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करते हुए, फार्म वी.सी. एवं करेक्शन क्यू की पेंडेंसी समाप्त करें। सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज परिवादों को निर्धारित समय में निस्तारण करें। उत्कृष्ट कार्य करने वाले मानदेय कार्मिकों को प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कृत भी किया जाये।

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