जनजातीय विद्यार्थियों के कौशल प्रशिक्षण हेतु टीएडी एवं सीपेट में करार, सीपेट 90 जनजातीय विद्यार्थियों को 3 माह का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण देगा
जयपुर, 11 फरवरी। जनजातीय युवाओं को नवीनतम तकनीकी से जोड़ने एवं उनके कौशल संवर्धन हेतु टीएडी एवं भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय का जयपुर स्थित सीपेट संस्थान जनजातीय विद्यार्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण देने हेतु सहमत हो गये हैं।
संयुक्त शासन सचिव, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, श्रीमती नेहा गिरी ने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं सीपेट के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत सीपेट जयपुर 90 जनजातीय विद्यार्थियों को प्लास्टिक प्रोसेसिंग और सीएनसी लेथ मशीन के तीन विभिन्न कार्यों के लिये 3 महीने का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण देगा। समझौता पत्र पर टीएडी की ओर से आयुक्त श्री जितेन्द्र कुमार उपाध्याय एवं सीपेट संस्था के निदेशक डॉ. सैय्यद अमानुल्ला ने हस्ताक्षर किये।
श्रीमती गिरी ने बताया कि इस प्रशिक्षण पर टीएडी विभाग द्वारा 48 लाख रूपये खर्च किये जायेगें।
उन्होंने बताया कि एमएसएमई टेक्नोलॉजी, भिवाड़ी और टीएडी के बीच एक और समझौता किया गया है जिसमें 60 विद्यार्थियों को 5 महीनों के लिए सीएनसी मशीन का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण दिलाया जायेगा । इस पर टीएडी द्वारा 40 लाख रूपये व्यय किया जायेगा।
आयुक्त टीएडी श्री जितेन्द्र कुमार उपाध्याय ने बताया कि भारत सरकार के ये दोनों ही प्रशिक्षण संस्थान उत्कृष्ट श्रेणी के हैं व इनके निदेशकों के अनुसार प्रशिक्षण के पश्चात प्रशिक्षित विद्यार्थियों को 90 प्रतिशत रोजगार मिलने की गारंटी रहती है।
श्री उपाध्याय ने बताया कि प्लास्टिक प्रोसेसिंग प्रशिक्षण के लिये जनजातीय समुदाय का राजस्थान का मूल निवासी होना, 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण व आयु 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिये।
सीएनसी प्रशिक्षण के लिये अभ्यर्थी जनजातीय समुदाय का, राजस्थान का मूल निवासी, आयु 18 से 35 वर्ष के बीच व 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
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