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विद्युत वितरण निगमों की समीक्षा बैठक : आगामी 6 माह में विद्युत छीजत को 15 प्रतिशत से नीचे लाएं - ऊर्जा मंत्री


जयपुर, 22 फरवरी। ऊर्जा मंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला ने सोमवार 22 फरवरी को विडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से विद्युत वितरण निगमों के कार्यो की वृतवार समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि आगामी 6 माह में विद्युत छीजत को 15 प्रतिशत से नीचे लाया जाए। इसके लिए सभी को टीम भावना से मिलकर कार्य करना है तब ही सकारात्मक परिणाम प्राप्त होगें। वीडियो कान्फ्रेंस में प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष डिस्कॉम्स श्री दिनेश कुमार, जयपुर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक श्री नवीन अरोड़ा, अजमेर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक श्री वी.एस. भाटी, जोधपुर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक श्री अविनाश सिंघवी, तीनों डिस्कॅाम के निदेशक तकनीकी व वित्त सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

ऊर्जा मंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला ने हनुमानगढ़ से वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से किसानों को दिन के दो ब्लॉक में कृषि के लिए बिजली आपूर्ति की समीक्षा करतें हुए कहा कि आगामी दो वर्ष में प्रदेश के सभी जिलों में किसानों को दिन के दो ब्लॉक में बिजली मिलेगी इसके लिए वितरण तंत्र व प्रसारण तंत्र को सुदृढ़ करने का कार्य त्वरित गति से चल रहा है। विद्युत छीजत की डिस्कॉम वाइज समीक्षा करते हुए डॉ.कल्ला ने निर्देश दिये की विद्युत वितरण निगमों को घाटे से उबारने के लिए छीजत में कमी लाये जाए, अनावश्यक वस्तुओं की खरीद नही करें एवं खर्चो में कटौती कर घाटे को कम किया जाये।

उन्होने कहा कि एक प्रतिशत छीजत कम करके 450 करोड़ रूपये वार्षिक बचत होती है। छीजत को कम करके ही हम आम आदमी को सस्ती व अच्छी गुणवत्ता की बिजली दे पायेंगे। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के जिन क्षेत्रों में छीजत 15 प्रतिशत से अधिक है उन क्षेत्रों के सभी अभियन्ताओं को आगामी 6 माह में छीजत को 15 प्रतिशत से नीचे लाने के प्रयास करने चाहिए एवं अधिक छीजत वाले क्षेत्रों में कृषि फीडर को अलग करने का कार्य किया जाना चाहिए। ऎसे अभियन्ता जो 6 माह में विद्युत छीजत 15 प्रतिशत नही लाएगें उनकी जिम्मेदारी निर्धारित कर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। उपभोक्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए सभी फील्ड अभियन्ताओं को प्रतिदिन एक घंटे का समय निर्धारित कर उनकी समस्याओं का निस्तारण करना चाहिए और खराब ट्रांसफरमरों को समय पर बदलना सुनिश्चित किया जाये।

ऊर्जा मंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला ने सुझाव दिया कि प्रदेश में चलने वाले अन्य अभियानों की तरह ही विद्युत निगमों को भी मार्च के बाद प्रशासन खेतों की ओर अभियान चला कर कृषि कनेक्शन का लोड बढ़ाने के लिए किसानों को प्रेरित करना चाहिए और कृषि उपभोक्ताओं को बताना चाहिए कि यह उनके हित में है। इसके साथ ही उन्होने कहा कि विद्युत कनेक्शन से वंचितों को कनेक्शन देने के कार्य को प्राथमिकता दी जाये एवं 31 मार्च तक सभी खराब मीटरों को बदलने का कार्य पूर्ण कर लिया जाये।

बकाया राशि की वसूली की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिये कि मार्च तक शत- प्रतिशत वसूली सुनिश्चित की जाये और इसके लिए मार्च माह में अभियान चला कर समझाइश से बकाया वसूली का कार्य किया जाये तथा सरकारी विभागों की बकाया वसूली के लिए उच्च स्तर पर बैठक कर बकाया की वसूली करें।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जो अधिकारी व कर्मचारी अच्छा कार्य कर रहे है उनको सम्मानित किया जाये और कार्य में लापरवाही बरतने वाले अभियन्ताओं की जिम्मेदारी निर्धारित करतें हुए उनके खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए और जो भी बिजलीकर्मी विद्युत चोरी करवाने में संलिप्त पाया जायेगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। डॉ.कल्ला ने कहा कि सब अपनी जिम्मेदारी समझेगें तो छः माह से भी पहले छीजत को 15 प्रतिशत से कम किया जा सकता है।

समीक्षा बैठक में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राजस्थान सौलर एनर्जी का हब बन रहा है और आगामी तीन साल में 30 हजार मेगावाट सौलर एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य है। इसके लिए आने वाले समय में सौलर एनर्जी को बढावा दिया जायेगा तथा इसके स्टोरेज के बारे में भी जर्मनी एवं जापान में अपनाये जा रहे तरीके के अनुसार कार्यवाही करने के बारे में कहा, जिससे उपभोक्ताओं को दिन के साथ ही रात्रि में भी सौलर एनर्जी का लाभ मिल सके। 

डॉ.कल्ला ने निर्देश दिये कि विद्युत निगमों में रिसर्च एवं एनालिसिस विंग को मजबूत बनाया जाये। विद्युत दुर्घटनाओं के कारणों को पहचान कर इसकी प्रभावी रोकथाम के उपाय किये जाये और यह सुनिश्चित किया जाये कि आइन्दा बिजली के एक्सीडेन्ट नही हो।

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