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गणतंत्र दिवस पर दुर्गापुरा एवं गोविन्दगढ की गौशालाएं होंगी पुरस्कृत : जिला गोपलान समिति अध्यक्ष जिला कलक्टर श्री अन्तर सिंह नेहरा की अध्यक्षता में हुई बैठक में हुआ अनुमोदन


जयपुर, 19 जनवरी। जयपुर जिले में दुर्गापुरा एवं गोविन्दगढ स्थित की दो गौशालाओं को विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए गणतंत्र दिवस पर पुरस्कृत किया जाएगा। जिला गोपलान समिति के अध्यक्ष एवं जिला कलक्टर श्री अन्तर सिंह नेहरा की अध्यक्षता में मंगलवार को उनके चैम्बर में हुई जिला गोपलान समिति की बैठक में यह निर्णय किया गया। 

श्री नेहरा ने बताया कि गौशाला अधिनियम 1960 के अन्तर्गत पंजीकृत पांच वर्ष से अधिक एवं पांच वर्ष से कम अवधि से पंजीकृत इन गौशालाओं को पुरस्कार के रूप में 5 हजार रुपए नकद, प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान किया जाएगा। इसमें पांच वर्ष से कम समय से पंजीकृत गौशालाओं की श्रेणियों में मातृत्व चेरिटेबल ट्रस्ट मा सुरभि गोग्राम गौशाला रायसिंह का बास, गोविन्दगढ को एवं पांच वर्ष से अधिक समय से पंजीकृत गौशालाओं की श्रेणी में राजस्थान गोसेवा संघ दुर्गापुरा को पुरस्कृत किया जाएगा। 

श्री नेहरा ने बताया कि गौशालाओं के उत्कृष्ट कार्य की परख के लिए गोवंश की चिकित्सा सुविधा, रिकॉर्ड कीपिंग, गौसंरक्षण, संवद्र्धन एवं चारा विकास उत्पादन कार्यक्रम, पंचगव्य उत्पादों का मूल्य संवर्धन एवं विपणन, गौशाला की आय का स्रोत, गौशाला आवास स्वच्छता एवं प्रबन्धन, गोपलान विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में सक्रिय भागीदारी, गौशाला द्वारा क्षेत्र विकास में भागीदारी, तकनीक का उपयोग एवं उपलब्ध गौवंश के लिए जनसहयोग की प्राप्ति जैसे मानकों को आधार बनाया गया है। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर उत्तर श्री बीरबल सिंह, जिला परिषद् के एसीईओ श्री दीपांशु सांगवान, कोषाधिकारी जयपुर श्री देवाराम, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग जयपुर डॉ.प्रवीण कुमार, उप निदेशक पशुपालन डॉ. पद्मचन्द कानखेडिया, कृषि विभाग के प्रतिनिधि श्री राजेश कुमार नगर निगम ग्रेटर के उपायुक्त श्री मोहन सिंह एवं हैरिटेज के देवेन्द्र जैन शामिल हुए। 

नन्दी गौशाला के लिए एमओयू जल्द 

जिला गोपलान समिति की बैठक में नर गौवंश की देखरेख के लिए नन्दी गौशाला प्रारम्भ किए जाने के लिए नगर निगम जयपुर गे्रटर एवं जिला गोपलान समिति के मध्य जल्द ही एक एमओयू हस्ताक्षरित करने पर सहमति बनी। नन्दी गौशाला के निर्माण से यहां-वहां आवारा घूमने वाले नर गौवंश की देखभाल हो सकेगी। साथ ही यातायात के दौरान उनके कारण होने वाली समस्या एवं खेतों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा।

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