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कोविड टीकाकरण राज्य स्तरीय शुभारम्भ समारोह : कोरोना के कुशल प्रबंधन की तरह ही हम वैक्सीन अभियान में भी मिसाल पेश करेंगे – मुख्यमंत्री


मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों से किया संवाद

जयपुर, 16 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना के कुशल प्रबंधन से प्रदेश में कोविड रोगियों की संख्या सीमित होना और आज वैक्सीन की शुरूआत होना एक सुखद संयोग है। जिस तरह हमने सभी के सहयोग से कोरोना का बेहतरीन ढंग से मुकाबला किया है, उसी तरह हम इस टीकाकरण अभियान को सफल बनाकर मिसाल पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि वैक्सीन आने के बावजूद कोरोना को पूरी तरह समाप्त करने के लिए सभी लोग मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने सहित अन्य हैल्थ प्रोटोकॉल की निरन्तर पालना सुनिश्चित करें।

श्री गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोरोना टीकाकरण के राज्य स्तरीय शुभारम्भ समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रदेश में 167 साइट्स पर एक साथ टीकाकरण प्रारम्भ किया गया। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी के साथ ही इन साइट्स पर प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के चिकित्सकों ने पहले दिन टीका लगवाया।मुख्यमंत्री ने अल्प समय में ही वैक्सीन तैयार करने पर इससे जुड़े सभी वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों और अन्य कार्मिकों को बधाई देते हुए कहा कि सभी को उन पर गर्व है। उन्होंने कहा कि कई ट्रायल और जांच के बाद आई यह वैक्सीन कोरोना पर विजय प्राप्त करने में हमारी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना की जंग में दिन-रात जुटे स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य कोरोना वॉरियर्स का टीकाकरण प्रारम्भ होने से आत्मविश्वास और मजबूत होगा। उन्होंने अपील की है कि वैक्सीन को लेकर लोग भ्रांतियों से बचें और इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि टीकाकरण से संबंधित जानकारियों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जाए।

श्री गहलोत ने कहा कि इस महामारी के देश में आने के साथ ही राज्य सरकार ने पूरी सजगता और सतर्कता के साथ कदम उठाते हुए सबसे पहले लॉकडाउन किया। हमने जनप्रतिनिधियों, धर्मगुरूओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, व्यापारियों, सोशल एक्टिविस्ट सहित गांव-ढाणी तक लोगों को साथ लेकर इस संकट का सामना किया। इस महामारी के आने तक जहां हम जांच के लिए सैंपल बाहर भेजते थे, वहीं आज प्रदेश में प्रतिदिन 60 हजार से अधिक की जांच क्षमता विकसित कर ली गई है। आपदा को अवसर में बदलते हुए हमने मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया। इसी का परिणाम रहा कि प्रदेश में मृत्यु दर 1 प्रतिशत से भी कम रही और रिकवरी दर 97 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देशभर में अचानक लॉकडाउन किया गया तो श्रमिकों एवं प्रवासियों के आवागमन की बड़ी चुनौती हमारे सामने थी, लेकिन हमारी सरकार ने बसों और ट्रेनों के माध्यम से लोगों को न केवल सकुशल उनके घर पहुंचाया, बल्कि उनके भोजन और ठहरने की भी समुचित व्यवस्था की। हर जरूरतमंद को संकट की इस घड़ी में राहत प्रदान की। इसी का नतीजा रहा कि पूरे देश में हमारे कोरोना प्रबंधन को सराहा गया।

श्री गहलोत ने इस अवसर पर टीकाकरण साइट्स पर उपस्थित चिकित्सकों, नसिर्ंग कर्मियों एवं अन्य हैल्थ वर्कर्स से संवाद किया। उन्होंने कोरोना की चुनौती में अहम भूमिका निभाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की हौसला अफजाई करते हुए उनसे टीकाकरण की तैयारियों तथा इस ऎतिहासिक क्षण के अनुभवों को लेकर बातचीत की। मुख्यमंत्री ने अभियान के तहत पहला टीका लगवाने वाले एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी, 93 वर्षीय विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. पीसी डांडिया, नसिर्ंग अधीक्षक डॉ. विनोद मथुरिया तथा जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में उपस्थित डॉ. जीएल मीणा से संवाद किया।

जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने श्रीगंगानगर के सादुलशहर सीएचसी, नगरीय विकास मंत्री श्री शांति धारीवाल ने छबड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने जिला चिकित्सालय केकड़ी, परिवहन मंत्री श्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने धौलपुर जिले के बाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, शिक्षा राज्य मंत्री श्री गोविंद सिंह डोटासरा ने जोधपुर के मथुरादास माथुर चिकित्सालय तथा चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों के साथ संवाद किया।

समारोह को संबोधित करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश में कोरोना का बेहतरीन प्रबंधन किया गया है। टीकाकरण के लिए भी हमने चुनावी तैयारियों की तरह पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित किए हैं। उन्होंने बताया कि पहले चरण में प्रदेश के 4 लाख 80 हजार 977 तथा केंद्र सरकार के 6 हजार 755 स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स, तृतीय चरण में 50 वर्ष से अधिक के लोगों तथा चौथे चरण में 50 वर्ष से कम आयु के को-मोरबिड लोगाें को टीका लगाया जाएगा। यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है। टीकाकरण के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा तथा लाभार्थी को पहचान का दस्तावेज साथ लाना होगा।

चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना की लड़ाई में राजस्थान ने अग्रणी भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी हमारे प्रयासों को सराहा है और दूसरे राज्यों ने हमारे मॉडल को अपनाया है।

इस अवसर पर राज्यमंत्री परिषद के सदस्य, विधानसभा में मुख्य सचेतक एवं उप सचेतक, जयपुर जिले के विधायक, विभिन्न बोर्ड एवं आयोग के सदस्य, महापौर, मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री अरविंद मायाराम एवं श्री गोविंद शर्मा, विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, शासन सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी, विशेषज्ञ चिकित्सक एवं नसिर्ंगकर्मी, मुख्य मेडिकल निदेशक रेलवे, निदेशक ईएसआई, कमाण्डेंट मिलिट्री अस्पताल, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट एण्ड गाइड, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सीजीएचएस, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सहित केंद्र एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

प्रदेश के सांसदगण, विधायकगण, जिला प्रमुख, महापौर, सभापति, धर्मगुरू, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस आयुक्त जयपुर एवं जोधपुर, पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं पंचायत स्तर तक के जनप्रतिनिधि भी वीसी के जरिए समारोह से जुड़े।

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