वीसीआर राशि के विवादों के निस्तारण के लिए समितियों का गठन : अब उपभोक्ता या गैर उपभोक्ता द्वारा 30 दिवस में सिविल लाइबिलिटी का 10 प्रतिशत जमा करवाकर समिति के समक्ष अपील दायर की जा सकती है
जयपुर, 27 जनवरी। विद्युत चोरी पर प्रभावी अकुंश लगाने के लिए की जाने वाली सर्तकता जांच में पारदर्शिता एवं सर्तकता जांच प्रतिवेदन के दुरूपयोग को रोकने के लिए राजस्थान राज्य विद्युत विनियामक आयोग द्वारा विद्युत चोरी से संबंधित सर्तकता जांच प्रकरणों के संबंध में की जाने वाली प्रक्रिया को निधररित किया गया है। इस संबंध में पूर्व में जारी सभी आदेशों या निर्देशों को अधिक्रमित करतें हुए डिस्कॉम द्वारा आज आदेश जारी किया है।
ऊर्जा मंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला ने बताया कि गत रविवार को मुख्यमंत्री द्वारा ऊर्जा विभाग कि समीक्षा बैठक में वीसीआर की शिकायतों पर कार्यवाही एवं सर्तकता जांच प्रकरणों के निस्तारण की प्रक्रिया के संबंध में दिए गए निर्देशों की पालना में दिशा-निर्देश जारी किए गए है। इसके तहत विद्युत चोरी करने वाले उपभोक्ता को दिये गये नोटिस में वर्णित विद्युत चोरी या सिविल लाइबिलिटी की राशि से उपभोक्ता सहमत नही होता है एवं उसके विरूद्ध अपना पक्ष प्रस्तुत करना चाहता है तो इसके लिए राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समितियों का गठन किया गया है।
डॉ.कल्ला ने बताया कि ऎसे उपभोक्ता अथवा गैर उपभोक्ता जो विद्युत चोरी के मामलों में किये गये राजस्व निर्धारण की राशि से सहमत नही है तों वे नोटिस जारी होने कि दिनांक से 30 दिवस के अन्दर राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति के अध्यक्ष के समक्ष अपील दायर कर सकते है। इसके लिए उनको संबंधित सहायक अभियन्ता कार्यालय में सिविल लाइबिलिटी राशि का 10 प्रतिशत अथवा 5 लाख रुपये, जो भी कम हो व सम्पूर्ण प्रशमन राशि निर्धारित आवेदन शुल्क के साथ जमा करवानी होगी।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि उपभोक्ता एवं गैर उपभोक्ता द्वारा राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति में आवेदन करने के सात दिवस में सहायक अभियन्ता पूर्ण प्रकरण मय विवरण को संबंधित समिति में भेजना सुनिश्चित करेंगे एवं समिति द्वारा आवेदन प्राप्त होने के 30 दिवस के अन्दर उस प्रकरण का निस्तारण करना आवश्यक होगा।
राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समितियॉ
1. वृत स्तरीय राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति में 5 लाख रूपये तक सिविल लाइबिलिटी के प्रकरणों की सुनवाई होगी।
2. संभाग स्तरीय राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति में सिविल लाइबिलिटी के 5 लाख रूपये से अधिक एवं 20 लाख रूपये तक के प्रकरणों की सुनवाई होगी।
3. निगम स्तरीय राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति में सिविल लाइबिलिटी के 20 लाख रूपये से अधिक राशि के प्रकरणों की सुनवाई होगी।
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