उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा, 2016 : आरपीएससी ने सेवा नियम के कारण विज्ञप्ति पदों में अधिकतम 50 प्रतिशत से कम पद जोड़े
- विज्ञप्ति 330 पदों में उप निरीक्षकों के 181 पद अतिरिक्त जोड़े
- उप निरीक्षकों के 511 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन, विज्ञप्ति पदों में कटौती नहीं की गई
- पुलिस विभाग ने 621 उप निरीक्षकों के पदों की अभ्यर्थना आरपीएससी को भेजी
- पुलिस के बेड़े में दोनों भर्ती की प्रक्रिया पूरी होने पर 1132 उप निरीक्षक मिलेंगे
जयपुर, 8 जनवरी। पुलिस विभाग में पुलिस उप निरीक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए विभाग ने 621 उप निरीक्षक पदों की अभ्यर्थना राजस्थान लोक सेवा आयोग को भेज दी है। पूर्व में आरपीएससी को 330 पदों की अभ्यर्थना भेजी थी। इन पदों में 181 पद अतिरिक्त जोडकर कुल 511 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। दोनों भर्तियों के पूरा होने पर पुलिस बेड़े में 1132 उप निरीक्षक शामिल होंगे।
पुलिस विभाग द्वारा आरपीएससी को उप निरीक्षक सीधी भर्ती, 2016 के लिए 330 पद की अभ्यर्थना भेजी गई थी। जिस पर आरपीएससी ने 5 अक्टूबर, 2016 को विज्ञप्ति जारी की। उप निरीक्षक पदों के लिए 4 अक्टूबर, 2018 को वित्त विभाग ने 391 अतिरिक्त पदों के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी की। इन पदों को भी पूर्व अभ्यर्थना (330) में शामिल करने के लिए आरपीएससी को भेजा गया। इस पर आरपीएससी ने विभाग को अवगत कराया है कि राजस्थान पुलिस सेवा अधीनस्थ सेवा नियम 1989 के नियम 17 (2) (सी) के अनुसार भर्ती के लिए विज्ञप्ति किये गये पदों (प्रत्येक शाखा) में अधिकतम 50 प्रतिशत पद ही जोड़े जा सकते है।
आरपीएससी के नियम का हवाला देने पर विभाग ने 330 पदों के 50 प्रतिशत पद के आधार पर 164 पदों की अभ्यर्थना पुनः आरपीएससी को भिजवाई। जिस पर आरपीएससी ने 5 दिसम्बर, 2018 को 494 (330 व 164) पदों के शुद्धि पत्र का प्रकाशन किया। कार्मिक विभाग द्वारा अति पिछड़ा वर्ग के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान पर 17 अतिरिक्त पदों के लिए विभाग द्वारा आरपीएससी को अभ्यर्थना भेजी गई। जिस पर आरपीएससी ने 23 अगस्त, 2019 को शुद्धि पत्र जारी कर 511 (494 व 17) पदों का प्रकाशन किया।
वर्तमान में पुलिस विभाग में उप निरीक्षक के 2130 पदों में से 1200 पद रिक्त है। 1200 पदों में से 621 पदों की अभ्यर्थना आरपीएससी को भेजी जा चुकी है तथा 511 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। अतः उप निरीक्षक भर्ती 2016 में न तो 227 पद विज्ञप्ति किए गए थे और न ही विज्ञप्ति पदों में कोई भी कटौती की गई थी। पुलिस विभाग भी चाहता है कि शीघ्र ही अधिकतम पुलिस उप निरीक्षक विभाग में शामिल होकर जनता की सेवा करें।
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