समेकित बाल विकास सेवाएं (आई.सी.डी.एस.) को मिला ‘‘स्कॉच सिल्वर अवार्ड‘ कोविड-19 के दौरान ऑंगनबाडी केन्द्रों पर बच्चों को दी थी ऑनलाईन शिक्षा
जयपुर, 16 जनवरी। कोविड-19 के दौरान ऑंगनबाडी केन्द्रों पर आने वाले 3 से 6 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों की ऑनलाईन शिक्षा के सार्थक प्रयासों के लिये समेकित बाल विकास सेवाएं (आई.सी.डी.एस.) को ‘स्कॉच सिल्वर अवार्ड‘ वर्ष 2020-21 से सम्मानित किया गया। विभाग की निदेशक डॉ. प्रतिभा सिंह ने बताया कि सरकारी एवं गैर-सरकारी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य एवं नवाचार हेतु प्रतिवर्ष ‘‘स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट अवार्ड‘ दिये जाते हैं।
‘स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट‘ के तहत विभिन्न चरणों जैसे डिजिटल प्रदर्शनी, पीपीटी, वीडियो डॉक्यूमेंटरी व वोटिंग के आधार पर शनिवार को वर्चुअल कार्यक्रम में आई.सी.डी.एस. राजस्थान को प्रारंभिक बाल्यवस्था शिक्षा में बेहतर कार्य करने हेतु ‘स्कॉच सिल्वर अवार्ड तथा स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट दो अवार्ड प्रदान किये गये है। डॉ. प्रतिभा सिंह ने उक्त दोनों अवार्ड प्राप्त किये।
‘‘स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट‘ अवार्ड के लिये विभिन्न राज्यों द्वारा विभिन्न विषयों पर ऑनलाईन प्रस्तुतीकरण दिये गये थे, जिसमें ‘रेसपोंस टू कोविड‘ श्रेणी में कोविड-19 के दौरान प्रदेश में ई.सी.ई. के अन्तर्गत किये गये नवाचारों एवं नवीन ई.सी.ई. सामग्री को पीपीटी व वीडियोज के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।
डॉ. प्रतिभा सिंह ने बताया कि इस वर्ष कोविड-19 के दौरान ऑंगनबाडी केन्द्र बंद होने पर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती ममता भूपेश एवं विभाग के शासन सचिव डॉ. कृष्णा कांत पाठक ने ऑंगनबाडी केन्द्रों पर पंजीकृत लगभग 12 लाख बच्चों को डिजिटल रूप से शाला पूर्व शिक्षा देने हेतु प्रयास प्रारंभ करने के लिये प्रेरित किया था। इसी क्रम में विभाग की निदेशक डॉ. प्रतिभा सिंह के नेतृत्व में अतिरिक्त निदेशक श्रीमती रंजीता गौतम, सहायक निदेशक सुश्री मेघा एवं पर्यवेक्षक श्रीमती सुमन यादव द्वारा यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से प्रारंभिक बाल्यवस्था शिक्षा (ई.सी.ई.) की डिजिटल सामग्री, कलेण्डर एवं वीडियो तैयार करवाये जाकर ऑंगनबाडी कार्यकर्ताओं के माध्यम से अभिभावकों तक पहुंचाये गये।
उन्होंने बताया कि समस्त महिला पर्यवेक्षकों, पूर्व प्राथमिक शिक्षकों व ऑंगनबाडी कार्यकर्ताओं का ऑन लाईन प्रशिक्षण करवाया गया तथा डिजिटल शिक्षा सामग्री के साथ-साथ नवीन ई.सी.ई. सामग्री के तहत वर्कबुक (किलकारी, उमॅंग एवं तरंग), आंकलन प्रपत्र व मेरी फुलवारी नामक पुस्तक भी ऑंगनबाडी केन्द्रों पर पंजीकृत बच्चों को उनके घर पर ही ऑंगनबाडी कार्यकर्ताओं द्वारा उपलब्ध करवायी गयी। इसके अतिरिक्त ई.सी.ई. डिजिटल सामग्री की अधिक से अधिक पहॅुंच हेतु विभाग ने अपना यू-ट्यूब चैनल ‘ऑंगनबाडी ई.सी.ई आई.सी.डी.एस. राजस्थान‘ भी तैयार किया है।
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