राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय का 10वां दीक्षान्त समारोह वर्चुअल आयोजित : आत्मनिर्भर भारत की सोच को साकार करने के लिए युवा इंजीनियर्स पर बड़ी जिम्मेदारी, तकनीकी कौशल के साथ मानवीय मूल्यों से भी समृद्ध बनें युवा इंजीनियर्स - राज्यपाल
जयपुर, 22 जनवरी। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि विश्वविद्यालयों को उद्योग, कृषि एवं तकनीक से जुड़े ज्ञान को समाहित करते हुए रोजगारपरक एवं कौशल विकास के नये पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी से समयानुरूप व्यवसायिक और सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित जनशक्ति उपलब्ध हो सकेगी।
राज्यपाल श्री मिश्र शुक्रवार को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के दसवें वर्चुअल दीक्षांत समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि हमारे युवा इंजीनियर्स तकनीकी कौशल से दक्ष होने के साथ-साथ मानवीय मूल्यों से भी समृद्ध हों, इसके लिए तकनीकी शिक्षा में संस्कार नैतिक शिक्षा, आपदा प्रबंध एवं आनन्दम जैसे विषयों का समावेश जरूरी है।
राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया‘ और आत्मनिर्भर भारत की सोच को साकार करने के लिए युवा इंजीनियर्स पर बड़ी जिम्मेदारी है। युवा प्रतिभाएं शिक्षा प्राप्त कर अपने ज्ञान का उपयोग विदेशों में नहीं कर अपने देश की उन्नति के लिए करें।
उन्होंने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालयों को भारत-केन्दि्रत तकनीकी ज्ञान और कौशल से सम्बंधित विशेषज्ञ पाठ्यक्रम विकसित करने चाहिए जिससे देश के स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों का देश में ही अधिकतम उपयोग हो सके। उन्होंने परम्परागत तकनीकी ज्ञान का विद्यार्थियों को अध्ययन करवाने की अलग से व्यवस्था करने का सुझाव भी दिया ताकि वे यह जान सकें कि ज्ञान, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हम आरंभ से ही कितने समृद्ध थे।
तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के तकनीकी विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण और शोधपरक शिक्षा को बढ़ावा देकर मौलिक अनुसंधान के लिए अनुकूल माहौल विकसित करें और नये-नये पेटेन्ट हासिल करने के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालयों को राजस्थान के ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को लाभान्वित करने के लिए ‘टेक्नोलॉजी हब‘ स्थापित करने की दिशा में प्रयास करने चाहिए।
राष्ट्रीय प्रत्यायन मण्डल (एनबीए) के चेयरमैन प्रो. के.के. अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित करते हुए विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और प्रबंधन की पढ़ाई को कला, मानविकी एवं कृषि जैसे विषयों से जोड़ते हुए अंतर्अनुशासन ज्ञानार्जन को प्रोत्साहित किये जाने पर बल दिया।
कुलपति प्रो. आर.ए. गुप्ता ने अपने स्वागत उद्बोधन में विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के आरम्भ में राज्यपाल श्री मिश्र ने संविधान की उद्देश्यिका तथा मूल कर्तव्यों का वाचन भी करवाया।
समारोह के दौरान राज्यपाल के सचिव श्री सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी श्री गोविन्दराम जायसवाल सहित अधिकारीगण, शिक्षकगण, शोधार्थी तथा विद्यार्थी ऑनलाइन उपस्थित थे।
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