अधिकारियों व कार्मिकों द्वारा राजकीय ड्यूटी के समय निर्धारित गणवेश (Uniform) धारण करने के संबंध में संभागीय संभागीय आयुक्त ने जारी किए आदेश
उच्चाधिकारी के विजिट, निरीक्षण व भ्रमण के दौरान किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के बिना निर्धारित गणवेश के पाये जाने पर इसे अत्यन्त गंभीरता से लिया जावेगा।
जयपुर, 14 दिसम्बर। संभागीय आयुक्त, जयपुर डॉ० समित शर्मा ने आज प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग (ग्रुप-4) के आदेश क्रमांक:एफ 26(2)एआर-1/09/पार्ट दिनांक 10.08.2020, परिपत्र क्रमांक प.5(5)प्र.सु/अनु.-4/निरीक्षण/2006 दिनांक 20.08.2010 एवं प.10(1)प्रसु/अनु.-1/2012 दिनांक 27.06.2019, सामान्य प्रशासन (ग्रुप-3) विभाग की आज्ञा क्रमांक: प.6(2)साप्र./3/81 दिनांक 16 जुलाई, 2015 एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के परिपत्र दिनांक 4.12.2020 के संदर्भ में जिला कलेक्टर (समस्त जयपुर संभाग) एवं सम्भाग स्तरीय (क्षेत्रीय) अधिकारी (समस्त जयपुर संभाग) को संबोधित अधिकारियों व कार्मिकों द्वारा राजकीय ड्यूटी के समय निर्धारित गणवेश (Uniform) धारण करने के संबंध में एक आदेश जारी किया हैं, जो निम्नानुसार हैं :-
महोदय,
प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग द्वारा पूर्व में शासन तंत्र के सभी स्तरों पर अनुशासन एवं काम काज के स्तर में सुधार लाने की दृष्टि से सरकारी कार्यालयों में समय की पाबंदी व कार्य स्थलों पर उपस्थिति, पारदर्शिता लाने, पहचान एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु संदर्भित परिपत्र दिनांक 20.08.10 एवं 27.06.19 जारी किए है। साथ ही प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा व मुख्य सचिव महोदय द्वारा हस्ताक्षरित परिपत्र दिनांक 4.12.2020 में राज्य कार्यो के निस्तारण में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है।
राज्य सरकार के विभागों के निम्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये गणवेश निर्धारित की हुई है :-
1. राज्य सरकार के प्रत्येक विभागों के वाहन चालक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व सुरक्षाकर्मी आदि
2. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक, नर्सेज, ए.एन.एम., वार्डबॉय आदि
3. नगर निगम के फायर मैन, लाईन मैन, हैल्पर एवं सफाईकर्मी आदि
4. विद्युत विभाग के लाईन मैन व हैल्पर आदि
5. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के वाहन चालक व परिचालक आदि
6. महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाडी कार्यकर्ता, सहायिका, साथिन, आशा सहयोगिनी आदि
7. वन विभाग के क्षेत्रीय वन अधिकारी ग्रेड-1 एवं ग्रेड-2, वनपाल, सहायक वन पाल एवं वन रक्षक आदि
8. आबकारी विभाग के आबकारी निरोधक दल के अधिकारी – संयुक्त आबकारी आयुक्त, उपायुक्त, आबकारी अधिकारी, सहायक आबकारी अधिकारी, आबकारी निरीक्षक, प्रहराधिकारीगण, जमादार, आबकारी सिपाही, वाहन चालक आदि
9. परिवहन विभाग के निरीक्षक, उप निरीक्षक एवं सुरक्षा गार्ड आदि
10. पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सालय में कार्यरत पशु चिकित्सक व पशु चिकित्साकर्मी
11. उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी आदि जहाँ गणवेश निर्धारित है।
प्रायः यह देखा गया है कि जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये वर्दी निर्धारित है, वे निर्धारित वर्दी में नहीं रहते है जिससे उनकी पहचान नहीं हो पाती । राजस्थान सरकार के विभिन्न विभागों यथा चिकित्सा विभाग, नगर निगम, विद्युत निगम, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम, महिला एवं बाल विकास, वन विभाग, आबकारी विभाग, परिवहन विभाग आदि के उपरोक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये गणवेश निर्धारित है जिसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ड्यूटी समय के दौरान कार्यालय में व फील्ड में कार्य करते समय धारण करना चाहिये जिससे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पदीय पहचान हो सके तथा जिस व्यक्ति/ लाभार्थी को उनसे कार्य हो वे सीधे उनसे सम्पर्क कर सके और सेवा (Service) प्राप्त कर सके । इससे राज्य कार्यो के निस्तारण में पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी।
राजस्थान सरकार के सामान्य प्रशासन (ग्रुप-3) विभाग की आज्ञा कमांक: प. 6(2) साप्र/3/81 दिनांक 16 जून, 2015 द्वारा अल्प वेतन भोगी कार्मिकों के लिये वर्दी की दरें निर्धारित कर प्रतिवर्ष वर्दी भत्ते का नगद भगतान किया जाता है, जो निम्नानुसार है :-
क.सं. |
पदनाम |
वर्तमान दरें |
1. |
नर्स
(नर्सिंग स्टॉफ) |
2250/ |
2. |
सचिवालय
के जमादार |
2250/ |
3. |
अन्य
विभागों के जमादार |
1800/ |
4. |
ड्राईवर |
1800/ |
5. |
चतुर्थ
श्रेणी कर्मचारी |
1650/ |
6. |
महिला
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी |
1950/ |
7. |
तकनीकी
कर्मचारी |
1650/ |
विभिन्न विभागों द्वारा समय समय पर निर्धारित यूनिफार्म धारण कर ड्यूटी पर उपस्थित होने बाबत आदेश व निर्देश जारी किये जाते रहे हैं।
उक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा कार्यालय में व फील्ड में ड्यूटी समय के दौरान निर्धारित गणवेश धारण करने से अधिकारियों एवं कर्मचारियों की आमजन में पदीय पहचान होने के साथ ही आमजन को अपने कार्य के लिय अधिकृत अधिकारी/ कर्मचारी से सम्पर्क करने में भी आसानी होगी, राज कार्य सुचारू होगा व पारदर्शिता रहेगी।
अतः शासन तंत्र व लोक सेवाएं (Public Services) में पारदर्शिता व उत्तरदायित्व (Transparency and accountability) सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिलों में / राजकीय विभागों व कार्यालयों में कार्यरत उन अधिकारियों /कर्मचारियों को जिनके लिए वर्दी निर्धारित है, को ड्यूटी समय में कार्यस्थल / फील्ड में यूनिफार्म धारण करने हेतु आवश्यक निर्देश प्रदान करावें एवं इसकी सुनिश्चिता करावें । यह कार्यस्थल पर उनकी समय की पाबंदी, उपस्थिति व पूरे समय कार्यालय/ फील्ड में सेवा हेतु उपलब्धता में सहायक होगा एवं कार्यस्थल/ फील्ड में अधिकारी व कर्मचारी की पदीय पहचान होगी । फील्ड में यूनिफार्म को धारण करने से अलग से पहचाने जाने से राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुँचने में मदद मिलेगी।
उपरोक्त के पर्यवेक्षण व पालना का दायित्व संबंधित कार्यालय अध्यक्ष / संस्था प्रभारी, ब्लॉक , जिला व संभाग स्तरीय अधिकारी का होगा । संबंधित नियन्त्रक अधिकारी यह सुनिश्चित करेगें कि ड्यूटी समय पर वर्दी पहनने की पालना कठोरता से कराई जाये तथा किसी प्रकार की लापरवाही/ अनुशासनहीनता बरती जाने की स्थिति में संबंधित कार्मिक के विरूद्ध वांछित अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये । यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि जिन अधिकारियों / कर्मचारियों को निर्धारित वर्दी हेतु वर्दी भत्ते का नगद भुगतान किया जा रहा है, लेकिन उनके द्वारा वर्दी धारण नहीं किये जाने की अवस्था में वर्दी भत्ते की राशि उनसे नियमानुसार वसूल करने की कार्यवाही की जाये।
किसी भी उच्चाधिकारी के विजिट, निरीक्षण व भ्रमण के दौरान किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के बिना निर्धारित गणवेश के पाये जाने पर इसे अत्यन्त गंभीरता से लिया जावेगा।
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