मुख्यमंत्री ने किया नियमों में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन : ‘बोली प्रतिभूति‘ के स्थान पर केवल ‘बोली प्रतिभूति घोषणा‘ देय होगी
जयपुर, 14 दिसम्बर। विश्वव्यापी महामारी ‘कोविड-19’ के आर्थिक प्रभावों के दृष्टिगत राज्य सरकार ने निविदा के माध्यम से संपादित होने वाले विभिन्न कार्यों के लिए प्रतिभूतियों से संबंधित छूट देने का निर्णय लिया है। इस क्रम में, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता नियम (आरटीपीपी), 2013 में संशोधनों के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
प्रस्ताव के अनुसार, राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता नियम, 2013 में संशोधन के बाद नियम 42 के तहत बोलीदाता की ओर से ‘बोली प्रतिभूति‘ के स्थान पर अब केवल ‘बोली प्रतिभूति घोषणा‘ देय होगी। साथ ही, नियम 75 के तहत देय ‘कार्य संपादन प्रतिभूति‘ में भी छूट देकर इसे कम किया जाएगा। इस क्रम में संकर्मों के उपापन के लिए नियमों में प्रावधित 10 प्रतिशत प्रतिभूति, जिसे अगस्त 2020 में 5 प्रतिशत किया गया था, को और अधिक घटाकर 3 प्रतिशत किया जाएगा।
राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता नियमों में ये शिथिलताएं 31 दिसम्बर, 2021 तक जारी रहेंगी। इस निर्णय से राज्य सरकार की ओर से निविदा के माध्यम से संपादित होने वाले विभिन्न कार्यों के निष्पादन में गति आएगी।
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