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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य नवाचार परिषद की प्रथम बैठक हुई आयोजित


जयपुर, 11 दिसंबर। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहाँ शासन सचिवालय में वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य नवाचार परिषद की प्रथम बैठक आयोजित हुर्ई। 

बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि राज्य के नव प्रवर्तनों को आगे बढाया जाए, उनको आर्थिक एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराकर नव प्रवर्तकों की सृजनशीलता को सम्मानित किया जाए। उन्होंने राज्य में कृषि के क्षेत्र में हो रहे नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि हमें स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा, पशुपालन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कला व हस्तशिल्प एवं अन्य क्षेत्रों में भी होने वाले नवाचारों को बढावा देने के लिए रोड मेप तैयार करना चाहिए। 

श्री आर्य ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों एवं राज्य नवाचार परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिये कि हमें दूसरे राज्यों में हो रहे नवाचारों को भी जानना एवं समझना होगा और राज्य में नवाचार का परिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है जिससे सभी राज्यों में हो रहे नवाचार का प्रचार-प्रसार हो और हम उसे अपने राज्य में भी प्रभावशाली रूप से ग्रहण कर आमजन को लाभ पहुंचा सकें। उन्होंने जिला स्तर पर प्रौद्योगिकी एवं इनोवेशन इनक्यूबेशन केन्द्र स्थापित कर नवाचार के कार्यक्रमों को जिला कलक्टर के माध्यम से आयोजित कराने के निर्देश दिये। 

इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के शासन सचिव श्री कैलाश चन्द्र वर्मा ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि स्टेट इनोवेशन कांउसिल का गठन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन किया गया है। जिससे राज्य में ग्रासरूट नवाचार सहित सभी स्तर पर नवाचार को आगे बढाया जा सकें। 

उन्होंने बताया कि स्टेट इनोवेशन कांउसिल राष्ट्रीय नवाचार फाउंडेशन (एनआईएफ) की सहायता से राज्य के इनोवेशन को आर्थिक एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि राज्य के नवप्रवर्तकों को उनके नवाचार के लिए एनआईएफ द्वारा आयोजित द्विवार्षिक प्रतियोगिताओं में भी विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जिसमें सीकर के श्री जगदीश प्रसाद पारीक को 2019 का एवं श्री सुण्डाराम वर्मा को 2020 का कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए ‘‘पद्मश्री पुरस्कार’’ से सम्मानित किया गया है। 

श्री वर्मा ने प्रस्तुतीकरण में स्टेट इनोवेशन कांउसिल के विभिन्न उद्देश्यों एवं कार्यक्रमों की संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने राजस्थान राज्य नवाचार अवार्ड, SEEDS स्कीम (स्ट्राईव, एफर्ट, फॉर एंटर प्रेन्योरशिप थ्यू्र डीफ्यिूजन बेस्ड सोल्यूशनस) राज्य में हो रहे विभिन्न नवाचारों के बारे में अवगत कराया तथा प्रस्तावित योजनाओं के बारे में जानकारी दी। 

बैठक में वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय नवप्रर्वतन प्रतिष्ठान (एनआईएफ) के निदेशक डॉ. विपिन शर्मा ने बताया कि एनआईएफ का ध्येय प्रौद्योगिकीय नवप्रवर्तकों के लिए नीतियों को बनाना तथा विस्तार और फैलाव के जरिए एक सृजानात्मक एवं ज्ञान आधारित समाज बनाने का है। उन्होंने राजस्थान से संबंधित नवाचार पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस वर्ष राजस्थान से लगभग ग्यारह हजार नवाचार शामिल हुए हैं और राज्य की कुल 41 तकनीक को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया है। राज्य में सेब, सरसों, गाजर, प्याज, गोभी चना आदि की उन्नत किस्म को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। 

उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति भवन में ठहरने से संबंधित रेजीडेंस ईनोवेशन कार्यक्रमों में भी राजस्थान के लोग अग्रसर रहते है। उन्होंने एनआईएफ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की ईन्सपाईर अवार्ड-मानक के बारे में भी जानकारी देते हुए बताया कि इस बार सबसे ज्यादा लगभग 1 लाख से ज्यादा प्रविष्टिी राजस्थान से प्राप्त हुई जो की एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने अन्य राज्यों में हो रहे नवाचरों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जो नवाचार हो रहे है उनके मूल विज्ञान को समझकर प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है जिससे अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके।

इस अवसर पर बैठक में प्रमुख शासन सचिव वन, श्रीमती श्रेया गुहा, प्रमुख शासन सचिव, कृषि, श्री कुंजी लाल मीणा, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री नवीन महाजन एवं अन्य विभागों के उच्च अधिकारियों ने भी वीडियों कान्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया।

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