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जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक पुख्ता बनाएं - मुख्यमंत्री


जयपुर, 15 दिसम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जेलों में बंदियों के पास मोबाइल एवं अवैध वस्तुएं मिलने जैसी घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए हैं कि ऎसे मामलों में मिलीभगत कर कैदियों तक यह सामग्री पहुंचाने वाले जेल प्रहरियों एवं कार्मिकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। 

श्री गहलोत मंगलवार अपराहन मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांन्फ्रेंस के माध्यम से जेल विभाग की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैदियों के पास मोबाइल, मादक पदार्थ, हथियार जैसी प्रतिबंधित वस्तुओं का पहुंचना तथा उनका जेलों से आपराधिक गतिविधियों को संचालित करना जेलों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न चिन्ह लगाता है। इससे अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं। अधिकारियों को ऎसे मामलों को सख्ती से रोकने की आवश्यकता है। इसके लिए जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक चाक-चौबंद किया जाए। जो जेल कार्मिक इसमें शामिल होते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही जेलों में बंद हार्डकोर अपराधियों को रोटेशन के आधार पर अलग-अलग जेलों में रखा जाए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जेलों में कोविड-19 महामारी के संक्रमण से बंदियों तथा जेल स्टाफ को बचाने की व्यवस्था को और पुख्ता किया जाए। उन्होंने कारागृहों में चिकित्सकों के रिक्त पदों को जल्द भरने के निर्देश दिए। श्री गहलोत ने ऎसे समय में जेल विभाग द्वारा कैदियों से उनके परिजनों से मोबाइल पर बात कराने के लिए शुरू की गई व्यवस्था ‘ई-मुलाकात‘ को अच्छी पहल बताया। महानिदेशक जेल श्री राजीव दासोत ने अपने प्रस्तुतीकरण में बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जेल में बंदियों की उनके परिजनों से सीधी मुलाकात संभव नहीं है। इस कारण उनके परिजनों को घर बैठे ही वीडियो कॉलिंग के जरिए बातचीत कराने की यह पहल की गई है। 

श्री गहलोत ने प्रदेश की जेलों के आधुनिकीकरण तथा बंदियों के पुनर्वास एवं कल्याण के लिए गठित जेल विकास बोर्ड की पहली बैठक जल्द कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सजायाफ्ता कैदियों को अपराध वृत्ति से दूर कर मुख्यधारा में लाने के लिए खुली जेल की अवधारणा, जेलों से जुड़ी जानकारियों को कंप्यूटरीकृत एवं ऑनलाइन करने वाले ई-प्रिजन्स प्रोजेक्ट, बंदियों की ई-पेशी के लिए ई-कोर्ट वीडियो कांफ्रेंस, बॉडी वॉर्न कैमरा प्रोजेक्ट सहित अन्य तकनीकी नवाचारों को और अधिक प्रभावी रूप से लागू किया जाए। उन्होंने बंदियों द्वारा तैयार उत्पादों की ऑनलाइन विपणन की संभावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए, जिससे कि इन उत्पादों की बेहतर कीमत मिल सके। 
बैठक में मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक श्री एम.एल.लाठर, प्रमुख शासन सचिव गृह श्री अभय कुमार, प्रमुख वित्त सचिव श्री अखिल अरोरा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। जेल विभाग के अधिकारी भी वीसी के माध्यम से जुड़े।

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