महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में विधि एवं सामाजिक विज्ञान भवन का ऑनलाइन लोकार्पण : गुणवत्तापूर्ण विधि शिक्षा वर्तमान समय की बड़ी आवश्यकता – राज्यपाल
हमारे प्रयासों से प्रदेश में बना उच्च शिक्षा का बेहतरीन वातावरण – मुख्यमंत्री
जयपुर, 4 दिसम्बर। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने गुणवत्तापूर्ण विधि शिक्षा को वर्तमान समय की बड़ी आवश्यकता बताते हुए नागरिकों में विधिक चेतना के लिए प्रभावी प्रयास किए जाने पर जोर दिया है।
श्री मिश्र आज यहां राजभवन से महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर में विधि एवं सामाजिक विज्ञान भवन के ऑनलाइन लोकार्पण समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने विधि शिक्षा के विकास के लिए सैद्धान्तिकी के साथ व्यावहारिकी ज्ञान को भी जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि विधि शिक्षा में विधि शिक्षकों के साथ न्यायाधीशों, विज्ञ वकीलों और न्याय व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों की भी आग्रह कर सेवाएं ली जानी चाहिए।
राज्यपाल ने नवीन शिक्षा नीति की मंशा को समझते हुए विश्वविद्यालयों में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों के क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच पर आधारित ‘लोकल फोर वोकल तथा ‘आत्मनिर्भर भारत के लिए भी विश्वविद्यालय में वातावरण निर्माण किया जाए। उन्होंने विद्यार्थियों में संवैधानिक जागरूकता के लिए विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क जरूरी बताते हुए प्रदेश में सबसे पहले महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में इस पार्क की स्थापना के लिए सराहना भी की।
श्री मिश्र ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के साथ आधुनिकीकरण के प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के सवार्ंगीण विकास के लिए शिक्षण संस्थाओं में आधुनिक जरूरतों के हिसाब से प्रयोगशालाओं, स्मार्ट क्लासरूम, इंटरनेट वाईफाई आदि सुविद्याएं उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिकता रखते हुए कार्य होना चाहिए।
राज्यपाल ने शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा के साथ खेलकूद गतिविधियों के लिए भी निरन्तर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने साइक्लिंग के प्रति विशेष रुचि और इस क्षेत्र में बीकानेर के चैम्पियन रहने को महत्वपूर्ण बताते हुए विश्वविद्यालय में साइक्लिंग वेलोड्रम के निर्माण के कदम की सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय स्तर के इंडोर स्पोट्र्स काम्प्लेक्स के निर्माण के लिए बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि इससे विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्र के साथ स्पोट्र्स हब के रूप में अपनी पहचान बनाएगा। उन्होंने विश्वविद्यालय में शिक्षा संकाय के अंतर्गत एमपीएड के रूप में नवीन विभाग की स्वीकृति भी मुख्यमंत्री स्तर पर जारी करने का आग्रह किया।
श्री मिश्र ने कोरोना के इस दौर में सतर्कता रखते हुए मास्क लगाने, दो गज की दूरी बनाए रखने और स्वच्छता नियमों को आदत बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कोरोना जागरूकता के लिए भी सभी स्तरों पर प्रयास किये जाने पर जोर दिया और इस संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा कार्य किए जाने की भी सराहना की।
राज्यपाल ने इससे पहले संविधान उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया। उन्होंने और मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने पूर्व में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के विधि और सामाजिक विज्ञान भवन का ऑनलाइन लोकार्पण किया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार के निरन्तर प्रयासों से प्रदेश में उच्च शिक्षा का बेहतरीन वातावरण बना है। किसी समय यहां के विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में जाते थे, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में मेरे पहले कार्यकाल में हमारी सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी के लिए नीतिगत निर्णय किया, इसी का परिणाम है कि आज राजस्थान में सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी कॉलेज, विश्वविद्यालय और प्रतिष्ठित संस्थानों का जाल बिछ गया है। इनकी स्थापना से यहां के छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ा है और उज्जवल भविष्य की राह खुली है।
श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार लगातार ऎसे निर्णय कर रही है, जिनसे गांव-ढाणी तक के युवाओं को बेहतर उच्च शिक्षा मिले। इसको ध्यान में रखते हुए विगत दो वर्ष में ही प्रदेश में करीब 85 नए महाविद्यालय खोले गए हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. जवाहर लाल नेहरू की सोच थी कि हमारा देश शिक्षा, विज्ञान, उद्योग, कृषि सहित सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बने। उनके प्रयासों से देश में आईआईटी, आईआईएम, इसरो, एम्स, बार्क जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की स्थापना संभव हो सकी और देश तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ा। राजस्थान में भी हमारे पिछले कार्यकाल में आईआईटी, आईआईएम और ट्रिपल आईटी जैसे संस्थानों की स्थापना की गई। करीब 17 वर्ष पहले हमारे प्रयासों से ही महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर की स्थापना हुई।
श्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लिए रिसोर्स असिस्टेंट एवं कॉलेज विद एक्सीलेंस (रेस) योजना शुरू की है। इसके तहत 33 जिलों के 33 कॉलेजों को रेस सेंटर एवं 8 कॉलेजों को रेस सब-सेंटर बनाया है। इन जिलों में डिस्टि्रक्ट रिसोर्स असिस्टेंस का गठन कर अकादमिक एवं भौतिक संसाधन सहायता कार्य शुरू कर दिया है। सात महाविद्यालयों में स्मार्ट साइंस लैब की स्थापना की गई। मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना के तहत 75 कॉलेजों में कौशल प्रशिक्षण केन्द्र बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निरोगी राजस्थान अभियान के तहत राजकीय कॉलेजों में स्वास्थ्य चेतना के लिए राजस्थान हैल्दियर यूथ एंड मोरल एजूकेशन (राइम) प्रोग्राम शुरू किया गया है और 76 कॉलेजों में ई-क्लासरूम बनाए गए हैं। कोविड के दौर में विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित नहीं हो इसको ध्यान में रखते हुए करीब 1 लाख 27 हजार 311 व्याख्यान और 1 लाख 35 हजार 389 नोट्स ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपलोड किए गए हैं। साथ ही राजीव गांधी ई-कंटेंट बैंक तैयार किया गया है, जिस पर गुणवत्ता युक्त पाठ्य सामग्री उपलब्ध है।
श्री गहलोत ने कहा कि हर जनप्रतिनिधि और व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह संविधान की प्रस्तावना के अनुरूप व्यवहार करे और मूल कर्तव्यों का पालन करे। प्रारंभिक शिक्षा के समय ही बच्चों में संवैधानिक मूल्यों की पालना तथा आदर का भाव पैदा हो। इसके लिए राजस्थान में पाठ्य-पुस्तकों के प्रारंभ में संविधान की प्रस्तावना को शामिल करने का प्रयोग किया गया है।
ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की तरक्की का माध्यम शिक्षा ही है। शिक्षा व्यक्ति को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राजस्थान उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय को ग्रीन यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया।
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत प्रदेश के विद्यार्थियों को बेहतर उच्च शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से लगातार महत्वपूर्ण फैसले ले रहे हैं। उनके प्रयासों से ही लंबे समय बाद महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में भूगोल, वाणिज्य एवं प्रबंधन तथा फाइन आर्ट संकाय प्रारंभ होने के साथ ही शिक्षकों एवं अन्य संवर्गों के नए पद स्वीकृत हो सके। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए राजीव गांधी विद्यार्थी सेवा केंद्रों की स्थापना की जा रही है।
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