चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने सवाईमाधोपुर जिला अस्पताल का निरीक्षण कर अवश्यक दिशा-निर्देश दिये
जयपुर, 17 दिसंबर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने गुरूवार को सवाईमाधोपुर जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल परिसर में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया, चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, ओपीडी में आये लोगों और आईपीडी में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों से अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों और सुविधाओं के बारे में फीडबैक लिया तथा आवश्यक दिशा -निर्देश दिये।
डॉ.गर्ग ने पीएमओ डॉ. बी.एल. मीना को निर्देश दिये कि पीपीपी मॉडल पर या जनप्रतिनिधिगण के स्थानीय विकास फंड से अतिरिक्त डायलिसिस मशीनों की व्यवस्था करें। जिला अस्पताल में वर्तमान में 3 डायलिसिस मशीनें उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने भरतपुर जिला अस्पताल में अपने विधायक फंड से डायलिसिस की 9 मशीनों की व्यवस्था की है। उन्होंने निर्देश दिये कि इनमें से 1-1 मशीन एचआईवी रोगी, हेपेटाइटिस और डाइबिटिज रोगी के लिये रिजर्व रखें क्योंकि डायबिटिज रोगियों को कोरोना में आम व्यक्ति के मुकाबले ज्यादा कॉम्पलिकेशन आ रही हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हो चुके व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य ठीक रखने तथा उसका मनोबल बढ़ाने के लिये मनोरोग विशेषज्ञ और आयुर्वेद चिकित्सकों की ड्यूटी लगायी जाये। मनोरोग विशेषज्ञ उसका मनोबल बढ़ाये, आयुर्वेद चिकित्सक उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि के लिये काढ़ा व अन्य औषधि दे। उन्होंने जिला अस्पताल परिसर में सचालित आयुर्वेद चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया।
डॉ. गर्ग ने जिला अस्पताल में संचालित कोरोना जॉंच लैब का अवलोकन किया तथा स्टाफ की सराहना की। पीएमओ ने बताया कि अब स्टाफ और कन्ज्यूमेबल की कमी नहीं है तथा सवाईमाधोपुर के साथ ही गंगापुर सिटी से लिये गये सैम्पल को भी कोटा या जयपुर भेजने के बजाय यहीं जॉंचा जायेगा। डॉ. गर्ग ने बताया कि कोरोना काल के बाद इस लैब का उपयोग 110 प्रकार की अन्य जॉंचों में किया जायेगा।
जिला अस्पताल में निर्मित ऑक्सीजन उत्पादन ईकाई तथा मिनीफोल्ड ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण करने के बाद डॉ. गर्ग ने बताया कि ऑक्सीजन की उपलब्धता पर्याप्त है, बेड पर वेंटिलेटर तक सप्लाई पर निगरानी के लिये मल्टी लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम चाक चौबंद रखें।
डॉ. गर्ग ने निर्देश दिये कि रैफर करते समय पूर्ण विवेक से काम करें। ऎसा नहीं हो कि रैफरल रोगी की रास्ते में ही हालत बिगड जाये। अस्पताल में बहुत योग्य चिकित्सक हैं। उपलब्ध संसाधनों का श्रेष्ठ इस्तेमाल कर यहीं उपचारित करने का प्रयास करें। जिस मामले में रैफर करना आवश्यक है, बेझिझक करें।
डॉ.गर्ग ने अस्पताल परिसर में 1.9 करोड़ रुपये लागत से बन रहे 10 आवासीय क्वार्टर का निरीक्षण किया। इनमें से 2 चिकित्सकों के लिये तथा 4-4 पेरा मेडिकल स्टाफ तथा सहायक कार्मिकों के लिये बनाये जा रहे हैं। डॉ. गर्ग ने निर्देश दिये कि इन क्वार्टरों में स्टाफ का रहना सुनिश्चित करें। उन्होंने 1.5 करोड रुपये लागत से निर्मित किये जा रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा सुलभ कॉम्पलेक्स का भी निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल में सफाई और ड्रेनेज व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिये।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने मदर मिल्क बैंक में सफाई और साज-सज्जा की प्रशंषा की तथा प्रभारी ममता मीणा की हौसला अफजाई की। इसी प्रकार 14 बेड वाले मदर-न्यू बोर्न बेबी केयर यूनिट का अवलोकन कर इसे भी बहुत बढिया संचालित बताया।
डॉ. गर्ग ने सीएमएचओ डॉ. तेजराम मीणा और पीएमओ से कोरोना संक्रमण की जिले में ताजा स्थिति की समीक्षा की। सीएमएचओ ने बताया कि दूसरी पीक अवसान पर है। जिले में अभी 147 कोरोना पॉजिटिव हैं। जिला अस्पताल में 64 बेड कोरोना डेडिकेटेड हैं, इनमें से 4 आईसीयू के हैं। जिला अस्पताल में अभी 6 कोरोना पॉजिटिव भर्ती हैं। उन्होंने बताया कि आईसीयू में 10 अतिरिक्त वेंटिलेटर हैं। अधिकांश मरीजों को वेंटिलेटर की आवश्यकता नहीं पड रही है। डॉ. गर्ग ने बताया कि संक्रमण कम हो रहा है लेकिन सैम्पलिंग और जागरूकता जन आंदोलन में ढिलाई नहीं बरती जाये। उन्होंने वैक्सीन से जुडी तैयारियों का भी फीडबैक लिया।
डॉ. गर्ग ने ऑपरेशन थियेटर को छोडकर प्रत्येक वार्ड का सूक्ष्मता से अवलोकन किया। मेडिकल वार्ड में भर्ती अजय के परिजनों ने बताया कि कोई भी दवा बाहर से नहीं लानी पड रही। चिकित्सक भी हर 2 घंटे में राउंड पर आ रहे हैं।
डॉ.गर्ग ने अस्पताल परिसर में संचालित इन्दिरा रसोई का निरीक्षण किया। रजिस्ट्रेशन कम्प्यूटर का निरीक्षण किया तो 21 व्यक्तियों द्वारा भोजन करने की बात सामने आये। हाउसिंग बोर्ड निवासी खुशीराम ने बताया कि उसने 8 रूपये शुल्क का भुगतान नहीं किया है। रसोई संचालक ने बताया कि गरीब और बेसहारा के पेटे के 8 रूपये कई बार भामाशाह दे देते हैं और कई बार संचालक स्वयं इसका भार उठाती है। डॉ.गर्ग ने बर्तन, भोजन बनाने के कक्ष का भी अवलोकन किया।
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