माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण नियम : राज्य समन्वय समिति की बैठक
जयपुर, 4 दिसम्बर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग कि शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ की अध्यक्षता में शुक्रवार को माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण, नियम- 2010 के नियम 22 के अंतर्गत गठित राज्य समन्वय समिति की बैठक webex के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित की गई।
बैठक में गृह विभाग, वित्त विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, विधि, पुलिस तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव, श्री ओमप्रकाश बुनकर ने बताया कि बैठक में शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने सभी विभागों को अधिनियम के नियम 2010 के प्रावधानों की समुचित पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए पुलिस और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कॉल सेंटर पर प्राप्त होने वाली शिकायतों को श्रेणीवार सूचीबद्ध करने की आवश्यकता बताई ताकि समस्याओं की प्रकृति का ठीक से विश्लेषण हो सके और तद्नुसार ठोस कार्य योजना बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्रवार समस्याओं का आकलन करना सरल होगा और जिलेवार समुचित कार्य योजना पर काम किया जा सकेगा।
बैठक में राज्य के शेष रहे 11 जिलों में वृद्धाश्रम सम्बन्धी प्रस्ताव शीघ्र तैयार करने के लिए विभाग के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया।
शासन सचिव ने कहा कि गृह विभाग द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से वरिष्ठ नागरिकों के पास जाकर उनकी समस्याओं को जानने और उनके निराकरण की पहल करनी चाहिए। कोविड-19 के संबंध में वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए राजकीय अस्पतालों में जांच काउंटर, और दवा उपलब्ध कराने तथा ऎसे मामलों के फोलो अप के लिए पृथक से व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया।
श्रीमती राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस अधिनियम के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों को जीवन एवं संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित कराने की व्यवस्था की गई है तो सभी सम्बंधित विभागों को विभिन्न योजनाओं यथा पेंशन, चिकित्सा, सुरक्षा इत्यादि के जरिये वरिष्ठजन को गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार दिलाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इस अधिनियम के प्रचार-प्रसार के लिए सूचना एवं उन्होनें अधिकाधिक जरूरतमंद को योजना का लाभ सुनिश्चित कराने के लिए जनसंपर्क विभाग के स्तर पर समुचित माध्यमों से प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता बताई।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक श्री ओपी बुनकर ने जिला स्तर पर जिला समन्वय समिति की बैठक त्रैमासिक करने के लिए विशेष जोर दिया तथा कहा कि जिलाधिकारी इसके लिए स्वयं के स्तर पर समन्वय कर कार्य करें।
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