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विषम परिस्थितियों में भी मुख्यमंत्री का कुशल वित्तीय प्रबंधन : विभिन्न योजनाओं के लिए 427 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान, राज्य मद की योजनाओं के साथ ही राज्यांश से केन्द्रीय योजनाओं को भी मिलेगी गति


जयपुर, 15 दिसम्बर। कोविड-19 महामारी से उपजी विषम आर्थिक परिस्थितियों में भी मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत कुशल वित्तीय प्रबंधन के जरिए जनकल्याणकारी योजनाओं को लगातार गति दे रहे हैं। राज्य निधि से संचालित योजनाओं के साथ ही केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में भी राज्य की हिस्सा राशि उपलब्ध करवा कर प्रदेश के विकास तथा सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसी क्रम में श्री गहलोत ने विभिन्न योजनाओं में करीब 427 करोड़ रूपए के अतिरिक्त प्रावधान को मंजूरी दी है। 

मेधावी छात्राओं को स्कूटी के लिए 33 करोड़ 

बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उददेश्य से मुख्यमंत्री ने मेधावी छात्राओं को स्कूटी वितरण योजना में 33 करोड़ 10 लाख रूपये के अतिरिक्त प्रावधान को स्वीकृति दी है। इससे योजना में वर्ष 2019-20 की पात्र छात्राओं को स्कूटी का वितरण किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि राज्य निधि से संचालित इस योजना में उच्च शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, जनजाति क्षेत्रीय विकास, माध्यमिक शिक्षा तथा अल्पसंख्यक मामलात विभाग के माध्यम से मेधावी छात्राओं को स्कूटी वितरण कर लाभान्वित किया जाता है। 

भर्ती परीक्षाओं के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड को 16.13 करोड़ 

मुख्यमंत्री ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के आयोजन के लिए 16 करोड़ 13 लाख रूपये के अतिरिक्त प्रावधान को मंजूरी दी है। श्री गहलोत की इस स्वीकृति से पटवार सीधी भर्ती परीक्षा, शीघ्र लिपिक संयुक्त सीधी भर्ती परीक्षा का निर्बाध रूप से समय अनुसार आयोजन हो सकेगा और युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। 

कपड़ा उद्योगों को 73 करोड़ का अनुदाऩ 

श्री गहलोत ने राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स) के तहत टेक्सटाइल उद्योग क्षेत्र में अनुदान के भुगतान के लिए 73 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया है। इससे वित्त वर्ष 2020-21 में उद्यमियों को ब्याज अनुदान तथा जीएसटी जमा के बदले नगद अनुदान का भुगतान किया जा सकेगा। 

रोजगार के लिए मनरेगा में 108 करोड़ का राज्यांश 

श्री गहलोत ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के तहत राज्यांश के रूप में 108 करोड़ 25 लाख 81 हजार रूपये के अतिरिक्त प्रावधान को स्वीकृति दी है। इस मंजूरी से इस केन्द्रीय योजना के लिए भारत सरकार से प्राप्त राशि का उपयोग कर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकाधिक मनरेगा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकेगा। 

अमृत योजना में 134 करोड़ की हिस्सा राशि मंजूर 

मुख्यमंत्री ने अमृत योजना के तहत राज्य की हिस्सा राशि के रूप में 134 करोड़ 37 लाख रूपए का अतिरिक्त प्रावधान स्वीकृत किया है। इससे केन्द्रीय सहायता के रूप में प्राप्त 41 करोड़ 25 लाख रूपए का उपयोग इस योजना के तहत प्रदेश के चयनित शहरों में जलापूर्ति, स्वच्छता, सीवरेज प्रबंधन आदि कार्यों में किया जा सकेगा। 

सरिस्का में ग्राम विस्थापन के लिए 3 करोड़ 28 लाख 

श्री गहलोत ने सरिस्का टाइगर प्रोजेक्ट में ग्राम विस्थापन कार्य के लिए राज्यांश के रूप में 3 करोड़ 28 लाख रूपए उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से सरिस्का बाघ परियोजना क्षेत्र में बाघों तथा अभयारण्य के संरक्षण के उददेश्य से ग्राम विस्थापन के कार्य को गति दी जा सकेगी। 

राष्ट्रीय खाद्य मिशन (दलहन) में 29 करोड़ 

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय खाद्य मिशन (दलहन) के लिए राज्यांश के रूप में 29 करोड़ 26 लाख रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया है। इससे केन्द्र एवं राज्य निधि के बीच 60 अनुपात 40 की हिस्सेदारी में संचालित इस योजना में वर्ष 2020-21 के लिए प्राप्त केन्द्रीय अंशदान का उपयोग किया जा सकेगा। साथ ही प्रदेश में दलहन के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के लिए किसानों को अनुदानित उन्नत बीज एवं कीटनाशक उपलब्ध कराने, सिंचाई एवं कृषि यंत्रीकरण सुविधाओं के विस्तार आदि गतिविधियों का संचालन किया जा सकेगा। 

अन्तरजातीय विवाह प्रोत्साहन के लिए 6.75 करोड़ का राज्यांश 

मुख्यमंत्री ने अन्तरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत 6 करोड़ 75 लाख रूपए के अतिरिक्त प्रावधान को स्वीकृति दी है। उल्लेखनीय है कि इस केन्द्रीय योजना में अन्तरजातीय विवाह करने वाले प्रति युगल को 5 लाख रूपए की सहायता दी जाती है। इसमें से एक लाख 25 हजार रूपए केन्द्र सरकार से तथा 3 लाख 25 हजार रूपए राज्य निधि से दिए जाते हैं। श्री गहलोत की इस स्वीकृति से अन्तरजातीय विवाह करने वाले दंपत्तियों को सहायता राशि का भुगतान हो सकेगा। 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 13.51 करोड़ स्वीकृत 

श्री गहलोत ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वाटरशैड कंपोनेंट) के अन्तर्गत राज्य के हिस्से के रूप में 13 करोड़ 51 लाख का अतिरिक्त प्रावधान किया है। इससे वित्तीय वर्ष 2020-21 में इस योजना में केन्द्र से प्राप्त राशि का उपयोग कर प्रदेश में जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन से जुड़े कार्यों को गति दी जा सकेगी। 

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय के लिए 10 करोड़ 

मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सहायिकाओं के मानदेय के भुगतान के लिए राज्य के अंश के रूप में 10 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया है। श्री गहलोत की इस स्वीकृति से 36 बाल विकास परियोजनाओं के अधीन कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को मानदेय का नियमित भुगतान हो सकेगा।

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