जीपीएफ-2004 एवं एसएबी के अन्तर्गत आने वाले राज्य कार्मिक अब स्वैच्छा से जमा करा सकेंगे राशि, जीपीएफ योजना के लिए घोषित ब्याज दरों के अनुसार ही देय होगा ब्याज
जयपुर, 11 दिसम्बर। राज्य सरकार ने जीपीएफ 1 जनवरी, 2004 से अथवा इसके पश्चात नियुक्त राज्यकार्मिकों एवं जीपीएफ एवं एसएबी के अन्तर्गत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्तशाषी संस्थाओं, बोर्ड्स, निगम आदि के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को स्वेच्छा से राशि जमा कराने का अवसर दिया है।
राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि-विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्री रामपाल परसोया ने बताया कि यह योजनाएं स्वैच्छिक अंशदान की होने के कारण इनकी कटौती वेतन से नहीं की जाएगी। कार्मिक ई-चालान के माध्यम से अपनी स्वेच्छिक राशि जमा करवा सकते हैं जो उनकी कुल वार्षिक परिलब्धियों से अधिक नहीं होनी चाहिए। इन जमा राशियों पर राज्य सरकार द्वारा नियमित राज्य कर्मचारियों के लिए संचालित जीपीएफ योजना के लिए घोषित ब्याज दरों के अनुसार ही ब्याज देय होगा।
आहरण वितरण अधिकारियों को SIPF Portal में रजिस्टर्ड किया जायेगा। आहरण वितरण अधिकारियों द्वारा इन कार्मिकों की एम्प्लॉय आई.डी. विभाग से आवंटित करवाई जायेगी। जिन संस्थाओं का पीडी खाता कोष कार्यालय में नहीं है उनके आहरण वितरण अधिकारियों द्वारा कार्मिकों की वर्ष 2019-20 के तदर्थ बोनस का 75 प्रतिशत अंशदान बजट मद 8009-01-101-(04) में ईग्रास के माध्यम से जमा किया जायेगा। एम्प्लाई आई.डी. के आधार पर SIPF Portal में प्रथम बार राशि डालने पर सिस्टम जनरेटेड खाता संख्या आवंटित होगी जो भविष्य में सभी ट्रान्जेक्शन्स के लिए उपयोग में लाई जायेगी। जिन कार्मिक को पहले से ही एम्प्लॉई आई.डी. जारी की हुई है, ऎसे कर्मचारियों के वर्ष 2019-20 के तदर्थ बोनस का 75 प्रतिशत जमा करवाये जाने के लिए आहरण वितरण अधिकारी द्वारा प्रथम बार पे-मैंनेजर के माध्यम से बिल बनाया जायेगा। प्रथम जमा पर सिस्टम जनरेटेड जीपीएफ खाता संख्या आवंटित होगी जो भविष्य में सभी ट्रांजेक्शनों के लिए उपयोग में ली जायेगी, ऎसे कार्मिकों द्वारा SSO आई.डी. के माध्यम से SIPF Portal पर E.Sign का उपयोग करते हुए मनोनयन(नोमिनी) दर्ज किया जा सकेगा।
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