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जिला स्तरीय कृषि समिति की बैठक सम्पन्न : फसल पद्धति आधारित कृषक प्रशिक्षणों का आयोजन अधिक संख्या में करने, कृषकों को उन्नत बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश


जयपुर, 6 नवम्बर। जिला कलक्टर श्री अन्तर सिंह नेहरा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कृषि समिति की बैठक शुक्रवार को जिला कलेक्टे्रट सभागार में आयोजित की गई। बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद् जयपुर श्री अतहर आमिर सहित 25 सदस्यों द्वारा भाग लिया। जयपुर जिला वित्तीय वर्ष 2019-20 में कृषि विभाग की योजनाओं की वित्तीय प्रगति में पूरे राज्य में प्रथम आया है। इस पर अध्यक्ष एवं समस्त सदस्यों द्वारा सदस्य सचिव श्री बी. आर. कड़वा, उपनिदेशक कृषि, (विस्तार) जिला परिषद एवं उनकी टीम को बधाई दी गई।

श्री कड़वा ने बताया कि बैठक में वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में कृषि विकास के विभिन्न कार्यक्रमो एवं गतिविधियों की जानकारी दी गई। श्री विनोद कुमार, कृषि अनुसंधान अधिकारी (शष्य) द्वारा पावर पॉइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से नेशनल मिशन फोर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर (एनएमएसए) में चयनित कलस्टर व अन्य कृषि विकास कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही एनएमएसए-वर्षा आधारित क्षेत्र विकास में चयनित कलस्टर - दुर्जनियावास, उपजिला झोटवाडा का सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया। वर्ष 2020-21 में जिला जयपुर के अंन्तर्गत क्रियान्वित की जा रही विभिन्न विभागीय योजनाओं/कार्यक्रमों के अन्तर्गत प्राप्त भौतिक एवं वित्तीय प्रगति पर भी कार्यक्रमवार विस्तृत चर्चा की गयी। 

मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने मनरेगा में जलग्रहण विकास एवं भू-सरंक्षण विभाग द्वारा निर्मित फार्म पौण्ड में प्लास्टिक शीट की अच्छी गुणवत्ता एवं मिट्टी को फार्मपौण्ड से दूर डलवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट इकाई निर्माण में कृषि विभाग के दिशानिर्देशानुसार मनरेगा के अन्तर्गत विशेषतः अनुसूचित जाति एवं जनजाति श्रेणी के कृषकों का चयन कर सूची प्रेषित करने को कहा। अनुसूचित जाति एवं जनजाति निगम द्वारा सम्बन्धित वर्ग के कृषकों को दी जा रही विभिन्न सुविधाओं के अधिकाधिक प्रचार-प्रसार एवं पात्र कृषकों को विकास अधिकारी के माध्यम से सहायता दिलवाने के निर्देश दिए गए।

उन्होंने विभागीय फसल प्रदर्शनों एवं बीज मिनिकिट के आयोजन हेतु समय पर कृषकों को उन्नत किस्मों के बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा एवं इसके लिए कृषि आयुक्तालय एवं बीज आपूर्तिकर्ता संस्थाओं में समन्वयन करते हुए और अधिक प्रयासो की आवश्यकता बताई। अधिक संख्या में फसल पद्धति आधारित कृषक प्रशिक्षणों का आयोजन करने के भी निर्देश दिए गए। परियोजना निदेशक, आत्मा, झोटवाडा के योजनान्तर्गत नवाचार कार्यक्रम में अजोला इकाई निर्माण के स्थान पर कचरा प्रबन्धन की उत्तम तकनीक “वेस्ट-डीकम्पोजर” के प्रदर्शन आयोजन कराने के प्रस्ताव का सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया।

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