राज्य में पशुपालन की अपार संभावनाएं, उद्यमिता के रूप में विकसित करें - विशिष्ट शासन सचिव
जयपुर, 25 नवम्बर। पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की विशिष्ट शासन सचिव डॉ. आरूषि मलिक ने बुधवार को यहां पशुपालन निदेशालय में अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर पशुपालन को उद्यमिता के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए।
विशिष्ट शासन सचिव डॉ. मलिक ने प्रदेश में कुक्कुट विकास के सुदृढ़ीकरण व सभी जिलों में विस्तार की संभावनाओं, किसान क्रेडिट कार्ड का पशुपालकों व मत्स्य पालकों के लिए अधिकाधिक उपयोग की संभावनाओं व उपयोग के बारे में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में भेड़, बकरी, ऊंट, शूकर एवं पोल्ट्री विकास की अपार संभावनाएं है जिन्हें एक उद्यमिता के रूप में विकसित करने की त्वरित आवश्यकता है।
डॉ. मलिक ने पशुपालन की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्ती भूमिका के दृष्टिगत आवारा पशुओं के नियंत्राण तथा दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए र्सोटेड सीमन के उपयोग, रोग निदान प्रयोगशालाओं, बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालयों व पशु फार्मों के सुदृढ़ीकरण, ऊष्ट्र विकास तथा पशु विपणन में वृद्धि के लिए राज्य स्तरीय पशु मेलों के विकास के कार्य करने के निर्देश दिये। साथ ही पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की विभिन्न योजनाओं में प्राप्त राशि का समय पर उपयोग कर पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी के पूर्ण प्रयास करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि विभाग का यह प्रयास रहना चाहिये कि सरकार की योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा पशुपालकों तक पहुंचे।
बैठक में पशुपालन विभाग के संयुक्त शासन सचिव एवं निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने पशुपालन तथा मत्स्य विभाग की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं के संचालन एवं प्रगति के संबंध में अवगत कराया।
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