बाल अधिकार सप्ताह का राज्य स्तरीय शुभांरभ : बाल कल्याण योजनाओं का लाभ बालकों तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करेगी सरकार - मुख्यमंत्री
जयपुर, 13 नवम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण के साथ ही बाल श्रम, बाल विवाह एवं बच्चों के प्रति हिंसा की रोकथाम जैसे बाल अधिकार से जुड़े विषयों पर प्रभावी कदम उठाए हैं। बाल कल्याण से जुड़ी योजनाओं में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। सरकारी योजनाओं का लाभ बालकों तक पहुंचे यह सुनिश्चित किया जाएगा।
श्री गहलोत 14 से 20 नवम्बर आयोजित किए जाने वाले बाल अधिकार सप्ताह का शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीसी के माध्यम से राज्य स्तरीय शुभांरभ करने बाद सम्बोधित कर रहे थे। वर्चुअल कार्यक्रम ‘बाल संगम’ में श्री गहलोत ने ‘वात्सल्य योजना’ एवं ‘समर्थ योजना’ के दिशा-निर्देशों की पुस्तिका का विमोचन भी किया। उन्होंने जोधपुर में कौशल एवं परामर्श प्रशिक्षण केन्द्र का भी उद्घाटन किया।
गरीबी एवं आर्थिक असमानता का उन्मूलन जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री प. जवाहर लाल नेहरू का कहना था कि आज के बच्चे ही कल का निर्माण करते हैं। अतः उनकी आज की परवरिश पर देश का भविष्य निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि गरीबी, भूखमरी एवं आर्थिक असमानता का उन्मूलन किए बिना बाल मजदूरी को खत्म करना संभव नहीं है। आज भी कई बच्चे बंधुआ मजदूर के रूप में काम करने को मजबूर हैं।
स्वयंसेवी संस्थाएं साधुवाद की पात्र
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं को हर बच्चे तक पहुंचाने के साथ ही समाज के हर व्यक्ति को बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए आगे बढ़कर कार्य करना होगा। समाज जुड़ता है तो सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन भी सही ढ़ंग से जरूरतमंद को मिल पाता है। उन्होंने बाल संरक्षण की दिशा में स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किए जा रहे प्रयासों के लिए उन्हें साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि बाल अधिकारों के संरक्षण के समक्ष मौजूद चुनौतियों का हम सभी को मिलकर सामना करना होगा।
वात्सल्य योजना एवं समर्थ योजना का शुभारंभ
श्री गहलोत ने कार्यक्रम के दौरान वर्ष 2020-21 के बजट भाषण में की गई नेहरू बाल संरक्षण कोष की स्थापना सम्बन्धी घोषणा की अनुपालना में अनाथ एवं बेसहारा बच्चों के लिए वात्सल्य योजना एवं समर्थ योजना लॉन्च की। साथ ही, जोधपुर में आईसीआईसीआई बैंक के सहयोग से राजकीय बाल संरक्षण गृहों में रहने वाले बच्चों के लिए कौशल विकास केन्द्र का भी शुभारंभ किया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री राजेन्द्र यादव ने कहा कि जयपुर, अजमेर, कोटा एवं उदयपुर में कौशल एवं परामर्श प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से 750 बच्चों को बेसिक कम्प्यूटर, मोबाइल रिपेयरिंग आदि की ट्रेनिंग दी जा रही है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. संगीता बेनीवाल ने कहा कि बाल अधिकार सप्ताह के तहत बच्चों को उनके अधिकारों एवं बाल संरक्षण के लिए किए गए प्रावधानों के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही, हैल्पलाइन नम्बर के बारे में भी उन्हें बताया जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर वे मदद प्राप्त कर सकें।
शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता श्रीमती गायत्री राठौड़ ने बताया कि बाल देखरेख संस्थानों के माध्यम से पिछले दो वर्षों में करीब 7500 बच्चों को आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इन संस्थाओं में रहने वाले बच्चों को बेहतर पोषण एवं सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रति बालक प्रति माह दी जाने वाली राशि 2000 से बढ़ाकर 2721 कर दी गई है। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष की आयु पूरी कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने वाले बच्चों के लिए समर्थ योजना शुरू करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। इस योजना के तहत संस्थागत देखरेख से बाहर निकलने वाले बच्चों को व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण के साथ ऋण एवं परामर्श सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा वात्सल्य योजना के तहत बाल देखरेख संस्थाओं में रह रहे बच्चों को वैकल्पिक परिवार आधारित देखरेख सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। बच्चे का पालन पोषण एवं देखभाल करने वाले माता पिता को एक निश्चित अवधि के लिए प्रतिमाह 2 हजार रूपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
श्रीमती राठौड़ ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा बाल संरक्षण सूचना प्रबंधन प्रणाली का पोर्टल तैयार किया गया है। इसमें बाल कल्याण समितियों, किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल देखरेख संस्थानों द्वारा समस्त श्रेणी के बच्चों का डेटा संधारण पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि बच्चों के सुरक्षित भविष्य एवं उनके अधिकारों के संरक्षण की जिम्मेदारी हम सभी की है। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री एम.एल. लाठर, अति. मुख्य सचिव ग्रामीण विकास श्री रोहित कुमार सिंह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में विभिन्न जिलों की जिला परिषदों के सीईओ, बाल कल्याण समितियों के सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य भी वीसी के माध्यम जु़ड़े रहे।
बाल अधिकारिता आयुक्त श्री महेश चन्द्र शर्मा ने अन्त में धन्यवाद ज्ञापित किया।
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