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प्रधानमंत्री की 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस : कोरोना से जंग में राजस्थान सभी पैरामीटर्स पर आगे - मुख्यमंत्री


जयपुर, 24 नवम्बर। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राजस्थान सहित 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना प्रबंधन को लेकर वीडियो कांफ्रेंस की। इस वीडियो कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री ने कोरोना प्रबंधन के जिन महत्वपूर्ण पैरामीटर्स पर चर्चा की, राजस्थान का प्रदर्शन उन सभी मापदंडों पर उत्कृष्ट रहा है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से मृत्यु दर एक प्रतिशत से नीचे लाना सभी राज्यों का प्रमुख लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रोगियों की मृत्यु के कारणों का विश्लेषण हो। राज्यों का यह प्रयास होना चाहिए कि पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से नीचे रहे। जांचों की संख्या को बढ़ाया जाना चाहिए। रोगियों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई रहे। प्रधानमंत्री ने कोविड से बचाव के लिए समाज को और जागरूक करने पर बल दिया। 

मृत्यु दर को लगातार एक प्रतिशत से नीचे रख रहे 

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे बेहतर कोरोना प्रबंधन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा कोरोना से जंग जीतने के मामले में बताए गए सभी मापदंडों पर राजस्थान अग्रणी रहा है और अन्य राज्यों से बेहतर स्थिति में है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश में मृत्यु दर लगातार एक प्रतिशत से नीचे बनी हुई है। राज्य में वर्तमान में मृत्यु दर 0.89 प्रतिशत ही है। राजस्थान में मृत्यु के कारणों के विस्तृत विश्लेषण की व्यवस्था कोरोना के शुरूआती दौर से ही की हुई है। 

राजस्थान में आरटीपीसीआर से हो रही है शत-प्रतिशत जांचें 

श्री गहलोत ने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया कि पूरे विश्व में आरटीपीसीआर टेस्ट सबसे विश्वसनीय हैं। देश के सभी राज्यों में राजस्थान की तरह शत-प्रतिशत टेस्ट रैपिड एंटीजन टेस्ट की बजाय आरटीपीसीआर पद्धति से होने चाहिएं। देश में राजस्थान एवं तमिलनाडु दो ही राज्य हैं, जहां शत-प्रतिशत जांचें आरटीपीसीआर पद्धति से ही की जा रही हैं। राजस्थान में आरटीपीसीआर से लगभग 42 लाख जांचें की जा चुकी हैं। केस पॉजिटिविटी रेट राज्य में 5.8 प्रतिशत है, जो कि राष्ट्रीय औसत 6.89 प्रतिशत से काफी बेहतर स्थिति में है। राज्य सरकार शीघ्र ही इसे 5 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए पूरी गंभीरता से कार्य कर रही है। साथ ही प्रतिदिन जांच क्षमता भी 60 हजार तक पहुंचाई जा चुकी है। 

ऑक्सीजन की उपलब्धता को पुख्ता किया 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था को मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी लेवल तक भी सुदृढ किया गया है। अस्पतालों में बडे ऑक्सीजन प्लांट, पाइपलाइंस, ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स, स्टोरेज आदि क्षमताओं को व्यापक रूप से बढ़ाया गया है। इसका परिणाम है कि राज्य में आवश्यकता से कहीं अधिक ऑक्सीजन की उपलब्धता है। 

आईसीयू, ऑक्सीजन तथा वेंटिलेटर्स व्यवस्था को बढ़ाया 

मुख्यमंत्री ने वीसी में कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना की पहली पीक में ही आईसीयू बैड, ऑक्सीजन बैड तथा वेंटिलेटर्स की क्षमताओं को काफी बढ़ा दिया था। इसी का परिणाम है कि हम दूसरी लहर में भी कोरोना से प्रभावी रूप से लड़ पा रहे हैं। राज्य में उपलब्ध ऑक्सीजन बैड में से 26 प्रतिशत, आईसीयू बैड में से 44 प्रतिशत तथा वेंटिलेटर्स में से 18 प्रतिशत पर ही वर्तमान में रोगी हैं। इससे जाहिर है कि जरूरत से कहीं ज्यादा स्पेयर क्षमता भी मौजूद है। 

दृढ़ इच्छाशक्ति से उठाए कदमों की देशभर में हुई सराहना 

श्री गहलोत ने वीसी में अवगत कराया कि राजस्थान ने सामाजिक जागरूकता लाने के लिए कई चरणों में जागरूकता अभियान चलाए हैं। वर्तमान में 2 अक्टूबर से बड़े स्तर पर प्रभावी जन आन्दोलन निरंतर चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अन्य प्रभावी कदमों के रूप में पटाखों पर प्रतिबंध लगाया, देश का पहला राज्य जिसने मास्क को अनिवार्य करने के लिए कानून बनाया। इसके अलावा शादी, सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक आयोजनों में एकत्रित होने वाले लोगों की संख्या को 100 तक सीमित रखने के लिए जुर्माना बढ़ाने, 8 जिला मुख्यालयों पर रात्रिकालीन कर्फ्यू, आदि ऐसे महत्वपूर्ण कदम थे, जिनमें राजस्थान देश के अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय उदाहरण बना। दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ लिए गए राज्य सरकार के इन कदमों की देशभर में सराहना हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी से जीतने के लिए जो गाइडलाइंस बताई है, राजस्थान उन पर पहले से ही बेहतर स्थिति में है। राज्य सरकार लगातार प्रदेश के मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही है। आगे भी हम कोई कमी नहीं रखेंगे।

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