संविधान दिवस (26 नवम्बर) : बंधुत्व का उद्देश्य सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद, जातिवाद तथा भाषावाद की बाधाओं को दूर करना है - अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण
जयपुर, 27 नवम्बर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा गुरूवार को भारत के संविधान के अंगीकरण, अधिनियमन और आत्मार्पण की 71 वीं वर्षगांठ पर वर्चुअल माध्यम से संविधान दिवस समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष व राजस्थान उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश श्री संगीता लोढ़ा ने की।
कार्यक्रम में न्यायाधिपति श्री संगीत लोढ़ा द्वारा संविधान की अनुपालना हेतु ई-प्लेज लॉन्च की गई साथ ही संविधान की प्रस्तावना का वीडियो प्रस्तारित किया गया। अपने उद्बोधन में न्यायाधिपति श्री संगीत लोढ़ा ने कहा कि आज का दिन भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। बंधुत्व का उद्देश्य सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद, जातिवाद तथा भाषावाद जैसी बाधाओं को दूर करना है। डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने कहा है कि संविधान दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह जीवन का अनुकरणीय मार्ग है। संविधान की प्रस्तावना में नागरिकों के लिए राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक न्याय के साथ स्वतंत्रता के सभी रूप शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावना नागरिकों को आपसी भाईचारा व बंधुत्व के माध्यम से व्यक्ति के सम्मान तथा देश की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने का संदेश देती है।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री बृजेन्द्र जैन ने बताया कि 26 नवम्बर से 2 दिसम्बर, 2020 तक राज्य में संविधान सप्ताह के रूप मनाया जा रहा है। इसमें सभी जिला विधिक प्राधिकरणों द्वारा कोविड-19 के दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए विभिन्न विधिक सेवा गतिविधियों का आयोजन ऑनलाईन व ऑफलाईन माध्यमों से किया जाएगा।
प्राधिकरण की निदेशक श्रीमती अर्चना मिश्रा ने कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में राजस्थान राज्य न्यायिक सेवा के सभी न्यायिक अधिकारीगण, पैरा, लीगल वॉलेन्टीयर्स, पैनल अधिवक्तागण, मध्यस्थगण सहित विधिक सेवा से जुड़े सभी स्टेक होल्डर्स ने भाग लिया।
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