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15 नवंबर 2020 से 15 जनवरी 2021 तक होगी प्रतियोगिता : राजस्थान की ऎतिहासिक विरासत के संरक्षण और सुरक्षा के लिए एक पहल


राज्य सरकार ने राजस्थान के कम ज्ञात विरासत स्थलों की डिजिटल मैपिंग के लिए लोगों को किया आमंत्रित 

जयपुर, 5 नवंबर। ‘‘डिजिटल मैपिंग ऑफ मॉन्यूमेंट्स ऑफ राजस्थान’’ कार्यक्रम के दौरान गुरूवार को जवाहर कला केंद्र (जेकेके) के फेसबुक पेज पर ’मैप आवर राजस्थान प्रतियोगिता’ का आगाज हुआ। यह प्रतियोगिता कला एवं संस्कृति विभाग, राजस्थान सरकार, जेकेके और डिज़ाइन कॉहार्ट द्वारा इंडिया लॉस्ट एंड फाउंड (आईएलएफ) के सहयोग से आयोजित की जा रही है। इसका उद्देश्य क्राउड-क्रिएटिव कैम्पेन के माध्यम से राजस्थान के हेरिटैज मेप का निर्माण करना है। यह राजस्थान के प्रसिद्ध और कम ज्ञात विरासत स्थलों को रीडिस्कवर एवं शेयर करने और एंगेज रखने में मदद करेगा। प्रतियोगिता के लिए साइन अप करने की अंतिम तिथि 14 नवंबर 2020 है। यह प्रतियोगिता 15 नवंबर 2020 से 15 जनवरी 2021 तक आयोजित की जाएगी। 

कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी डी कल्ला ने कहा कि स्मारक केवल किलों और महलों तक सीमित नहीं है, आम लोगों ने भी अनेक स्मारक बनाए हैं। आज भी इन्हें बावड़ियों, मंदिरों, कुओं, मठों आदि के रूप में देखा जा सकता है। राजस्थान के दूर दराज स्थानों में, ऎसे कई स्मारक हैं जिनके बारे में आम लोगों और सरकार को कम जानकारी है। इन स्मारकों के विकास और संरक्षण के लिए डिजिटल मैपिंग की पहल अच्छी होगी, इससे पर्यटन क्षमता में वृद्धि होगी और क्षेत्रा का आर्थिक रूप से विकास होगा। 

कला एवं संस्कृति विभाग, राजस्थान सरकार की शासन सचिव और जेकेके महानिदेशक, श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य कोरोनो वायरस के इस कठिन समय में लोगों को एकजुट करना और कला एवं पुरातत्व में टेक्नोलॉ जी का प्रभावी ढंग से उपयोग करना है। यह हमारे स्मारकों के संरक्षण एवं डिजिटलीकरण में मदद करेगा, विशेष रूप से ऎसे स्मारक जो अल्पज्ञात हैं। कोई भी विभिन्न स्मारकों पर जाकर और किसी भी डिजिटल डिवाइस से फोटो ले सकता है। प्रतियोगिता में अनुभवहीन, गृहणियां, छात्रा अथवा प्रोफेशनल्स भाग ले सकते हैं। 

प्रख्यात फोटोग्राफर, आईएलएफ के श्री अमित पसरीचा ने कहा, “मैप आवर राजस्थान’ प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आईएलएफ के फेसबुक पेज (@IndiaLostFound) और इंस्टाग्राम पेज (@indialostandfound) को लॉक और फोलो करें। उसके बाद इंस्टाग्राम पेज पर बायो में दिए लिंक या फेसबुक पेज पर पिन पोस्ट पर क्लिक करें। इससे एक फॉर्म खुलेगा जिसमें आवश्यक डीटेल्स भरनी होगी और राजस्थान के उस जिले का चयन करना होगा जिसकी डिजिटल मैपिंग करनी है। पंजीकरण करने पर प्रत्येकप्रतिभागीको प्रतियोगिता के नियमों और दिशा-निर्देशों का एकडॉकेटप्राप्त होगा। इस प्रतियोगिता में विभिन्न श्रेणियों में विजेताओं और उपविजेताओं के लिए पुरस्कार होंगे। ये श्रेणियां हैं - द क्विकसिल्वर (फास्टेस्ट डेटाबेस कम्पलीशन), द शार्पशूटर (कॉम्पि्रहेंसिव डेटाबेस), द शटरबग (सर्वश्रेष्ठ चित्रा), दहिडनजेम(दुर्लभतम खोज), द सेवियर (मोस्ट थ्रेटनड साइट), द मल्टीप्लायर (डबल द नंबर ऑफ एंट्रीज) और दरेंजर(पूर्ण रूप से उप-शहरी या ग्रामीण खोज)। प्रतियोगिता के अंत में चयनित प्रविष्टियों की प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी।“

इस पहल के लिए विभिन्न ऑकटेक्ट्स, इतिहासकारों, फ़ोटोग्राफ़रों, कहानीकारों सहित अन्य लोगों ने वीडियो संदेश के माध्यम से अपना समर्थन साझा किया।

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