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जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्लम्बिंग, इलेक्ट्रीशियन एवं फिटर कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु हुआ एमओयू


जयपुर, 6 अक्टूबर। राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) एवं वाटर सेनीटेशन सपोर्ट ओर्गेनाईजेशन (डब्ल्यूएसएसओ), राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन राजस्थान के मध्य मंगलवार को जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्लम्बिंग, इलेक्ट्रीशियन एवं फिटर कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जाने हेतु एक एमओयू किया गया। इस एमओयू के अन्तर्गत राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा चयनित प्रशिक्षण प्रदाताओं के माध्यम से प्लम्बिंग, इलेक्ट्रीशियन एवं फिटर ट्रेड में 15000 प्रति ट्रेड के हिसाब से कुल 45000 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। 

इस एमओयू पर आरएसएलडीसी की ओर से प्रबंध निदेशक, श्री बिष्णु चरण मल्लिक (आईएएस) एवं डब्ल्यूएसएसओ की ओर से निदेशक, श्री अमिताभ शर्मा ने हस्ताक्षर किये। श्री नीरज के पवन, अध्यक्ष राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की अध्यक्षता में किये गये इस एमओयू के संबंध में श्री पवन ने बताया कि ‘‘वाटर सेनीटेशन सपोर्ट ओर्गेनाईजेशन, राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन राजस्थान एवं राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के संयुक्त प्रयासों से राज्य के प्राथमिकता वाले जिलों में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण स्तर पर प्लम्बिंग, इलेक्ट्रीशियन एवं फिटर जैसी आधारभूत सेवाओं के सेवा प्रदाताओं का नितांत अभाव है, जिसके लिये ग्रामीण अंचल के लोगों को शहरों की ओर रुख करना पडता है। दूसरी ओर गांव का युवा उच्च शिक्षा की तरफ न बढ पाने एवं बेरोजगारी की समस्या से ग्रस्त है। जल जीवन मिशन में ग्रामीण व स्थानीय युवाओं को इन क्षेत्रें में आधारभूत प्रशिक्षण दिया जाकर इस खाई को पाटने के प्रयास किये जायेगें।’’ 

योजनान्तर्गत सम्पूर्ण प्रदेश के 33 जिलों में कौशल प्रशिक्षण आयोजित किये जायेगें किन्तु निम्न 22 जिलों अजमेर, अलवर, बांसवाडा, बाडमेर, भरतपुर, भीलवाडा, बीकानेर, चित्तौडगढ, चूरु, डूंगरपुर, हनुमानगढ, जयपुर, जालोर, झुन्झुनू, जोधपुर, करौली, पाली, नागौर, राजसमन्द, सीकर, सिरोही एवं उदयपुर में शीघ्र ही प्राथमिकता से प्रशिक्षण आयोजित किये जाने है।

प्रशिक्षण हेतु ग्राम सभा द्वारा चयनित प्रशिक्षणार्थीयों की सूची जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग द्वारा आरएसएलडीसी को जिलेवार उपलब्ध कराई जाएगी। इन प्रशिक्षणों में महिला आशार्थियों को प्राथमिकता दी जायेगी। तीन दिवसीय प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षणार्थीयों की योग्यता न्यूनतम आयु 18 वर्ष एवं अधिकतम आयु 45 वर्ष होगी। पीएचईडी के साथ पहले से कार्यरत आशार्थियों को आयु में अधिकतम 5 वर्ष छूट देय होगी। वहीं न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास होगी।

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