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असाध्य रोगों से ग्रसित मरीजों की देखभाल व उपचार में कारगर साबित हो रहा पैलिएटिव केयर सेंटर - चिकित्सा मंत्री


- पैलिएटिव केयर डे के अवसर पर चिकित्सा मंत्री ने किया ‘माई केयर-माई कंफर्ट‘ थीम के पोस्टर का विमोचन

जयपुर, 10 अक्टूबर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राज्य में उत्तर भारत का दूसरा ‘पैलिएटिव केयर‘ सेंटर असाध्य रोगों से ग्रसित मरीजों की देखभाल व उपचार में कारगर साबित हो रहा है।

डॉ. शर्मा ने शनिवार को अपने आवास से पैलिएटिव केयर डे के अवसर पर ‘माई केयर-माई कंफर्ट‘ थीम के पोस्टर का विमोचन के दौरान यह बात कही। उन्होंने बताया कि देश में ‘पैलिएटिव केयर‘ अपेक्षाकृत नवीनतम चिकित्सा पद्धति है, जिसके जरिए असाध्य रोगों मसलन (गुर्दे, सांस, फेफडे, कैंसर, न्यरेलजिया, लकवा, मेरूदंड) के मरीजों की देखभाल व उपचार किया जाता है। उन्होंने बताया कि जो मरीज अस्पताल आने की स्थिति में नहीं है, वे सेंटर के जरिए घर पर ही चिकित्सकीय सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं। असाध्य बीमारियों वाले मरीजों के मनोवैज्ञानिक सहायता के लिए काउंसलर की सेवाएं नियमित रूप से उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि एसएमएस अस्पताल में संचालित हो रहे इस यूनिट में तीन वरिष्ठ संकाय सदस्यों को नियुक्त किया गया है, जिनमें एक आचार्य और दो सह आचार्य हैं। प्रतिदिन इसकी ओपीडी का संचालन होता है, जिसमें विभिन्न बीमारियों जैसे आर्थराइटिस, स्लीप डिस्क, कैंसर से ग्रसित मरीजों का उपचार किया जाता है।

गौरतलब है कि ‘पैलिएटिव केयर‘ सुविधा अगस्त 2014 से अमरीका में स्थित गैर सरकारी संस्थान जीवदया फाउंडेशन के सहयोग से चल रही है। वर्ष 2014 से 2020 तक मरीजों की बढ़ती संख्या और इससे दिए जाने वाले लाभों को देखते हुए सरकार ने इसे राज्य के सवाई मानसिंह चिकित्सालय में नया विभाग बनाकर प्रारंभ किया है। उल्लेखनीय है कि यह विभाग उत्तर भारत में एम्स, नई दिल्ली के बाद दूसरा संस्थान है।

पोस्टर विमोचन के दौरान विभागाध्यक्ष डॉ अश्विन माथुर, डॉ. गौरव शर्मा, डॉ. योगेन्द्र सिंघल, डॉ. विकास गुप्ता सहित अनेक विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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