पुलिस के लिए सदैव प्रासंगिक रहेंगे महात्मा गांधी - महानिदेशक पुलिस
जयपुर, 2 अक्टूबर। महानिदेशक पुलिस श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शिक्षाएं और उनके आदर्श पुलिसकर्मियों के लिए आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक है और उनके सिद्धांत सदैव पुलिसकर्मियों के लिए प्रासंगिक रहेंगे । महात्मा गांधी की शिक्षाओं के अनुरूप आचरण करके आत्म चिंतन और अंतरात्मा की आवाज के आधार पर कार्य करके पुलिसकर्मी समाज के समक्ष आदर्श प्रस्तुत कर सकते हैं।
श्री भूपेंद्र सिंह शुक्रवार को राष्ट्रपिता की जयंती के अवसर पर राजस्थान पुलिस अकादमी परिसर में आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी डॉ. प्रतिभा यादव भी मौजूद थी। डीजीपी से संवाद संयुक्त निदेशक प्रचार श्री गोविंद पारीक ने किया।
महानिदेशक ने कहा कि महात्मा गांधी ने आमजन के लिए अपने जीवन काल में अनेक आदर्श प्रस्तुत किए हैं । उन्होंने कहा कि गांधी जी के सिद्धांत- सत्य, अहिंसा, सत्याग्रह आदि के आधार पर समाज को सहिष्णुता, समानता , एकता और विश्व बंधुत्व की सामूहिक विरासत से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि गांधी जी का जीवन सत्य की खोज मे रहा। उन्होंने सत्य को सर्वोच्च कानून एवं अहिंसा को सर्वोत्तम कर्तव्य बताया था।
गांधीजी के अनुसार प्रेम आधारित शक्ति सजा के डर से हजार गुना अधिक होती है। उन्होंने पुलिसकर्मियों से समाज के सभी अंगों को समरूप भाव से देखने तथा प्रेम व धैर्य के साथ नैतिक नियमों पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया।
श्री भूपेंद्र सिंह ने साध्य तथा साधन की पवित्रता पर बल देते हुए गांधी जी की शिक्षा के अनुरूप निष्पक्ष व्यवहार करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने कहा कि अंतरात्मा की आवाज के आधार पर विवेकपूर्ण तरीके से निर्णय लिया जा सकता है । उन्होंने आत्म चिंतन के साथ ही गांधी जी के बताए मार्ग के अनुरूप उपवास, मौन एवं अन्य साधनों को अपनाने पर भी बल दिया।
अतिरिक्त महानिदेशक एवं आरपीए निदेशक श्री राजीव शर्मा ने प्रारम्भ में पुलिस महानिदेशक एवं उनकी धर्मपत्नी का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया एवं गांधीजी के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर राजस्थान पुलिस अकादमी के प्रशिक्षु अधिकारी गण मौजूद थे। इस कार्यक्रम का फेसबुक के माध्यम से सजीव प्रसारण भी किया गया इस सजीव प्रसारण के माध्यम से 4 हजार से भी अधिक व्यक्तियों ने सहभागिता की।
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