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शहर के प्लान्ड डवलपमेंट में निभानी होगी जेडीए के प्रवर्तन शाखा को अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी - आयुक्त, जयपुर विकास प्राधिकरण


जयपुर, 9 अक्टूबर। जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त श्री गौरव गोयल ने मंथन सभागार में प्रवर्तन शाखा के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि जयपुर शहर में भवन विनियम के विरूद्ध निर्माण नहीं हो, इसके लिए जेडीए के प्रवर्तन शाखा को अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभानी होगी।

बैठक में जेडीसी श्री गोयल ने प्रवर्तन शाखा के अधिकारियों को अवैध निर्माण तथा अतिक्रमणों को तीन श्रेणियों में बांटते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रथम श्रेणी के अन्तर्गत सरकारी भूमि पर होने वाले अतिक्रमण के विरूद्ध जीरो टोलरेंस के साथ कार्रवाई करें । द्वितीय श्रेणी के अतिक्रमणों में व्यावसायिक कॉप्लेक्सों में नियमों के विरूद्ध निर्माण, जैसे समुचित पार्किंग सुविधा को ध्यान में रहा जाए। 

भवन निर्माण में 60:40 अनुपात की पालना, फायर फाईटिंग सिस्टम, लाईटनिंग अरेस्टर (प्राकृतिक आपदा से बचाव हेतु) आदि बिंदुओं की पालना हो। जेडीसी ने प्रवर्तन शाखा के अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश कि उक्त सभी नियमों की सख्ती से करवाई जाए पालना, जिससे आमजन के साथ किसी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं हो। उन्होंने तृतीय श्रेणी के अतिक्रमणों के सन्दर्भ में निजी आवासों में नियम विरूद्ध निर्माण करने वालों से अवैध निर्माण नहीं करने के लिए समझाईश करने की बात कही। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुछ आदतन शिकायकर्ताओं द्वारा बार-बार की गई शिकायतों का पूर्णरूप से परीक्षण करने के पश्चात् ही कार्रवाई करें। 

जेडीसी ने प्रवर्तन अधिकारियों को कहा कि कृषि भूमि पर अवैध कालोनी का सृजन किया जाता है तो उसके विरूद्ध राजस्थान टीनेंसी एक्ट की धारा 175 के तहत संबंधित उपखण्ड अधिकारी के यह खातेदारी निरस्त करने की अपील करें। उन्होंने प्रवर्तन शाखा के अधिकारियों को जोन अधिकारियों के साथ समन्वय कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिससे आमजन के कार्याे में ना हो देरी।

जेडीसी ने प्रवर्तन शाखा में लंबित प्रकरणों पर समुचित रूप से पैरवी करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। जेडीसी ने अवैध निर्माणो/अतिक्रमणों के समयबद्ध रूप से निस्तारण/पारदर्शिता के लिए सिस्टम एनालिस्ट को शीघ्र से शीघ्र एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रवर्तन शाखा द्वारा सरकारी भूमि से अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण हटाने के बाद भूमि पर तारबंदी एवं बाउण्ड्रीवाल आदि के लिए टेण्डर जारी करने के निर्देश दिए, जिससे भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा पुनः कब्जा नहीं किया जाए।

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