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पंचायतीराज संस्थाओं के आम चुनाव-2020 : प्रदेश के 21 जिलों में जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के आम चुनाव कार्यक्रम की हुई घोषणा - 23 नवंबर, 27 नवंबर, 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को चार चरणों में होंगे चुनाव


- 2 करोड़ से ज्यादा मतदाता कर सकेंगे मताधिकार का इस्तेमाल 

- कोरोना के संक्रमण को देखते हुए मतदान के समय को आधे घंटे बढ़ाया गया 

- मतदान बूथ पर मतदाताओं की संख्या भी 1100 से घटाकर 900 की 

- केंद्र, राज्य सरकार, चिकित्सा विभाग और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार करवाए जाएंगे चुनाव 

जयपुर, 24 अक्टूबर। राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के 21 जिलों में जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के आम चुनाव चार चरणों में कराने के लिए कार्यक्रम घोषित कर दिया है। प्रथम चरण में 23 नवंबर, द्वितीय चरण में 27 नवंबर, तृतीय चरण में 1 दिसंबर और चतुर्थ चरण में 5 दिसंबर को मतदान होगा। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में आदर्श आचरण संहिता के प्रावधान तुरन्त प्रभावी हो गए हैं, जो चुनाव प्रक्रिया समाप्ति तक लागू रहेंगे। 

चुनाव आयुक्त श्री पी एस मेहरा ने बताया कि राज्य सरकार ने माह जून एवं अगस्त, 2020 में अधिसूचनाएं जारी कर 18 नगरपालिकाओं का नवसृजन किया था। इन नगरपालिकाओं के सृजन से 48 ग्राम पंचायत पूर्ण अथवा आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं। इन पंचायतों के पूर्ण अथवा आंशिक क्षेत्र नगरपालिका में सम्मिलित होने से शेष रहे ग्रामों या क्षेत्रों के पुनर्गठन की प्रक्रिया के बाद संबंधित जिला परिषद एवं पंचायत समिति निर्वाचन क्षेत्र एवं कतिपय स्थानों पर इनके आरक्षण में भी परिवर्तन होना संभावित है। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय में विचाराधीन रिट एवं 4 अन्य समान प्रकृति की याचिकाओं में न्यायालय द्वारा नवीन नगरपालिकाओं के गठन के लिए स्वायत्त शासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचनाओं पर अंतरिम स्थगन प्रदान कर दिया जाने से नवगठित नगरपालिकाओं से प्रभावित पंचायतीराज संस्थाओं की वर्तमान स्थिति स्पष्ट नहीं है। ऎसे में नवसृजित 18 नगरपालिकाओं से प्रभावित उक्तानुसार 12 जिलों में जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के आम चुनाव कराना संभव नहीं है। 

21 जिलों में 2 करोड़ से ज्यादा मतदाता 

चुनाव आयुक्त ने बताया कि प्रदेश के अजमेर, चूरू, नागौर, बांसवाडा, डूंगरपुर, पाली, बाड़मेर, हनुमानगढ़, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, जैसलमेर, राजसमंद, बीकानेर, जालौर, सीकर, बूंदी, झालावाड़, टोंक, चित्तौड़गढ़, झुंझुनूं और उदयपुर जिलों में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव विभिन्न चरणों में करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इन जिलों में 21 जिलों में 2 करोड़ 41 लाख, 87 हजार, 9 सौ 46 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। इन 21 जिलों में 636 जिला परिषद सदस्य, 4371 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव संपन्न होंगे। 

4 नवंबर को अधिसूचना जारी होते ही शुरू हो जाएगी नामांकन प्रक्रिया 

श्री मेहरा ने बताया कि चारों चरणों के लिए संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा 4 नवंबर को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इसी के साथ नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। उन्होंने बताया कि नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि एवं समय 9 नवंबर दोपहर 3 बजे तक रहेगी। नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा 10 नवंबर प्रातः 11 बजे से होगी, जबकि 11 नवंबर दोपहर 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। नाम वापसी के साथ ही चुनाव प्रतीकों का आवंटन एवं चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा। प्रथम चरण के लिए 23 नवंबर, द्वितीय चरण के लिए 27 नवंबर, तृतीय चरण के लिए 1 दिसंबर और चतुर्थ चरण के लिए 5 दिसंबर को प्रातः 7.30 बजे से सायं 5 बजे तक मतदान करवाया जाएगा। मतगणना 8 दिसंबर को प्रातः 9 बजे से सभी जिला मुख्यालयों पर होगी। इसी तरह प्रधान या प्रमुख का चुनाव 10 दिसंबर और उप प्रधान या उप प्रमुख 11 दिसंबर को चुनाव होगा। सायं 5 बजे या मतदान की समाप्ति के साथ ही मतगणना प्रारंभ हो जाएगी। 

मतदान बूथ पर 1100 की बजाए होंगे 900 मतदाता 

श्री मेहरा ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए आयोग द्वारा अब प्रत्येक मतदान बूथ पर मतदाताओं की संख्या भी कम कर 900 कर दी गई है। पूर्व में एक मतदान बूथ पर 1100 मतदाताओं की सीमा निर्धारित थी। मतदाताओं की संख्या के अनुसार 21 जिलों में 33611 मतदान बूथ स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही पंचायत और नगर निगम चुनाव की तरह ही यहां भी मतदान के समय में बढ़ोतरी कर मतदान का समय प्रातः 7.30 बजे से सांय 5.00 बजे तय किया गया है, ताकि मतदाता सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए मतदान कार्य कर सके। 

अभ्यर्थियों के लिए तय की चुनाव खर्च सीमा 

चुनाव आयोग ने जिला परिषद सदस्य के चुनाव लड़ रहे अभ्यर्थियों के लिए 1,50,000 और पंचायत समिति सदस्य के लिए 75,000 रुपए खर्च सीमा निर्धारित की है। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों या राजनैतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार के लिए किए जाने वाले खर्च की निगरानी के लिए संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा रिटनिर्ंग अधिकारी के स्तर पर एक प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा, जो अभ्यर्थियों या राजनैतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार के लिए किए जाने वाले खर्च की सतत् निगरानी रखेगा। 

कोविड संक्रमण से बचाव के लिए बनाई गाइडलाइन 

श्री मेहरा ने बताया कि आयोग द्वारा चुनाव के दौरान विभिन्न गतिविधियों जैसे ईवीएम की प्रथम जाचं, मतदान दलों के प्रशिक्षण, नाम निर्देशन पत्रों का प्रस्तुतिकरण, संवीक्षा एवं नाम वापसी, चुनाव प्रचार, मतदान तथा मतगणना संबंधी चुनाव कार्य में सम्मिलित होने वाले कार्मिकों, चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों और राजनैतिक दलों एवं मतदाताओं को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए पंच एवं सरपंच के चुनाव के लिए गाइडलाइन जारी की गई है, जो इन चुनावों में भी यथाशक्य परिवर्तनों के साथ लागू रहेंगी। निर्वाचन गतिविधियों में सम्मिलित होने वाले सभी व्यक्तियों से आयोग की अपेक्षा है कि वे केन्द्र और राज्य सरकार तथा आयोग द्वारा जारी की गई गाइडलाइनों की भी पूर्ण रूप से पालना करे। 

चुनाव संबंधी समस्या के समाधान के लिए नियन्त्रण कक्ष की स्थापना आयोग मुख्यालय एवं जिला स्तर पर चुनाव की घोषणा के साथ ही चुनाव कार्य से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं आमजन द्वारा भी चुनाव संबंधी किसी भी गतिविधि के बारे में प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए चुनाव नियन्त्रण कक्ष स्थापित कर दिया जाएगा। आमजन 0141-2227786, 0141-2385067, 0141-2385059 पर कॉल कर सकते हैं। यह नियन्त्रण कक्ष 24 बाय 7 रात-दिन लगातार कार्य करेगा।

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