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कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए जयपुर में बनी हैल्प डेस्क, कोई भी चिकित्सालय खाली बैड नहीं होने का बहाना नहीं बना सकेगा - चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री


जयपुर, 11 सितंबर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमितों को अस्पतालों में शय्याओं, वेंटिलेटर्स व अन्य संबंधित जानकारी के लिए जयपुर से हैल्प डेस्क का शुभारंभ किया जा चुका है। प्रदेश के अन्य जिला मुख्यालयों पर भी जल्द हैल्प डेस्क स्थापित की जाएंगी।

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि जयपुर के आरयूएचएस में जिला प्रशासन की निगरानी में हैल्प डेस्क काम करेगी। इसमें एडीएम स्तर के अधिकारी व्यवस्थाओं को देखेंगे। साथ ही दो लोगों का स्टाफ यहां हमेशा उपलब्ध रहेगा। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति मरीज को भर्ती कराने से पहले हैल्प डेस्क पर संपर्क कर सकता है। हैल्प डेस्क मरीजों को संबंधित अस्पतालों की बारे में विस्तार से जानकारी देगी। 

डॉ. शर्मा ने बताया कि कई निजी चिकित्सालयों बैड नहीं होने का बहाना बनाकर मरीजों को रवाना कर देते हैं। हैल्प डेस्क के बाद कोई भी चिकित्सा ऎसा नहीं कर सकेंगे। हैल्प डेस्क पर जिले में सभी सरकारी संस्थानों की शय्याओं, वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन सप्लाई व अन्य सभी वस्तुओं की सूची व तमाम तरह की सूचनाएं उपलब्ध होगी। 

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कोरोना के संक्रमित मरीजों के लिए राज्य सरकार चिकित्सा के आधारभूत ढांचे का मजबूत कर रही है। प्रदेश में वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन युक्त बैड, आईसीयू बैड, सामान्य बैड या कोविड केयर सेंटर या डेडिकेटेड कोविड केयर अस्पताल की समुचित व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों को होटल्स के साथ एमओयू कर निर्धारित दरों पर कमरे उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं। इसके अलावा निजी अस्पताल मरीजों से ज्यादा वसूली नहीं कर सकें इसके लिए भी विस्तार से अध्ययन कर दरें निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना से संबंधित दवाओं व अन्य किसी भी प्रकार के संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी। 

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि हैल्प डेस्क पर नियुक्त व्यक्ति कोविड-19 संक्रमित मरीज के अस्पताल में आते ही उसको भर्ती करवाने आदि में आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे और संबंधित अस्पताल मे बैड उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में संबंधित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (जयपुर के कम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अथवा आरयूएचएस में स्थापित हैल्प डेस्क) से वार्ता कर उक्त मरीज को कोविड-19 के उपचार के लिए अधिकृत किसी अन्य अस्पताल में भर्ती करवाए जाने की व्यवस्था करेगा। इसके लिए वाहन या एंबुलेंस की व्यवस्था संबंधित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा की जाएगी।

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