मंत्रिमण्डल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय : राज्य की नई पर्यटन नीति को मंजूरी
जयपुर, 2 सितंबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में राज्य की नई पर्यटन नीति-2020 का अनुमोदन करने के साथ ही कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
प्रदेश के पर्यटन विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस नई नीति में पर्यटन विकास के नीतिगत दिशा-निर्देश प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य पर्यटन सलाहकार समिति के गठन तथा नीति के समयबद्ध क्रियान्वयन, निगरानी एवं समीक्षा के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सम्बन्धित विभागों के सचिवों की राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति के गठन का प्रावधान किया गया है।
इस नीति में जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता वाली वर्तमान जिला पर्यटन विकास समिति को अधिक कार्यकारी शक्तियां प्रदान की गई हैं। यह समिति जिले के पर्यटन विकास सम्बन्धी सभी कार्यों के लिए जिम्मेदार होगी। पयर्टन विभाग राज्य में कौशल केन्द्रों के प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए राजस्थान आईएलडी कौशल विश्वविद्यालय के सहयोग से एक मास्टर ट्रेनर्स अकादमी स्थापित करेगा। साथ ही, इसमें पर्यटक सहायता बल को मजबूत करने, पर्यटन सेक्टर में स्टार्टअप के लिए स्वप्रमाणन को प्रोत्साहित करने, राज्य के पर्यटन को अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्र पर उभारने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय ब्रान्डिंग की अपनी मौजूदा नीति को पुनः विकसित करने, घरेलू पर्यटन को बढ़़ावा देने के लिए नई विपणन नीति आरम्भ करने के प्रावधान किए गए हैं।
कैबिनेट ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल सोसायटी तथा राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी के द्वारा संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में एनआरआई कोटे की सीटों के लिए एकमुश्त फीस के स्थान पर सेमेस्टर वाईज फीस प्राप्त किए जाने को मंजूरी दी है। इससे इन महाविद्यालयों की एनआरआई कोटे की सभी सीटें भरी जा सकेगी और यह महाविद्यालय आत्मनिर्भर हो सकेंगे।
नशा मुक्ति केन्द्रों के संचालन के लिए बनेंगे नियम
कैबिनेट ने एनडीपीएस अधिनियम-1985 की धारा 78 व सपठित धारा 71 के अन्तर्गत अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार द्वारा नियम जारी किए जाने को मंजूरी दी है। इससे माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों की अनुपालना में राज्य में समुचित नशा मुक्ति केन्द्र खोलने के साथ ही इन केन्द्रों के संचालन के लिए नियम बनाए जा सकेंगे।
भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों का होगा पुनर्वास
कैबिनेट ने राजस्थान भिखारियों या निर्धन व्यक्तियों के पुनर्वास नियम-2020 को अधिसूचित करने को भी मंजूरी दी है। कैबिनेट के इस फैसले से भिक्षावृत्ति में लिप्त या निर्धन व्यक्तियों को स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य से ऎसे व्यक्तियों को प्रशिक्षण के बाद वैकल्पिक रोजगार सुलभ कराने और पुनर्वासित कर समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सकेगा।
कैबिनेट ने अम्बेडकर पीठ ग्राम मूण्डला, तहसील जमवारामगढ़ जयपुर का प्रशासनिक नियंत्रण, समस्त सम्पत्ति एवं परिसम्पत्तियां डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय के संचालन के लिए उच्च शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन भी किया है। कैबिनेट ने राजकीय महाविद्यालय गुढ़ा जिला झुन्झुनूं का नामकरण सेठ श्री केदारनाथ मोदी राजकीय महाविद्यालय गुढ़ा झुन्झुनूं किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
कैबिनेट ने नागौर जिले के मारवाड़ मूण्डवा गांव में अम्बुजा सीमेन्ट लिमिटेड को ग्रीन फील्ड सीमेन्ट प्लांट की स्थापना करने के लिए एक वर्ष का समयावधि विस्तार प्रदान करने का निर्णय किया है। इससे जिले में करीब 2 हजार करोड़ रूपये के निवेश और करीब 5 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार मिल सकेगा।
एपीआरओ के शत-प्रतिशत पदों पर अब सीधी भर्ती
मंत्रिमण्डल ने राजस्थान जनसम्पर्क अधीनस्थ सेवा (संशोधित) नियम 2019 को भी मंजूरी दी है। इससे सहायक जनसम्पर्क अधिकारी के सभी शत-प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जा सकेंगे। साथ ही, इस पद के लिए साक्षात्कार का प्रावधान विलोपित किया गया है। मंत्रिमण्डल ने सार्वजनिक निर्माण विभाग में प्रयोगशाला प्रवर्तक के पद पर सीधी भर्ती के लिए राजस्थान अधीनस्थ अभियांत्रिकी (भवन एवं पथ शाखा) सेवा नियम, 1973 में संशोधन को भी स्वीकृति प्रदान की है।
इसी तरह मंत्रिमण्डल ने सचिवालय में सुरक्षा प्रहरियों के 29 रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के लिए राजस्थान अधीनस्थ सेवा (भर्ती एवं सेवा की अन्य शर्तें) नियम, 2001 में संशोधन को मंजूरी दी है। इस निर्णय से शासन सचिवालय अनुभाग के सुरक्षा प्रहरी के पद को लिखित परीक्षा के माध्यम से सीधी भर्ती से भरने के लिए अर्थना राजस्थान कर्मचारी बोर्ड को भिजवाकर भर्ती की प्रक्रिया पूर्ण की जा सकेगी।
कोविड में सहायता के लिए सितम्बर माह से वेतन कटौती
बैठक में कोविड-19 महामारी के दौरान मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, विधायक, अखिल भारतीय राज्य सेवा के अधिकारी, अधीनस्थ सेवा तथा अन्य राज्य कर्मचारियों के वेतन में कटौती किए जाने का भी निर्णय लिया गया। निर्णय के अनुसार मुख्यमंत्री, मंत्री एवं राज्यमंत्रीगण के प्रत्येक माह के सकल वेतन से 7 दिवस का वेतन प्रतिमाह, समस्त विधायकों के सकल वेतन से एक दिवस का वेतन प्रतिमाह, अखिल भारतीय एवं राज्य सेवा के अधिकारियों का दो दिवस का तथा अधीनस्थ सेवा एवं अन्य राज्य कर्मचारियों के सकल वेतन में से एक दिवस का वेतन प्रतिमाह कटौती कर मुख्यमंत्री सहायता कोष (कोविड सहायता) में जमा कराया जाएगा।
यह कटौती सितम्बर 2020 से की जाएगी। इस राशि का उपयोग कोविड महामारी से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए किया जाएगा। यह कटौती प्रस्ताव राजस्थान उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायाधीशों तथा अधिकारियों एवं कार्मिकों, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों एवं कार्मिकों, पुलिस कॉन्स्टेबल तथा एल-1 से एल-4 के वेतनमान में कार्यरत राज्य सरकार के समस्त कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा।
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