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सार्वजनिक निर्माण विभाग की वीसी के माध्यम से समीक्षा बैठक : स्थानीय जरूरतों के अनुसार कराए जाएं सड़क निर्माण के कार्य - मुख्यमंत्री


जयपुर, 21 सितम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के सुझाव एवं स्थानीय जरूरतों को देखते हुए ग्राम पंचायतों में ग्रामीण विकास पथ, मिसिंग लिंक, सड़क नवीनीकरण अथवा मरम्मत के कार्य कराये जाएं। उन्होंने कहा कि कई बार जनप्रतिनिधि गांवों को जोड़ने वाली सड़क की मांग करते हैं, ऎसे में उनकी मांग तथा क्षेत्र विशेष की जरूरत के अनुसार ग्रामीण विकास पथ अथवा मिसिंग लिंक का कार्य कराया जा सकता है। 

श्री गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सार्वजनिक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। 

क्वालिटी कंट्रोल से किसी तरह का समझौता नहीं हो 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छी एवं गुणवत्तापूर्ण सड़कें बनें यह राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़कों के निर्माण में क्वालिटी कंट्रोल से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाए। विश्व बैंक एवं एशियाई विकास बैंक द्वारा वित्त पोषित सड़कों तथा राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कों की गुणवत्ता जांच स्वतंत्र इंजीनियर द्वारा किए जाने का प्रावधान है। ऎसी ही व्यवस्था आरआईडीएफ के तहत नाबार्ड के माध्यम से बनी हुई सड़कों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए भी लागू करते हुए सड़क निर्माण कार्य का थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन कराया जाए। 

ठेकेदार 5 साल तक करें सड़कों का रखरखाव 

श्री गहलोत ने कहा कि कुछ सड़कों की काफी लम्बे समय तक मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ती और कुछ सड़कें जल्दी खराब हो जाती हैं। ऎसे में गुणवत्ता बनाए रखने की जिम्मेदारी ठेकेदार की होनी चाहिए। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा बनवाई गई सड़कों के रख-रखाव की जिम्मेदारी पांच साल तक सम्बन्धित ठेकेदार की रखने का प्रावधान करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि फिलहाल सड़क बनने के बाद तीन साल तक उसके रख-रखाव की जिम्मेदारी ठेकेदार की होती है। 

बजट घोषणाओं के काम प्राथमिकता से हों 

मुख्यमंत्री ने बजट घोषणाओं पर प्राथमिकता से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होनें सर्वाधिक खराब सड़कों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऎसा सिस्टम तैयार किया जाए कि सर्वे कर ऎसी सड़कों की सूची बने, जिनकी मरम्मत की तत्काल आवश्यकता हो और उन कार्यों को प्राथमिकता से किया जा सके। 

अतिरिक्त मुख्य सचिव, सार्वजनिक निर्माण विभाग श्रीमती वीनू गुप्ता ने वर्तमान में चल रहे सड़क निर्माण एवं मरम्मत कार्यों के बारे में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि 2020-21 की बजट घोषणा के तहत सर्वाधिक खराब 67 सड़कों के कार्य की स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने बताया कि विभाग ने क्वालिटी कंट्रोल विंग बनाया है और क्वालिटी कंट्रोल लैब भी स्थापित की गई हैं। 

समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, सचिव वित्त (बजट) श्री टी. रविकांत, विशिष्ट सचिव वित्त (व्यय) श्री सुधीर शर्मा, शासन सचिव सार्वजनिक निर्माण विभाग श्री चिन्हरी मीणा, मुख्य अभियंता (राष्ट्रीय राजमार्ग) श्री डूंगर राम मेघवाल, मुख्य अभियंता (पीएमजीएसवाय) श्री सुबोध कुमार मलिक, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (पीपीपी) श्री वी.के. सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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