राजस्थान के बेमिसाल हौंसले को मेरा सलाम - राज्यपाल
जयपुर, 14 सितम्बर। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि राजस्थान की भौगोलिक स्थिति की अपनी चुनौतियां हैं। यहां की जलवायु और आबोहवा कभी कभी इतनी चुनौतीपूर्ण हो जाती है कि एक सामान्य व्यक्ति का उस परिस्थिति में रहना कठिन हो जाता है । राजस्थान के रणबांकुरों का ही हौसला है कि वे कठिन परिस्थितियों में भी न सिर्फ हंसते मुस्कुराते रहते हैं बल्कि नायाब चीजों का सृजन करने के लिए भी प्रेरित रहते हैं। राजस्थान के इस बेमिसाल हौंसले को मैं सलाम करता हूं।
राज्यपाल श्री मिश्र सोमवार को यहां राजभवन से वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से इन्दिरा गांधी राष्टीय कला केन्द्र द्वारा आयोजित हिन्दी दिवस पर श्री गुलाब कोठारी की पुस्तक मेरा राजस्थान लोक जीवन की बानगी पुस्तक के लोकार्पण और परिचर्चा के आभासी समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। राजस्थान ने समृद्ध लोक सांस्कृतिक परंपराओं को संजो रखा है। लोक कला के विभिन्न माध्यम जिसमें संगीत, नृत्य, साहित्य, चित्रकला समाहित है, साथ ही साथ आभूषण, वस्त्र विन्यास, खान पान एवं जीवन शैली की निराली शान के लिए राजस्थान की अपनी विशिष्ट पहचान है।
राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान का लोक जीवन प्रकृति से इतना ज्यादा समरस है कि यहां की सम्पूर्ण जीवन शैली, संस्कृति, खान पान, वेशभूषा, लोकाचार, उत्सव, त्यौहार, मेले, पर्व सभी कुछ भौगोलिक परिस्थितियों से जुड़े हुए नजर आते हैं। राजस्थान सामाजिक, सांस्कृतिक और संस्कृति की अमूल्य धरोहर है। यहां आज भी पुरातन सांस्कृतिक परंपरा, यहां की लोककलाएं जीवंत हैं।
राज्यपाल ने कहा कि श्री कोठारी के चिंतन में गहराई है। पुस्तक में राजस्थान के भूगोल का विस्तार से उल्लेख किया है। वास्तव में भूगोल के आधार पर प्रकृति और लोक संस्ति का ज्ञान होता है। लोक परम्पराओं और लोक व्यवहार को स्थानीय मेलो में देखा जा सकता है। श्री मिश्र ने कहा कि श्री कोठारी की यह पुस्तक लोक जीवन पर शोध है। राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान का कण कण ऎतिहासिक है। यहां मरू भूमि, पर्वत, नदी-नाले और जनजातीय इलाकों की हरियाली की अपनी ही गाथा है। समारोह को पूर्व राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा ने भी सम्बोधित किया। पुस्तक के लेखक श्री गुलाब कोठारी ने कहा कि संस्कृति का ज्ञान युवाओं को कराना आवश्यक है। लोगों का अपनी माटी से जोडना होगा। इन्दिरा गांधी राष्टीय कला केन्द्र के अध्यक्ष श्री रामबहादुर राय और सदस्य सचिव डॉ. सचिदानन्द जोशी ने भी समारोह को सम्बोधित किया।
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