मलेरिया एवं मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए सतर्कता बरतें - चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
जयपुर, 11 सितम्बर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कोरोना के साथ ही प्रदेश में वर्षा से प्रभावित स्थानों पर जलजनित एवं मच्छरजनित बीमारियों (डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया) की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं।
श्री शर्मा ने मच्छरों की रोकथाम के लिए एन्टीलार्वल गतिविधिपयों पर अधिक ध्यान देने एवं मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए पानी के ठहराव वाले स्थानों पर एम.एल.ओ. डलवाने के निर्देश दिये। उन्होंने पीने के पानी के टांकों में टेमीफोस डलवाने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी जिलों में हैचरीज का समुचित रख-रखाव सुनिश्चित करने एवं हैचरीज से गम्बूशिया मछलियां तालाब एवं टांको में डलवाने के लिए भी कहा है।
चिकित्सा मंत्री ने चिकित्सा अधिकारियों को स्प्रे का सुपरविजन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि मलेरिया पी.एफ. रोगी एवं डेंगू रोगी पाये जाने पर पायरेथ्रम का फोकल स्प्रे रोगी एवं आसपास के 50 घरों में किया जायेगा। सभी प्रभावित गांवों में शत-प्रतिशत सर्वेलेंस कर नियमित मॉनीटरिंग की जायेगी।
श्री शर्मा ने बुखार पीड़ित रोगियों की त्वरित जांच एवं उपचार करने के साथ ही आउटब्रेक की स्थिति में आवश्यक दवाईयां एवं चिकित्सकीय दल (रैपिड रेस्पोंस टीम) आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा है। उन्होंने चिकित्सा संस्थानों पर चिकित्सकों व पैरामेडिकल नर्सिंग स्टॉफ का मुख्यालय पर ठहराव सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी पेयजल स्रोतों की क्लोरोस्कोप से नियमित जांच करने एवं जलदाय विभाग तथा स्थानीय निकायों के समन्वय से एवं संयुक्त टीम का गठन कर पानी के नमूनीकरण का कार्य अधिक से अधिक कर शुद्ध पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
जिलों में मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए क्लोरीन, ब्लीचिंग पाउडर, ओ.आर.एस. इत्यादि की स्वास्थ्य उपकेन्द्रों तक उपलब्धता, पेयजल स्रोतों के क्लोरीनेशन, पेयजल के नमूनों की जांच, रेपिड रेस्पोन्स टीम के गठन एवं रक्त व अन्य नमूनों की जांच के लिए प्रयोगशालाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। मलेरिया, डेंगू इत्यादि मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाईयां, जांच व अन्य साधनों की व्यवस्था देखने के साथ ही पॉजिटिव प्रकरणों के संबंध में निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कार्यवाही पर सतर्कता से नजर रखने के भी निर्देश दिये गये हैं।
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