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कोरोना संक्रमितों को 30 मिनट में चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराएगा राज्य स्तरीय वॉर रुम - चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री


जयपुर, 21 सितंबर। चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री श्री रघु शर्मा ने बताया कि शासन सचिवालय में 24 घंटे संचालित होने वाला राज्य स्तरीय वॉर रुम महज 30 मिनट में कोरोना संक्रमितों को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि इस वार रूम का हेल्पलाइन नंबर 181 है। 

श्री शर्मा ने बताया कि इस वॉर रूम और इससे संबंधित जिला स्तरीय वॉर रुम के जरिए अधिकतम 30 मिनट में कोरोना मरीज या उनके परिजनों की समस्त समस्याओं का समाधान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय वॉर रुम में राज्य के सभी जिला वॉर रुम में तैनात कर्मचारियों व अधिकारियों के नामों की सूची और मोबाइल नंबर उपलब्ध रहेंगे। वहीं कोविड-19 से संबंधित सभी जांच केन्द्रों की सूचना, निजी व राजकीय कोविड डेडीकेटेड अस्पतालों की लिस्ट भी दूरभाष नंबर के साथ उपलब्ध रहेगी। 

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि जिला स्तरीय वॉर रुम जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिले के प्रमुख डेडिकेटेड अस्पताल में 24 घंटे संचालित किए जाएंगे। उक्त जिला स्तरीय वॉर रुम एक प्रशासनिक अधिकारी, दो चिकित्सक और अन्य कार्मिकों के साथ तीन पारियों में संचालित किए जाएंगे। इन वॉर रुम में कोविड डेडिकेटेड सभी अस्पतालों में उपलब्ध बैड्स की रियल टाइम सूचना व एम्बूलेंस संबंधी जानकारी उपलब्ध रहेगी। उन्होंने बताया कि वॉर रूम की निगरानी के लिए एक दूरभाष नंबर व नेट कनेक्टिविटी के साथ कंम्प्यूटर और सीसीटीवी कैमरे भी स्थापित किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि सभी वॉर रुम में कोविड डैडिकेटेड अस्पतालों में सभी प्रकार के बैड की सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। 

डॉ. शर्मा ने बताया कि आइसोलेशन वाले मरीज या उनके परिजन राज्य स्तरीय वॉर रूम में 181 पर संपर्क अपनी परेशानी बता सकते हैं। इसके बाद यहां तैनात कार्मिक उक्त जानकारी को संबंधित जिला स्तरीय वॉर रुम को उपलब्ध कराने के साथ राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर भी उपलब्ध कराएगा और जल्द से जल्द समस्या के निदान के लिए प्रतिबद्ध होगा। सभी जिला स्तरीय वॉर रूम को निर्देशित किया गया है कि अधिकतम 30 मिनट के भीतर मरीज या परिजन की समस्या को हल किया जाए। उन्होंने बताया कि बिना लक्ष्ण वाले मरीज यदि किसी चिकित्सकीय सलाह की मांग करते हैं तो हैल्प डेस्क पर मौजूद चिकित्सक उसकी मदद करेगा और दवा की मांग होने पर मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के तहत दवा उपलब्ध कराई जाएगी। जबकि लक्ष्ण वाले मरीजों को आग्रह करने पर कोविड डैडिकेटेड अस्पतालों में भर्ती कराने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था कराई जाएगी। 

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जिला स्तरीय वॉर रुम को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू, वेंटिलेटर व अन्य चिकित्सकीय सुविधाओं को जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं और सरकारी रैफरल परिवहन सुविधा द्वारा कोविड अस्पताल में पहुंचा कर भर्ती कराएं। मरीज या उनके परिजन की समस्या का निवारण करने के बाद जिला स्तरीय वॉर रुम में तैनात कार्मिक उक्त जानकारी राज्य स्तरीय वॉर रूम में देगा और राजस्थान संपर्क पोर्टल पर भी दर्ज करेगा और आधे घंटे में जिला स्तरीय वॉर रूम के कार्यवाही नहीं करने पर राज्य स्तरीय वॉर रूम आवश्यक कार्यवाही के लिए उसके निर्देशित कर इसकी सूचना अतिरिक्त जिला कलक्टर को देकर तत्काल समस्या समाधान के लिए कहेगा। 

आरयूएचएस कोविड सेंटर में बैड की संख्या 900 की जाएगी 

डॉ. शर्मा ने अब राज्य के प्रमुख कोविड डेडिकैटेड हॉस्पिटल आरयूएचएस जयपुर में बैड्स की संख्या 500 से बढ़ाकर 900 करने के लिए निर्देश दिए है। जयपुर के मेट्रो मास अस्पताल को भी कोविड सेंटर के रुप में विकसित करने की योजना है। वहीं ईएसआई अस्पताल, रेलवे अस्पताल में भी बैड्स लिए गए है और मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमितों की रिकवरी रेट 83 फीसदी को पार कर गई है जबकि मृत्यु दर 1.16 फीसदी है। यह दर्शाता है कि राजस्थान सरकार कोरोना महामारी से आमजन को बचाने के लिए लगातार अपनी सेवाओं को मजबूत कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी कोविड सेंटर में आक्सीजन सिलेंडरों की पर्याप्त व्यवस्था है। इसके लिए लगातार आक्सीजन सिलेंडरों को प्रिक्योर किया जा रहा है जिससे कि किसी भी मरीज को आक्सीजन की कमी का सामना नहीं करना पड़े। कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में आक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था के लिए जनरेशन प्लांट स्थापित करने का काम भी किया जा रहा है।

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