पौधारोपण भारत छोड़ो आन्दोलन ‘‘अगस्त क्रान्ति’’ को यादगार बनाने का रचनात्मक प्रयास – जिला कलक्टर,जयपुर
- राजकीय पोद्दार विद्यालय में पौधारोपण के बाद दिलाई पर्यावरण रक्षा की शपथ
जयपुर, 9 अगस्त। जिला कलक्टर श्री अन्तर सिंह नेहरा ने रविवार सुबह राजकीय पोद्दार उच्च माध्यमिक विद्यालय में मौलश्री का पौधा रोपकर 9 से 15 अगस्त तक मनाए जाने वाले ‘‘अगस्त क्रान्ति सप्ताह’’ का आगाज किया। उन्होंने सभी उपस्थितों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी दिलाई एवं बेहतर काम करने वाले एनजीओ, व्यक्तियों को प्लान्टर भेंट कर सम्मानित किया।
श्री नेहरा ने इस मौके पर कहा कि हर व्यक्ति को अपने घर के पास दो-तीन पौधे अवश्य लगाने चाहिए। अगस्त क्रान्ति के अवसर को यादगार बनाने के लिए यह एक ऎसा रचनात्मक प्रयास है जिससे एक ओर तो पर्यावरण संरक्षण होगा वहीं दूसरी ओर पौधारोपण करने वाले व्यक्ति को भी व्यवहार में परिवर्तन से सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा जयपुर जिले में 16 लाख से अधिक पौधे वितरित किए जाएंगे एवं वन क्षेत्र में साढे तीन लाख पौधे लगाए जा रहे हैं। मनरेगा में भी करोड़ों रुपए के कार्य वन संरक्षण केे लिए प्रारम्भ किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयास अपनी जगह हैं लेकिन लोगों की भागीदारी सबसे जरूरी है।
जिला परिषद जयपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अतहर आमिर ने कहा कि मानव जीवन को बचाने के लिए पौधे लगाना बहुत जरूरी है। खासकर युवा और बच्चों को इसके लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी से अपील की कि जब भी, जहां मौका मिले पौधे जरूर लगाएं।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के 150वें जयन्ती वर्ष के समारोह के लिए गठित समिति के प्रदेश संयोजक श्री मनीष शर्मा, सदस्य श्री धर्मवीर कटेवा, जिला स्तरीय समिति के संयोजक श्री सवाई सिंह, सह संयोजक श्री विचार व्यास, सामाजिक कार्यकर्ता श्री कृष्ण कुमार हरितवाल, शिक्षा एवं वन विभाग के अधिकारियों सहित एनजीओ के प्रतिनिधि, विद्यार्थी एवं जनसामान्य इस अवसर पर उपस्थित थे। मालवीय नगर, झालाना डूंगरी स्थित शहीद भगत सिंह पार्क में भी पौधारोपण एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
वर्तमान समय में देश, दशा और दिशा परिचर्चा
अगस्त क्रान्ति सप्ताह के पहले दिन रविवार को गांधीनगर बालिका विद्यालय में अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन की वर्षगांठ पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक श्री सवाई सिंह ने इस मौके पर कहा कि आज के भारत की दशा और दिशा ठीक करने के लिए काफी काम किया जाना है। गांधी जी द्वारा बताए गए सात पापों में से अधिकांश आज भी विद्यमान हैं। इसके लिए मूल्यों की स्थापना करनी होगी और व्यवस्था परिवर्तन किया जाना जरूरी है अन्यथा लोकतन्त्र नाम का ही रह जाएगा।
श्री हसन ने कहा कि बच्चे मां-बाप और शिक्षक का अनुसरण करते हैं। हमें संस्थाओं को सुधारना होगा। आज प्रशिक्षण तो दिया जा रहा है, शिक्षा नहीं है। राजस्थान समग्र सेवा संघ के श्री अरविन्द भारद्वाज ने कहा कि ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ में उस समय प्रयुक्त शब्द ‘अंग्रेज’ को आज एक आततायी या शोषक के रूप में देखा जाए तो गांधी जी का यह आंन्दोलन और यह नारा आज भी प्रासंगिक है क्योंकि समाज-देश में शोषणा खत्म नहीं हुआ है।
सामाजिक कार्यकर्ता श्री कृष्ण कुमार हरितवाल ने कहा कि आज हर आदमी बोलने से डरता है। इस स्थिति को बदलने के प्रयास छोटे-छोटे समूहों से प्रारम्भ कर बडे़ आन्दोलन तक किए जाने चाहिए। डॉ.एन.खींचा ने कहा कि महात्मा गांधी अपने आन्दोलनों में इसलिए सफल रहे क्योंकि उनका कोई हिडन एजेंडा नहीं था। आज इस तरह की सच्चाई देखने में नहीं मिलती। परिचर्चा में समिति के सह संयोजक श्री विचार व्यास, राजस्थान नागरिक मंच के श्री रामचन्द्र शर्मा एवं श्री अनिल कुमार जैन, श्री जयसिंह राजोरिया, राजस्थान समग्र सेवा संघ के श्री अनिल गोस्वामी, श्री आरएस देव एवं अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए।
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