मुख्यमंत्री का बड़ा निर्णय : असंगठित क्षेत्र के कामगारों के कल्याण के लिए जल्द बनेगा बोर्ड
जयपुर, 4 अगस्त। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने
प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के लाखों कामगारों के कल्याण के लिए बड़ा निर्णय लिया है।
उन्होंने इनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए ‘स्टेट
सोशल सिक्योरिटी बोर्ड फॉर अनऑर्गनाइज्ड वर्कर्स‘ का गठन जल्द करने के निर्देश दिए हैं। यह
बोर्ड इन श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की रूपरेखा तैयार करेगा।
श्री गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास
पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से श्रम तथा कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग की समीक्षा बैठक
को संबोधित कर रहे थे। बैठक में सभी जिला कलेक्टर एवं संबंधित विभागों के जिला स्तरीय
अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुडे़।
वंचित निर्माण श्रमिकों के पंजीयन के लिए
चलाएं अभियान
मुख्यमंत्री ने वंचित पात्र निर्माण श्रमिकों
का भवन एवं अन्य संन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के माध्यम से पंजीयन करने के लिए
प्रदेशभर में अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं, ताकि हर पात्र श्रमिक को बोर्ड के माध्यम
से संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने निर्देश दिए कि श्रम
विभाग के अधिकारी चौखटी तथा निर्माण स्थलों पर जाकर वंचित श्रमिकों को पंजीयन कराने
के लिए प्रेरित करें।
उद्योगों की मांग के अनुरूप हो कौशल विकास
कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग की समीक्षा करते
हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें उद्योगों की मांग
के अनुरूप प्रशिक्षित करना जरूरी है। इसके लिए वृहद स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित
किए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि कौशल विकास के लिए वर्तमान में कई तरह की योजनाएं
चल रही हैं। इन योजनाओं को एकीकृत एवं सरल बनाया जाए ताकि युवाओं को इनका लाभ लेने
में आसानी हो।
जिला रोजगार अधिकारी अब जिला रोजगार एवं
कौशल विकास अधिकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के
इस दौर में रोजगार का बड़ा संकट पैदा हुआ है। ऐसे में युवाओं एवं श्रमिकों को रोजगार
से जोड़ने के लिए उनका कौशल विकास किया जाना जरूरी है। उन्होंने निर्देश दिए कि इसके
लिए तैयार किए राजकौशल पोर्टल का जिला कलेक्टर बेहतर उपयोग सुनिश्चित करवाएं। उन्होंने
कहा कि रोजगार एवं कौशल विकास एक-दूसरे के पूरक हैं, ऐसे में जिला रोजगार अधिकारी का पदनाम अब
जिला रोजगार एवं कौशल विकास अधिकारी किया जाए।
श्रम राज्यमंत्री श्री टीकाराम जूली ने कहा
कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए बोर्ड के रूप में मुख्यमंत्री ने एक बड़ी पहल
की है। निश्चित रूप से इसका फायदा लाखों श्रमिकों एवं उनके परिवारों को मिल सकेगा।
कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता राज्यमंत्री श्री अशोक
चांदना ने कहा कि प्रदेश में 229 सरकारी एवं 1700 से अधिक निजी आईटीआई का बड़ा नेटवर्क
मौजूद है। उन्होंने इनका कौशल विकास में बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने पर बल देते हुए
कहा कि इन संस्थानों में इण्स्ट्री एवं बाजार की जरूरतों के मुताबिक पाठ्यक्रम तैयार
किए जाएं। साथ ही इनकी गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दिया जाए और नियमित निरीक्षण किया जाए।
विभागीय योजनाओं का प्रस्तुतीकरण देते हुए
शासन सचिव,
श्रम, नियोजन, कौशल एवं उद्यमिता विभाग श्री नीरज के पवन
ने बताया कि बीते डेढ़ साल में एक लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने
बताया कि युवाओं को इंग्लिष, आई.टी.
एवं पर्सनेलिटी डेवलपमेंट का प्रषिक्षण भी दिया जा रहा है। राजकौशल पोर्टल पर 52 लाख
54 हजार श्रमिकों का पंजीयन किया गया है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, प्रबंध निदेशक आरएसएलडीसी श्री बिष्णु चरण मल्लिक, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी, श्रम आयुक्त श्री प्रतीक झाझड़िया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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