मोबाइल ओपीडी वैन के जरिए मिलेंगी नि:शुल्क दवा, जांच के लिए सैंपल भी लिए जाएंगे - चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
जयपुर, 13 अगस्त। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश में चल रही मोबाइल ओपीडी वैनों के जरिए आमजन को न केवल ‘मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना’ के तहत दी जाने वाली दवाओं का वितरण किया जाएगा बल्कि जरूरी जांच के लिए सैंपल लेने की सुविधा भी इन वैनों में उपलब्ध करा जाएगी।
डॉ. शर्मा ने कहा कि वर्तमान में ज्यादातर अस्पतालों को कोविड फ्री कर दिया गया है फिर भी सरकार ने प्रदेश भर में चलाई जा रही मोबाइल ओपीडी वैन के जरिए आमजन को और अधिक राहत देने के लिए निःशुल्क दवा और जांच योजना की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि 2011 में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने देश की सबसे लोकप्रिय ‘मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना‘ का शुभारंभ किया। 2013 में मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना भी प्रारंभ की गई। दोनों योजनाएं देश भर में नजीर बनी। उन्होंने बताया कि कोरोना के अलावा बीमारियों के उपचार के लिए प्रदेश में चल रही मोबाइल ओपीडी वैन के जरिए हजारों लोग प्रतिदिन चिकित्सा सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं।
एंटीजन टेस्ट पर पुनःविचार के लिए आईसीएमआर को लिखा
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि एंटीजन टेस्ट की जांच सही नहीं पाए जाने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने आईसीएमआर को एंटीजन टेस्ट पर पुनर्विचार और इसकी गुणवत्ता में सुधार करने के लिए लिखा है। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी राज्य सरकार द्वारा रेपिड टेस्टिकिट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करने के बाद केंद्र सरकार को देश भर में किट के इस्तेमाल पर रोक लगानी पड़ी थी।
कोरोना से होने वाली मृत्युदर शून्य पर लाने के होंगे प्रयास
डॉ.शर्मा ने बताया कि प्रदेश भी में जीवनरक्षक इंजेक्शन की खरीद आरएमएससीएल के द्वारा कर ली गई है। सभी जिला अस्पतालों में ये इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में कोरोना से होने वाली मृत्युदर 1.4 रह गई है। इस दर को शून्य पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्लाज्मा दान के प्रति बढ़ रही जागरूकता
उन्होंने बताया कि कोरोना में प्लाज्मा थेरेपी अहम पद्धति साबित हुई है। जिन लोगों को थेरेपर दी गई थी, वे अब पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि लोगों में प्लाज्मा दान के प्रति अब जागरूकता आने लगी है। जो लोग कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुए हैं, वे आगे आकर अपना प्लाज्मा दान कर रहे हैं। पिछले दिनों झुंझनूं में 48 लोगों ने प्लाज्मा दान किया है। जोधपुर के कलेक्टर ने पॉजिटिव से नेगेटिव होने के बाद प्लाज्मा दान कर लोगों की प्रेरणा बने हैं। जोधपुर में प्लाज्मा कैंप लग रहा है, पाली व अन्य जिलों में व्यापक स्तर पर कैंप आयोजित कर लोगों को प्लाज्मा दान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कोरोना डिफिटर्स से अपील करते हुए कहा कि प्लाज्मा दान देने से कोई परेशानी, कोई कमजोरी नहीं आती लेकिन इस कोशिश से किसी की जिंदगी जरूर बच सकती है।
प्रतिदिन हो रही हैं 32 हजार से ज्यादा जांचें
डॉ.शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में पॉजिटिव केसेज के मामलों में बढ़ोतरी हुई लेकिन बढ़ती संख्या के पीछे ज्यादा जांचें होना भी है। प्रदेश में 32 हजार से ज्यादा जांचें प्रतिदिन की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादा लोग असिंप्टोमेटिक हैं, ऎसे में जितनी ज्यादा जांचें होंगी उतनी ही जल्द हम कोरोना के प्रसार को थाम सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य बेहतर रिकवरी और कोरोना से होने वाली मृत्युदर को कम करना है। इसके लिए विभाग और सरकार द्वारा कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है। राज्य में 73-74 फीसद मरीज बेहतर उपचार के बाद ठीक हो रहे हैं, वहीं कोरोना से होने वाली मृत्युदर 1.4 फीसद हो गई है।
मुख्यमंत्री के प्रयासों से कोरोना रोकथाम में प्रदेश रहा अग्रणी
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जिस सतर्कता और सजगता के साथ सैंकड़ों वीडियो कॉन्फ्रेस, मीटिंग्स ली हैं और पल-पल पर हमेशा नजर रखी है, उसी का परिणाम है कि कोरोना की रोकथाम के हर पैमाने पर राजस्थान अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर खड़ा नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि यही प्रयास आगे भी जारी रहेंगे ताकि आमजन को कोरोना के कुप्रभाव से बचाया जा सके।
क्वारंटीन सुविधाओं को और बेहतर बनाया जाएगा उन्होंने बताया कि क्वारंटीन सुविधाओं के क्रियान्वयन को बेहतर करने के लिए कमेटियों का गठन किया गया था। अब इन कमेटियों को फिर से प्रभावी बनाकर गांव-गांव तक क्वारंटीन व्यवस्था को मजबूती दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी चिकित्सा अधिकारी, सरपंच, जन प्रतिनिधि व अन्य अधिकारियों को होम क्वारंटीन सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए निर्देश दिए जाएंगे।
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